“बेटी अपनी ससुराल में रहे, हमसे बस यही इतनी गलती हो गई। वही के सजा आज भोगत आहि… मेरी बेटी को उसके पति और सास ने मार डाला। ससुराल वालों ने लाश का अंतिम संस्कार करने से भी मना कर दिया। अब लाश हम लेंगे… जबकि हम पिता हैं हमको नहीं करना चाहिए। लेकिन जब पति ही हत्यारा है तो कौन करेगा… ये दर्द उस पिता का है, जिसने अपनी बेटी लक्ष्मी (25) को पढ़ाया-लिखाया। उसे नाजों से पाला-पोसा। फिर धूम-धाम से शादी कर ससुराल विदा किया। बदले में क्या मिला….बेटी की लाश। जबकि उसकी मौत से 45 मिनट पहले फोन पर बात हुई थी। तो अपनी मां से बोली थी- मम्मी ये लोग जीने नहीं देंगे। मार डालेंगे। और देखो वही हुआ। रमेश चन्द्र तिवारी की बेटी लक्ष्मी (25) की लाश कौधियारा में ससुराल में पुलिस ने मृत हालत में 26 सितंबर को बरामद की। रमेश ने ससुराल पक्ष के खिलाफ दहेज और प्रताड़ना का केस दर्ज कराया। जिसके बाद पुलिस ने पति और ससुर को गिरफ्तार कर लिया था। इधर 27 सितंबर को लाश का पोस्टमार्टम कराया गया। पोस्टमार्टम के बाद ससुराल वालों ने शव लेने से मना कर दिया। मृतक लक्ष्मी के पिता ने बताया- ससुराल पक्ष के लोग बेटी के पति व ससुर को पुलिस कस्टडी से रिहा कराने की जिद कर रहे थे। लेकिन हम अपनी फूलों सी बेटी के हत्यारों को कैसे रिहा होने देते। रोते हुए खुद को संभालते हुए रमेश तिवारी बोले- जिस बेटी का कन्या दान किया, अब उसका अंतिम संस्कार और पिंडदान भी करुगा। लेकिन लावारिश नहीं जाने दूंगा। अब आपको पूरी घटना सिलसिलेवार तरीके से पढ़ाते है …. यमुनानगर के खीरी देवरी पूरा कनैली के रहने वाले किसान रमेश चन्द्र तिवारी की तीन बेटियां है। रमेश और पत्नी अनु ने बड़ी बेटी की शादी 2019 में की थी। बेटी की शादी के पलों को याद करते हुए रमेश बताते हैं- 5 साल पहले बिटिया लक्ष्मी की शादी गांव से 30 किमी. दूर कौधियारा कस्बे के अवधेश शुक्ला के बेटे नितेश शुक्ला के साथ तय की थी। नितेश अपने पिता के साथ मिलकर घर पर ही किराना की दुकान चलाता था। 30 अप्रैल 2021 को लक्ष्मी और नितेश की शादी की। शादी के एक साल तक बेटी लक्ष्मी राजी-खुशी अपनी ससुराल में रह रही थी। नितेश और लक्ष्मी के दो बेटे श्रेयांश(5) और साहस(3) हैं। शादी का दूसरा साल लगते ही न जाने बेटी लक्ष्मी की खुशियों को किसकी नजर लग गई कि सास से उसका विवाद होने लगा। दामाद नितेश भी अपनी मां माधुरी शुक्ला और पिता अवधेश शुक्ला का पक्ष लेकर लक्ष्मी को प्रताड़ित करता था। बेटी ने कई बार हमें बताया था कि पापा अब नहीं सहन हो पा रहा है, मैं नहीं रह पाऊंगी यहां। लेकिन हम लोग उसे समझा देते थे कि वो तुम्हारी ससुराल है, प्यार से रहो। सब ठीक हो जाएगा। ससुराल में बेटी और नातियों को भूखा रखते थे पिता रमेशचंद्र ने बताया- उन लोगों ने बेटी को प्रताड़ित करने की हदें पार कर दी थीं। दामाद बेटी के हाथ में एक रुपए तक नहीं देता था। उसे जिस भी सामान की जरूरत होती थी, वो हम लोग ही यहां से भिजवाते थे। और तो और वो कई बार तो बेटी ये भी बताती थी कि पापा 3 दिन से घर में सब्जी नहीं है, बच्चे भूखें हैं। गैस सिलेंडर खत्म हो गया है। ये लोग भरवा ही नहीं रहे हैं। बेटी को खाने तक को तरसा देते थे। उसे एक जोड़ी कपड़ा तक लेकर नहीं दिया। मोबाइल का रिचार्ज भी हम ही करवाते थे। जब बेटी दामाद से कुछ बोलती थी, तो दामाद और सास दोनों मिलकर उसे मारते-पीटते थे। अरे मेरी बेटी पढ़ने में बहुत अच्छी थी। उसे सिलाई-कढ़ाई सब कुछ आता था। समय बता दो और राशन का सामान दो, तो 50 लोगों का खाना बिना रुके बना देती थी। इतनी काबिल थी मेरी बेटी कि हमारा बैंक का काम और भी जो कागजातों वाला काम होता था, वो भी कर देती थी। पिता बताते हैं- घटना वाले दिन वह किचन में थी। किचन ही उसने अपनी मां(अनू) को सुबह 9 बजे वीडियो कॉल की। मां से बातचीत भी की। तभी दामाद ने उससे फोन छीन लिया था। फिर उसे लात मारी और गिरने