रामपुर सांसद की चौथी बीवी बोलीं- धोखे से निकाह किया:अबॉर्शन कराने को कहा, गुस्से में पीटा; बहाने से मायके में छोड़ा

‘मेरे अब्बू से कहा था, दोनों मेरी अमानत हैं, इन्हें रख लीजिए। कुछ दिन में अपने घर ले जाऊंगा। मुझे क्या पता था कि वो कभी मुझे और बेटे को लेने ही नहीं आएंगे। अब हाईकोर्ट के फैसले से थोड़ी राहत मिली है। अब बेटे को भरपेट खाना खिला पाऊंगी।’ ये कहना है रामपुर के सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी की चौथी बीवी रूमाना परवीन का। रूमाना आगरा की रहने वाली हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन दिन पहले मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ एक आदेश दिया है– सपा सांसद को अपनी चौथी बीवी को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता देना होगा। रूमाना कहती हैं कि मुझे हर कदम सिर्फ धोखा मिला। 2 बेटियों के बारे में बिना बताए, मुझसे निकाह किया। घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। प्रेग्नेंट होने पर अबॉर्शन कराना चाहा। बेटे को लेकर अब मैं आगरा में अपने अब्बू के घर रह रही हूं। मैं मोहिबुल्लाह के साथ करीब 3 साल रही। दैनिक भास्कर टीम ने रूमाना से आगरा के शहीदनगर में उनके घर पर मुलाकात की। पढ़िए बातचीत… सवाल. आपकी शादी सपा सांसद से कैसे हुई? रूमाना. मेरी बड़ी बहन की रिश्तेदारी में सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी का आना-जाना था। मोहिबुल्लाह की पहली पत्नी की मौत हो चुकी थी। वह दूसरी शादी करना चाहते थे। मेरे रिश्तेदार से अच्छा रिश्ता ढूंढने के लिए कहा था। बड़ी बहन के रिश्तेदार ने मेरे बारे में उन्हें बताया। मोहिबुल्लाह नदवी की तरफ से रिश्ता आया, जिसे मेरे अब्बू ने स्वीकार कर लिया। हमारा निकाह अक्टूबर, 2012 में दिल्ली में हुआ। सवाल. शादी के बाद कुछ ऐसा भी था, जिससे आपको लगे कि धोखा हुआ है? रूमाना. शादी से पहले मोहिबुल्लाह ने सिर्फ इतनी जानकारी दी थी कि बेटी के जन्म के समय उनकी पहली पत्नी की मौत हो गई थी। मगर शादी के बाद घर पहुंचने पर पता चला कि बेटी की उम्र 8-9 साल है। मुझे हैरानी हुई, लेकिन निकाह हो चुका था, इसलिए कुछ कहा नहीं। सवाल. क्या कभी लगा कि आपके साथ सपा सांसद का व्यवहार ठीक नहीं है? रूमाना. शादी के 1.5 महीने बाद से ही मोहिबुल्लाह का व्यवहार बदलने लगा था। गुस्सा इतना तेज था कि कई बार मुझ पर हाथ उठा देते। मारते-पीटते थे। शादी के कुछ महीने बाद मैं प्रेग्नेंट हुई। उन्होंने बच्चा हटाने (अबॉर्शन) के लिए कहा। यह हमारे मजहब में गुनाह है। मेरी मां ने भी उन्हें समझाया। इसके बाद से ही मोहिबुल्लाह का गुस्सा बढ़ता गया। 