हापुड़ में युवक ने निगले 29 चम्मच, 19 टूथब्रश:4-6 कप पेट में आराम से समा सकते हैं; बच्चों के मिट्‌टी खाने से कितना अलग?

हापुड़ में 40 साल के सचिन ने नशे के गुस्से में 29 चम्मच, 19 टूथब्रश और 2 पेन निगल लिए। पेट में दर्द बढ़ने पर अस्पताल पहुंचा। वहां 5 घंटे चली सर्जरी के बाद यह खतरनाक सामान बाहर निकाला गया। अब युवक सुरक्षित है। लेकिन, यह मामला मेडिकल साइंस के लिए भी बेहद हैरान करने वाला साबित हुआ। सवाल है कि कोई इंसान कैसे चम्मच, टूथब्रश और पेन जैसी चीजें निगल लेता है? इतनी बड़ी-बड़ी और कठोर चीजें पेट में कैसे समा सकती हैं? पेट और आंतों की संरचना कितनी जगह दे सकती है कि 60 से ज्यादा चीजें अंदर चली जाएं? मेडिकल साइंस में इस तरह की घटनाओं को किस तरह दर्ज किया जाता है ? पढ़िए इन सारे सवालों के जवाब दैनिक भास्कर एक्सप्लेनर में… सबसे पहले जानिए क्या है मामला?
बुलंदशहर का रहने वाला सचिन नशे का आदी था। घरवाले उससे काफी परेशान रहते थे। कई बार समझाने के बाद भी जब सचिन नहीं माना, तो घरवाले उसको गाजियाबाद के नशा मुक्ति केंद्र में छोड़ आए। सचिन इस बात से बहुत गुस्से में था। नशा मुक्ति केंद्र में करीब 1 महीने रहा। इस दौरान उसने गुस्से में स्टील के चम्मच और टूथब्रश खाना शुरू कर दिया। इससे उसे पेट दर्द, उल्टी और वीकनेस महसूस होने लगी। कुछ समय बाद उसके पेट में दर्द होने लगा। उल्टी और वीकनेस महसूस होने लगी। 17 सितंबर को घरवाले उसे हापुड़ के देवनंदनी अस्पताल लेकर आए। यहां एक्स-रे और सीटी स्कैन कराया गया, तो डॉक्टरों के होश उड़ गए। उसके पेट में धातु और प्लास्टिक की चीजें फंसी नजर आईं। डॉक्टर श्याम कुमार समेत 5 लोगों की टीम ने 5 घंटे ऑपरेशन के बाद 29 स्टील के चम्मच, 19 टूथब्रश और दो नुकीले पेन समेत 50 चीजों को बाहर निकाला। 23 सितंबर को डॉक्टरों ने उसे डिस्चार्ज कर दिया। सवाल: लोग ऐसा क्यों करते है?
जवाब: गोरखपुर जिला अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. अमित शाही बताते हैं- सचिन ने जिस तरह बड़ी संख्या में चम्मच, ब्रश और पेन जैसी वस्तुएं निगल लीं, वह गुस्से की एक अभिव्यक्ति थी। इसके पीछे मानसिक विकार है। इस स्थिति को साइकोसिस डिसऑर्डर कहा जाता है। इसमें व्यक्ति का सोचने और समझने का संतुलन बिगड़ जाता है। इस कारण वह वास्तविकता से कटकर असामान्य व्यवहार करने लगता है। सवाल: कोई इंसान आखिर क्यों चम्मच, टूथब्रश और पेन जैसी चीजें निगल लेता है?
जवाब: मेडिकल साइंस के अनुसार, जब भी हम कुछ खाते है, तो जीभ और गले की मांसपेशियां एक्टिव हो जाती हैं। ऑटोमैटिक दरवाजे की तरह काम करती हैं। इससे खाना पेट तक पहुंच जाता है। लेकिन, बड़े आकार की चीजों पर यह काम नहीं करती। कई बार सिर्फ रोटी का बड़ा टुकड़ा भी अटक सकता है। ऐसे में चम्मच या ब्रश जैसी वस्तुओं का निगलना तभी संभव है, जब कोई व्यक्ति गुस्से या जबरदस्ती में ऐसा करे। इस स्थिति में वह चम्मच और ब्रश जैसी चीजें भी अंदर धकेल सकता है। लेकिन, यह बेहद खतरनाक है। गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर अंशुमन बताते हैं- कोई इंसान ऐसी हरकतें तब करता है, जब वह किसी मानसिक विकार से पीड़ित होता है। ऐसी स्थिति में दर्द भी होता है, लेकिन, व्यक्ति उसे महसूस नहीं कर पाता। क्योंकि, वह बिना सोचे-समझे या मानसिक भ्रम की अवस्था में यह कदम उठाता है। सवाल: पेट और आंतों की संरचना कितनी जगह दे सकती है कि इतनी चीजें अंदर चली जाएं?
