आईफोन के लिए कारोबारी के बेटे का अपहरण:प्रयागराज में 16 साल के किडनैपर ने सिर पर पत्थर मारे, 15 दिन कोमा में रहा

प्रयागराज में 9 साल के अंश की किडनैपिंग में चौंकाने वाला फैक्ट सामने आया। उसका किडनैपर कोई और नहीं, घर से सिर्फ 200 मीटर दूर रहने वाला 16 साल का लड़का हरि केसरवानी (बदला हुआ नाम) निकला। सवाल उठा कि हरि ने किडनैपिंग की क्यों? पुलिस कस्टडी में आरोपी ने कहा- मैं ऑनलाइन गेमिंग में 52 हजार रुपए हार गया था। इसमें 46 हजार रुपए 3 दोस्तों से उधार लिए थे। वापस नहीं कर पा रहा था। गेमिंग खेलने के लिए मुझे आईफोन-17 की जरूरत थी, इसलिए किडनैपिंग के लिए अंश को चुना। 2 लाख रुपए की फिरौती मांगनी थी, मगर फिरौती की पर्ची देने से पहले ही अंश बेहोशी हालत में मिल गया। मैंने उसे मरा समझकर फेंका था। पुलिस ने पूछा- तुमने अपने घर के करीब रहने वाले बच्चे को ही क्यों चुना? हरि ने इसके 2 कारण बताए। हरि ने कहा- मुझे ये नहीं पता था कि जिस अंश को मैं मरा हुआ समझ रहा था, वो 15 दिन बाद होश में आ जाएगा। पुलिस ने हरि को बाल सुधार गृह (बच्चा जेल) में भेजा है। 29 सितंबर को लखनऊ के मैक्स हॉस्पिटल से डिस्चार्ज होकर अंश प्रयागराज में अपने घर पहुंचा। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर अंश की किडनैपिंग और फिर मेडिकली रिकवर होने की पूरी कहानी समझी। पढ़िए रिपोर्ट… अब कहानी अपहरण की पिता बोले- 21 अगस्त को अचानक अंश लापता हो गया
प्रयागराज के कौंधियारा इलाके के जारी बाजार में गल्ला व्यापारी राजेश केसरवानी रहते हैं। उनका 9 साल का बेटा अंश 21 अगस्त को अचानक लापता हो गया। राजेश कहते हैं- बहुत ढूंढा, मगर उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद हम लोग कौंधियारा थाने गए। बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराई। 22 अगस्त को अंश हमारे घर से करीब 3 Km दूर नहर के पीछे झाड़ियों में मिला। वह खून से लथपथ था। उसके हाथ-पैर साड़ी से बंधे थे। सिर पर गहरे घाव थे। चेहरे पर चींटियां रेंग रही थी। कीड़े चिपके हुए थे। बस अंश की सांस चल रही थी। उसे एक प्राइवेट हॉस्पिटल ले गए, जहां से उसे लखनऊ रेफर कर दिया गया। अंश कुछ भी बता पाने की हालात में नहीं था। वो होश में आने पर दर्द से कराह रहा था। पिता बोले– अंश 1 से ज्यादा लोगों के नाम ले रहा
राजेश कहते हैं- लखनऊ में इलाज के दौरान मैक्स हॉस्पिटल के डॉक्टर्स ने बताया कि अंश एक तरह से कोमा में चला गया है। 15 दिन के बाद लंबे इलाज के बाद मेरा बच्चा होश में आया। अब उसकी मेडिकल कंडिशन स्थिर है। 20 दिन बाद वो बयान दे रहा है। पुलिस ने बयान ले भी लिया। उसने हरि के अलावा कुछ और लोगों के नाम भी बताए हैं। मगर पुलिस उन लोगों को अरेस्ट नहीं कर रही है। हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं। आगे उनके साथ कोई हादसा हो गया तो पुलिस जिम्मेदार होगी। अंश ने कहा- मुझे घर ले जाकर पीटा
पिता राजेश के आरोपों के सपोर्ट में एक कहानी अंश ने भी सुनाई। जिसमें हरि अगवा करने के बाद उसको पहले अपने घर ले गया। वहां पर उसकी पिटाई की। फिर वो झाड़ियों में कैसे पहुंचा? ये अंश क्लियर नहीं कर सका। अंश ने होश आने के बाद पुलिस को बताया- हरि पहले मुझे अपने घर ले गया। कहा था कि मुझे गोली (कंचे) देगा। वहां मेरे साथ मारपीट की गई। डंडे और चिमटा से मुझे मारा गया। बोले कि अगर रुपए नहीं मिले तो तुम्हें मारकर फेंक दिया जाएगा। फिर मेरे सिर पर कुछ भारी चीज मार दी। मुझे कुछ पता नहीं चला। CCTV में हरि दिखा, सबूत नहीं थे, छोड़ना पड़ा
अंश घर के पास से लापता हुआ था, ऐसे में पुलिस ने पूरे एरिया के 25 CCTV फुटेज देखीं। एक स्पॉट पर CCTV में अंश नजर आया। उसके पीछे की फुटेज में घर से 200 मीटर दूर रहने वाला हरि नजर आया। चूंकि वो भी उसी एरिया में रहता था, इसलिए सीधे तौर पर किडनैपिंग के आरोप हरि पर नहीं लगे। मगर अंश के परिवार और पुलिस को हरि पर शक हो गया। चूंकि हरि 16 साल का है, इसलिए पुलिस ने उसको थाने बुलाकर पूछताछ की। मगर वह लगातार पुलिस को अपनी कहानी में गुमराह करता रहा। इधर, अंश 15वें दिन होश में आ गया। मगर बयान देने की स्थिति में आने में 5 दिन और लग गए। उसने पूरी तरह से ठीक होने पर हरि का नाम लिया। इसके बाद प्रयागराज में पुलिस ने हरि को एक बार फिर हिरासत में लिया और सख्ती से पूछताछ की। अब किडनैपिंग का राज खुलकर सामने आ गया। पढ़िए हरि ने पुलिस को क्या बताया- पुलिस ने पूछा- किडनैपिंग की प्लानिंग क्यों की?