के बाद लकड़ी के पीढ़े से सिर पर जोर से मारा। जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद उन लोगों ने हमें खबर तक नहीं थी। हमारे पास तो पुलिस का फोन आया, तब हमें पता चला। हम लोग ये सुनते ही बस बेटी की ससुराल पहुंच ही रहे थे। लेकिन उससे पहले ही वो लोग लाश लेकर पोस्टमार्टम हाउस पहुंच गए थे। हमें बिटियो को देखने तक नहीं दिया। दोनों नातियों से भी हमें मिलने नहीं दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिग और सिर पर गहरी चोट लगने की पुष्टि पिता ने बताया- हमने पुलिस में तहरीर देकर ससुरालियों के खिलाफ दहेज हत्या का केस दर्ज कराया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिग और सिर पर गहरी चोट लगने की पुष्टि की है। पुलिस ने बेटी के पति और ससुर को थाने में बंद कर दिया है। जबकि सास और देवर फरार हैं। अन्य ससुराल पक्ष के लोग लाश के साथ पोस्ट मार्टम हाउस पहुंचे थे। वह लगातार बेटी की मौत पर समझौते का दबाव बना रहे थे। वो लोग मुझसे कह रहे थे कि लाश तभी सुपुर्दगी नामे के साथ अंतिम संस्कार के लिए लेगे, जब पुलिस कस्टडी से नितेश और उसके अवधेश रिहा होंगे। नहीं तो लाश को लावारिश छोड़ देंगे। ससुराल वालों की शर्त मानने से हमने मना कर दिया। अरे भाई, कैसे बेटी की मौत के जिम्मेदारों को रिहा होने दे सकते हैं हम। इतनी बड़ी गलती हुई कि बेटी के समझाने की बजाए अपने पास ले आते तो आज हमारी बेटी जिंदा होती। लेकिन अब उसके हत्यारों को नहीं छोड़ेंगे। पिता होकर हम अपनी शादीशुदा बेटी का अंतिम संस्कार करेंगे। समाज चाहे जो कहे, पर अपनी बच्ची को लावारिस नहीं छोड़ सकते। इसके बाद हमने बेटी का अंतिम संस्कार खुद दारागंज के गंगा घाट पर किया। मौत से 45 मिनट पहले बेटी ने अपनी माँ आखिरी बार बात की… मृतका की मां अनु तिवारी ने बताया- लक्ष्मी हमारी मंझली बेटी थी। बहुत लाड-प्यार से पाला और पढ़ाया-लिखाया। वह समझदार और बहुत मेहनती थी। गुरुवार सुबह 9 बजे उसने फोन किया और कहा- “अम्मा, हमसे नहीं रहा जाता। तो मैंने समझाया बेटी चार–पांच दिन रुक जाओ। तुम्हारे पापा जाएंगे और तुझे बुला लेंगे। तो बोली- नहीं अम्मा बहुत दुख दे रहे हैं। लगता है कि जीने नहीं देंगे।” तभी वीडियो कॉल पर बात करते समय उसकी सास या दामाद ने उसका मोबाइल छीन लिया। इसके बाद हमने दोबारा फोन नहीं किया। हमें लगा सास-बहू की बात है आपस में समझने दो। हम नहीं बोलेंगे। हमें क्या पता था कि ये बेटी मार ही डालेंगे। इसके बाद उसकी मौत की खबर आई। थाना कौधियारा पुलिस ने बताया- मृतका लक्ष्मी के ससुर अवधेश शुक्ला ने फोन पर जानकारी दी कि घर में बहू की लाश पड़ी। हम लोग मौके पर पहुंचे तो उन लोगों ने बताया कि बहू की तबीयत खराब थी। सुबह चक्कर खाकर गिरी, फिर उठी नहीं। इसके बाद पुलिस ने लाश को मौके से कब्जे में लेकर कानूनी कार्यवाही शुरू की। इसी बीच थाना पुलिस के पास मायके पक्ष के लोगों को सूचना दी। वो लोग गुरुवार को करीब 2 बजे पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे। थाना प्रभारी कुलदीप शर्मा ने बताया- मायके पक्ष की मौजूदगी में शव के पोस्टमार्टम की कार्यवाही पूरी कराई गई है। जिसके बाद लाश को अंतिम संस्कार के लिए मायके पक्ष को सुपुर्दगी दी गई है। मामले में दर्ज मुकदमें के आधार पर आरोपी पिता-पुत्र को जेल भेज दिया गया है। शेष अग्रिम कानूनी कार्यवाही की जा रही है। —————— ये खबर भी पढ़ें…17 छात्राओं से यौन शोषण का आरोपी चैतन्यानंद स्वामी अरेस्ट:उम्र-62, अमेरिका से पीएचडी; आगरा के होटल में छिपा था दिल्ली में शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट की 17 छात्राओं से यौन शोषण का आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती आगरा में छिपा था। दिल्ली पुलिस ने रविवार तड़के 3 बजे दबिश देकर चैतन्यानंद को अरेस्ट किया और उसे दिल्ली लेकर गई। पढ़िए पूरी खबर