जवाब: गैस्ट्रो सर्जन डॉक्टर अंशुमन बताते हैं- इंसान का पेट J-आकार का थैलीनुमा होता है। इसकी क्षमता सीमित होती है। सामान्य तौर पर एक हेल्दी पेट में 1 से 1.5 लीटर तक भोजन या तरल पदार्थ समा सकता है। यानी औसतन 4 से 6 कप तक खाना एक बार में आसानी से रखा जा सकता है। हालांकि, जरूरत से ज्यादा खाने की आदत सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकती है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही भोजन करना चाहिए। सवाल: ये कितना खतरनाक, क्या कहते है एक्सपर्ट?
जवाब: 29 चम्मच और 19 ब्रश अपने आप में चौंकाने वाले आंकड़े हैं। एक अकेला चम्मच भी पेट के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। वजह यह कि चम्मच पेट या आंत की दीवार को घायल कर सकता है। इससे इंटरनल ब्लीडिंग और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, स्थिति जानलेवा हो सकती है। एनसीबीआई की रिपोर्ट बताती है कि अगर मेटल की कोई चीज बॉडी के अंदर चली जाए, तो वह भोजन नली (एसोफैगस) में रुकावट पैदा कर सकती है। या उसे काट सकती है। वहीं, पेट में मौजूद अम्ल (एसिड), जिसका काम बैक्टीरिया को खत्म करना होता है। अगर पेट की दीवार में छेद हो जाए, तो इन्फेक्शन पूरी बॉडी में फैल सकता है। एक्सपर्ट के मुताबिक, ऐसी स्थिति में बुखार, पेट फूलना और उल्टी जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। यही नहीं, इससे आंतों में रुकावट भी हो सकती है। इस कारण भोजन का आगे बढ़ना रुक जाता है। इतना ही नहीं, ये वस्तुएं पेट तक पहुंचने से पहले ही सांस की नली में फंसकर दम घुटने जैसी समस्या भी पैदा कर सकती हैं। सवाल: पिका (PICA) डिसऑर्डर क्या है ?
जवाब: डॉ. अमित शाही बताते हैं- पिका डिसऑर्डर आमतौर पर बच्चों में देखने को मिलता है। 2 से 6 साल की उम्र में अक्सर बच्चों को पिका (PICA) की समस्या होती है। ज्यादातर मामलों में यह अपने आप ठीक हो जाती है। इस उम्र में बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास तेजी से हो रहा होता है। इसलिए उन्हें ज्यादा पोषक तत्वों की जरूरत होती है। बैलेंस्ड डाइट न मिलने पर शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और PICA की समस्या होती है। इस स्थिति में बच्चा ऐसी चीजें खाने या चबाने लगता है, जो सामान्य तौर पर खाने योग्य नहीं होतीं। डॉ. शाही के अनुसार, इसके सामान्य लक्षणों में शामिल हैं… सवाल: कई बार लोग बाल भी खा लेते हैं। मेडिकल की भाषा में इसको क्या कहते हैं?
जवाब: डॉ. अमित शाही बताते हैं- मेडिकल साइंस में इसे ट्राईकोफैजिया (Trichophagia) कहा जाता है। यह अक्सर ट्राईकोटिलोमेनिया (Trichotillomania) के साथ जुड़ा होता है। इसमें व्यक्ति स्वयं अपने बाल उखाड़ने की आदत डाल लेता है। यह व्यवहार आमतौर पर मानसिक तनाव, चिंता या ओब्सेसिव-कंपल्सिव डिसऑर्डर (OCD) से जुड़ा हो सकता है। अगर लंबे समय तक बाल निगले जाएं, तो यह पेट या आंत में बालों का गोला ट्राईकोबिजायर (Trichobezoar) बना सकता है। दरअसल, बाल को हमारा डाइजेस्टिव सिस्टम पचा नहीं सकता। इसलिए बाल पेट की दीवार में जाकर चिपकते रहते हैं। अगर कोई व्यक्ति लगातार बाल खा रहा है, तो ये चिपकते-चिपकते गुच्छे का आकार ले लेते हैं। इससे उल्टी, पेट में दर्द जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ————————— ये खबर भी पढ़ें… दशहरे पर राजा भैया दिखाएंगे अपने शस्त्रागार के हथियार, करीबी MLC बोले- उस दिन पूजा होती है, जिसको देखना है आ जाए बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के पास हथियारों का जखीरा है। यह शिकायत उनकी पत्नी भानवी सिंह ने पीएमओ से की है। इस पर राजा भैया के सबसे करीबी एमएलसी अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल जी ने कहा कि उनकी पत्नी 10 साल से अलग रह रही हैं। ऐसे में उन्हें हथियारों की फोटो कहां से मिल गई? पहले तो उनकी ही जांच होनी चाहिए। उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। दरअसल, भानवी सिंह का आरोप है कि उनके पति के पास मास डिस्ट्रक्शन वाले हथियारों का बड़ा जखीरा है। यह जन सुरक्षा और आंतरिक शांति के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। कितने खतरनाक होते है ये हथियार? इन हथियारों से किन पर हमला हो चुका है ? Arms Act और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कौन से प्रावधान लागू होंगे? पढ़िए पूरी खबर…