हरि ने कहा- मेरे पापा की किराने की दुकान है। मैंने 8वीं तक पढ़ाई की। इसके बाद स्कूल छोड़ दिया। मैं ऑनलाइन गेम बहुत खेलता था। घर से जो भी रुपए मिलते, वो ऑनलाइन गेमिंग में खर्च हो जाते थे। धीरे-धीरे मेरे 3 दोस्तों का मेरे ऊपर 46 हजार रुपए उधार हो गया। वह मेरे ऊपर दबाव बना रहे थे कि मैं रुपए वापस कर दूं। दूसरी तरफ, मेरा मोबाइल भी खराब हो गया था। मैं ठीक से गेम खेल भी नहीं पा रहा था। टीवी पर आईफोन 17 प्रो लॉन्चिंग का ऐड देखा था। मैं उसको खरीदने की प्लानिंग करने लगा। नए मोबाइल और दोस्तों का उधार चुकता करने के लिए मैं समझ गया कि कुछ बड़ा करना पड़ेगा। पुलिस ने पूछा- अंश को कैसे किडनैप किया?
हरि ने कहा- मुझसे अंश अक्सर मिलता रहता था, इसलिए वो मुझे आसान टारगेट लगा। ये कोई 21 अगस्त की बात है। अकेला देखकर मैंने अंश को खेलने के बहाने बुलाया। उसको अपने घर ले गया। इसके बाद बहाने से उसे नहर के पीछे जंगल वाले इलाके में ले गया। वहां सन्नाटा रहता है, मैंने अंश के सिर पर पत्थर से वार किया। वो बेहोश हो गया। फिर मैंने 3 से 4 बार और पत्थर मारे। एक साड़ी मैं साथ लेकर गया था। उससे हाथ-पैर बांधे और अंश को झाड़ियों के बीच लिटा दिया। मुझे ऐसा लगा कि अंश की सांसें थम चुकी हैं। बॉडी के ऊपर पेड़ की डाल, पत्तियां डाल दीं, ताकि किसी को कुछ नजर न आए। इसके बाद मैं अपने घर चला गया। इधर, अंश के परिवार के लोग उसको तलाश कर रहे थे। मैं भी उनके साथ अंश को ढूंढने का ड्रामा करने लगा। पुलिस ने पूछा- कितनी फिरौती मांगने वाले थे?
हरि ने कहा- मैं 2 लाख रुपए मांगने वाला था। मैं अंश को मारना नहीं चाहता था, लेकिन डर की वजह से कई बार पत्थर मारे। इसके बाद डर गया और वहां से भाग गया। घर आकर उसने पापा से रुपए वसूलने की प्लानिंग की। अंश को वहां फेंकने के बाद मैं एक पर्चा लिखने वाला था। उसमें लिखा- अंश को अगवा कर लिया गया है। तुरंत दो लाख रुपए नहर रोड पर एक पत्थर के नीचे दबाकर रख दो। नहीं तो अंश को मार दिया जाएगा। पुलिस को खबर देने की गलती नहीं करना। हरि ने कहा- मैं ये पर्ची राजेश तक किसी बहाने से पहुंचा पाता, इससे पहले ही उनके घर में हंगामा शुरू हो गया। फिर मैं रात में घर लौट आया, अगले दिन अंश की बॉडी मिल गई। तब पता चला कि उसकी तो सांस चल रही है, मैं डर गया। पुलिस भी आ गई थी, इसलिए फिरौती वाली पर्ची अंश के पापा तक नहीं पहुंचा सका। अब जानिए कि अंश की जान कैसे बची… झाड़ियों में अंश पर एक मिस्त्री की निगाह पड़ी दरअसल, गांव के रहने वाले एक मिस्त्री लकड़ी के जुगाड़ में झाड़ियों के बीच पहुंच गया। वहां अंश को पड़ा देख गांव वालों को बुलाया। पुलिस पहुंची तो खबर अंश के घरवालों को मिली। इसके बाद हंगामा मच गया। अंश को एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टर ने बताया कि अंश कोमा में चला गया था। इस मामले में कौंधियारा ACP अब्दुल सलमान खान ने कहा- कारोबारी के बेटे का अपहरण एक नाबालिग ने किया था। 2 लाख रुपए फिरौती वसूलने के चक्कर में उसने अंश पर हमला करके उसके हाथ पैर बांध झाड़ियों में फेंक दिया। वह फिरौती की मांग करता इससे पहले पकड़ा गया। …………..
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