2013 में मुझे आगरा में बेटा हुआ। सवाल. फिर आपका झगड़ा किस बात पर हुआ? रूमाना. मोहिबुल्लाह की एक ही बेटी की जानकारी थी। शादी के कई महीने बाद पता चला कि उनकी दो बेटियां हैं। वह अपनी दूसरी बेटी को अपनी दूसरी बीवी की मां के पास रखे हुए थे। घरवाले कई बार बातों-बातों में कहते थे कि मोहिबुल्लाह के कहने पर कभी अपने मायके नहीं जाना, वर्ना लौटकर नहीं आ पाओगी। दो पत्नियों के साथ ऐसा ही कर चुके हैं। तब जानकारी मिली कि मेरी उनसे चौथी शादी थी। सवाल. आप पर घर छोड़ने का दबाव कब बनाया गया? रूमाना. बेटा पैदा होने के बाद मोहिबुल्लाह के व्यवहार में थोड़ा बदलाव आया था। वो बार-बार घर छोड़ने की जिद करने लगे। बहाने-बहाने से मुझे मेरी मां–पिता के घर छोड़ने के लिए कहने लगे। कई बड़े नामी लोगों से फोन करवाते थे कि घर खाली कर दो। फिर कहना शुरू किया कि कोर्ट के आदेश आए हैं कि मुझे वक्फ का घर खाली करना है। इसी बहाने से मुझसे एक कागज पर दस्तखत करवाए और अंगूठा लगवाया। कागज पर लिखा था कि मैं अपनी मर्जी से वक्फ का घर छोड़कर जा रही हूं। सवाल. फिर आपने कोर्ट जाने के लिए कब सोचा? रूमान. खर्चे के लिए पहला केस 2017 में आगरा की फैमिली कोर्ट में डाला था। इसमें 4 हजार रुपए खर्चा देने का आदेश हुआ था। फिर 2020 में दोबारा केस डाला कि खर्चा बढ़ा दिया जाए, जिस पर 2024 अक्टूबर में फैसला आया था कि खर्चा 10 हजार रुपए कर दिया जाए। कोर्ट से ही हर महीने 10 हजार रुपए का चेक मिलता है। इसी फैसले को लेकर मोहिबुल्लाह इलाहाबाद हाईकोर्ट गया था, जहां से उल्टा उसके ही खिलाफ फैसला आया है। सवाल. आप अपने बेटे के लिए क्या भविष्य देखती हैं? रूमाना. मेरे पिता की पिछले साल मौत हो चुकी है। मैं घर पर बीमार मां के साथ रहती हूं। बेटा अब 12 साल का है, वो छठवीं क्लास में पढ़ता है। बड़ा होकर क्रिकेटर बनना चाहता है। विराट कोहली उसका फेवरेट क्रिकेटर है। अब अपने बच्चे का अच्छे से पालन-पोषण कर पाऊंगी। अब हमें भरपेट खाना मिलेगा। बहुत सुकून महसूस हो रहा है। अब हाईकोर्ट का आदेश भी जानिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रामपुर के सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ आदेश 14 अक्टूबर को दिया था। सपा सांसद को अपनी चौथी बीवी को हर महीने 30 हजार रुपए गुजारा-भत्ता देना होगा। सांसद की पत्नी रूमाना नदवी ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का दावा दायर किया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश दिया। कोर्ट ने मामला सुलझाने के लिए इसे हाईकोर्ट के मध्यस्थता एवं सुलह केंद्र भेजा है। कोर्ट ने कहा- रामपुर सांसद पनी बीवी रूमाना नदवी के साथ अपने वैवाहिक विवाद को मध्यस्थता केंद्र के माध्यम से सुलझाएं। अदालत ने दोनों पक्षों को 3 महीने का समय दिया है और आदेश दिया है कि नदवी 55 हजार रुपए जमा करें, जिसमें से 30 हजार रुपए हर महीने बीवी को भरण-पोषण के लिए दिए जाएंगे। वकील की दलील- मामला वैवाहिक विवाद का है
दरअसल, सपा सांसद मोहिबुल्लाह ने 22 अक्टूबर, 2012 को रूमाना से शादी की थी। रुमाना ने बताया, शादी के बाद उन्हें पता चला कि नदवी की पहले से तीन शादियां हो चुकी थीं। उनकी पहली बीवी का कैंसर से निधन हो गया था। जिससे उन्हें दो बेटियां थीं। उसके बाद उन्होंने दो और शादियां कीं। रुमाना उनकी चौथी बीवी थीं और मोहिबुल्लाहह अब अपनी पांचवीं बीवी के साथ रहते हैं। रुमाना ने मोहिबुल्लाह नदवी के खिलाफ 2020 में आगरा के सदर बाजार थाने में CRPC की धारा 127 के तहत केस दर्ज कराया था। सांसद ने आगरा फैमिली कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उन्होंने अप्रैल 2024 में पत्नी की ओर से दायर भरण-पोषण के आदेश को रद्द करने की मांग की थी। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान मोहिबुल्लाह नदवी की ओर से पेश वकील नरेंद्र कुमार पांडे ने दलील दी कि यह मामला वैवाहिक विवाद से जुड़ा है। उनका मुवक्किल इसे आपसी सहमति और सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझाना चाहता है। वकील ने अदालत से आग्रह किया कि मामला मध्यस्थता केंद्र (Mediation and Conciliation Centre) को भेजा जाए, ताकि दोनों पक्ष मिल-बैठकर समाधान निकाल सकें। मोहिबुल्लाह नदवी ने अपनी गंभीरता और ईमानदारी दिखाने के लिए यह भी पेशकश की कि वे मध्यस्थता केंद्र में पहली पेशी के दिन ही अपनी पत्नी को 50 हजार देने को तैयार हैं। कोर्ट का आदेश- पत्नी को हर महीने ₹30,000 देने होंगे
कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलीलों को ध्यान में रखते हुए इस मामले को मध्यस्थता केंद्र भेजने का आदेश दिया। साथ ही कहा कि ऐसे पारिवारिक विवादों को बातचीत के माध्यम से सुलझाने की पूरी संभावना है, इसलिए इसका प्रयास अवश्य किया जाना चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि मोहिबुल्लाह नदवी 30 दिनों के भीतर 55 रूपए का डिमांड ड्राफ्ट मध्यस्थता केंद्र में जमा करें। इसमें से 50,000 उनकी पत्नी को उनकी पहली उपस्थिति पर दिए जाएंगे, जिसमें 30,000 की राशि पिछली बकाया भरण-पोषण के रूप में समायोजित की जाएगी, जबकि 5,000 की राशि मध्यस्थता केंद्र के पास जमा रहेगी। समाधान तलाशने के लिए तीन महीने का समय
कोर्ट ने मध्यस्थ को दोनों पक्षों के बीच विवाद का समाधान तलाशने के लिए तीन महीने का समय दिया है और कहा है कि इसके बाद मामले को दूसरी उपयुक्त बेंच के सामने रिपोर्ट के साथ पेश किया जाएगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यह मामला वर्तमान बेंच के समक्ष लंबित नहीं रहेगा और इसे आंशिक रूप से भी सुना हुआ नहीं माना जाएगा। इस दौरान, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, मोहिबुल्लाह को अपनी पत्नी को हर महीने 30,000 रुपए की मौजूदा भरण-पोषण राशि का भुगतान करना होगा। साथ ही, कोर्ट ने यह भी आदेश दिया कि याचिका दाखिल करने की तारीख से लेकर इस आदेश की तारीख तक की बकाया राशि की वसूली पर फिलहाल रोक रहेगी। हालांकि, यदि मोहिबुल्लाह यह तयशुदा राशि जमा करने में असफल रहते हैं, या मासिक भरण-पोषण राशि का भुगतान नहीं करते हैं, या फिर यदि मध्यस्थता विफल हो जाती है, तो यह अंतरिम आदेश स्वतः निरस्त हो जाएगा। …………
ये पढ़ें – पवन सिंह भाजपा का प्रचार करेंगे, सदस्य हैं नहीं:पत्नी ज्योति से चल रहा है झगड़ा; यूपी से योगी-राजनाथ भी बने स्टार प्रचारक भाजपा ने बिहार चुनाव के पहले चरण के लिए स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी। 40 नेताओं की लिस्ट में भोजपुरी पावर स्टार पवन सिंह का नाम भी शामिल है। वह लिस्ट में 37वें नंबर पर हैं। बता दें कि पवन सिंह ने अब तक ऑफिशियली भाजपा की सदस्यता नहीं ली है। हालांकि, वह खुद को भाजपा का सच्चा सिपाही कहते हैं। पढ़िए पूरी खबर…