हनुमानगढ़ी के बाहर बासी देसी घी बिक रहा…:बेसन लड्‌डुओं में रंग मिला रहे, प्रसाद में मिलावट पर अयोध्या के संत भड़के

अयोध्या की हनुमानगढ़ी मंदिर में चढ़ाए जाने वाले प्रसाद में मिलावट मिली है। फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने कुछ दिन पहले मंदिर के बाहर प्रसाद की दुकानों से 31 सैंपल लिए थे। जांच रिपोर्ट आने पर 3 सैंपल फेल मिले हैं। जानिए सैंपल रिपोर्ट में क्या सामने आया– देसी घी– घी में रेंसिडिटी (बासीपन की मात्रा) अधिक पाई गई। बेसन– पीलापन बढ़ाने के लिए कृत्रिम रंग मिलाया गया। लड्‌डू– कृत्रिम रंग मिलाए गए। दरअसल, हनुमानगढ़ी मंदिर के बाहर 250 से ज्यादा दुकानों पर लड्‌डू और पेड़ा बिक रहा है। यही से खरीदी जाने वाले लड्‌डू और पेड़ा का हनुमानगढ़ी में प्रसाद चढ़ाया जाता है। 29 सितंबर को यहां फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीम पहुंची। रैंडम दुकानों से लड्‌डू, देसी घी और बेसन के सैंपल लिए गए। 31 सैंपल की रिपोर्ट में चौंकाने वाले फैक्ट सामने आए। 3 सैंपल में लड्‌डू, बेसन और देसी घी सब स्टैंडर्ड मिला। इसके बाद अयोध्या के सहायक खाद्य आयुक्त द्वितीय मानिक चंद्र सिंह ने बताया– विभाग ने 31 दुकानों से नमूने लिए, जिनमें से 3 सैंपल लड्डू, बेसन और देसी घी फेल पाए गए हैं। इन उत्पादों की गुणवत्ता संतोषजनक नहीं रही। जांच में यह भी सामने आया कि कुछ दुकानदार कृत्रिम रंग मिला रहे हैं। ….. अयोध्या धाम में हनुमानगढ़ी के आस–पास लगभग 250 दुकानों पर लड्डू बिक रहे हैं, जिन्हें तैयार करने का काम करीब 50 से 55 मोदनवाल परिवार कर रहे हैं। प्रतिदिन 40 से 50 क्विंटल लड्डू बिकते हैं, जबकि मंगलवार और शनिवार को यह आंकड़ा 60–70 क्विंटल तक पहुंच जाता है। हर रोज लगभग 10 हजार श्रद्धालु इन लड्डुओं को प्रसाद के रूप में घर ले जाते हैं। … हनुमानगढ़ी में संत संजय दास ने घोषणा की है– अब यहां केवल देसी घी से बने लड्डुओं का ही भोग लगाया जाएगा। उन्होंने व्यापारियों से बातचीत करके वनस्पति तेल, सोयाबीन आयल और अन्य तेल से बने लड्डुओं पर रोक लगाने की अपील की है। महंत संजय दास महाराज ने प्रसाद की क्वालिटी पर उठाए थे सवाल पूर्व में महंत संजय दास महाराज ने प्रसाद विक्रेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी थी कि लड्डू केवल उच्च क्वालिटी के बेसन और देसी घी से तैयार किए जाएं। इतना ही नहीं, लड्डू की कीमत भी 450 से 500 रुपए प्रति किलो तय की गई थी, ताकि गुणवत्ता बनी रहे। इसके बावजूद फूड सेफ्टी विभाग की जांच में मिलावट सामने आना बेहद चिंताजनक है। पनीर का नमूना भी जांच में फेल गौरतलब है कि सिर्फ प्रसाद ही नहीं, बल्कि अयोध्या धाम की एक दुकान से लिया गया पनीर का नमूना भी जांच में फेल हुआ है। यह स्थिति और भी गंभीर हो जाती है क्योंकि लाखों श्रद्धालु और पर्यटक यहां प्रतिदिन प्रसाद और खाद्य सामग्री का सेवन करते हैं। अब बड़ा सवाल यह उठ खड़ा हुआ है कि जब आस्था और स्वास्थ्य दोनों जुड़े हों, तो क्या प्रशासन और मंदिर प्रबंधन मिलावटखोरों पर सख्त कार्रवाई करेगा? श्रीराम अस्पताल के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनुपम मिश्र बताते हैं- कृत्रिम रंग शरीर के लिए बेहद हानिकारक हैं। यह आंतों में जाकर कई अंगों को प्रभावित करते हैं और लगातार सेवन से लीवर की बीमारियां हो सकती हैं। वहीं मिटावली घी बैड कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में आता है, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसके विपरीत देशी घी गुड कोलेस्ट्रॉल में आता है, जो शरीर के लिए लाभकारी माना जाता है।