वो धनतेरस का दिन था। बेटी बार-बार मुझको कॉल कर रही थी। कह रही थी कि मैं पेशकार और चपरासी के टॉर्चर से परेशान हो गई हूं। मेरा सिर दर्द से फटा जा रहा है। वो सिर्फ रो रही थी, मैंने समझाने का प्रयास किया, मगर उसने फोन काट दिया। मुझे क्या मालूम था कि नेहा से आखिरी बार बात हो रही है। ये सब बताते हुए मां मनोज कुमारी रोने लगीं। नेहा शंखवार (25) सीनियर डिवीजन सिविल जज की कोर्ट की स्टेनो थी। नेहा ने 18 अक्टूबर की दोपहर को कोर्ट की बिल्डिंग की छठवीं मंजिल से कूदकर सुसाइड कर लिया था। मां मनोज कहती हैं- बेटी की ऐसी हालत मैंने कभी नहीं देखी थी। मैंने तुरंत उसके पापा को कॉल किया, वो जब तक कोर्ट पहुंचते, सब कुछ खत्म हो चुका था। पिता गोविंद प्रसाद मायूस होकर कहते हैं- पुलिस हमें क्या न्याय दिलाएगी? मैं शिकायत लेकर थाने, चौकी के चक्कर लगाता रहा, पुलिस ने पेशकार से शिकायत लेकर FIR लिख दी। उसी राकेश कुमार कमल पर मेरी बेटी को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप था। 24 अक्टूबर को पुलिस ने कोर्ट का सील कमरा खुलवाया। इसमें नेहा की एक डायरी और पेन ड्राइव मिली है। अब पुलिस 20-25 महिला स्टाफ के बयान लेने की तैयारी कर रही है। क्या वाकई नेहा कोर्ट पेशकार से परेशान थी? किस तरह से उसको परेशान किया जा रहा था? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम घाटमपुर पहुंची। परिवार जवाहरनगर के पश्चिमी मोहल्ला में रहता है। पढ़िए रिपोर्ट… बेटी ने कहा- पेशकार मुझे हद से ज्यादा परेशान कर रहा
जवाहरनगर की संकरी गलियों से होते हुए हम नेहा के घर तक पहुंचे। 2 मंजिला मकान के गेट पर ही मां मनोज कुमारी बैठी हुई दिखीं। उन्हें सांत्वना देने के लिए रिश्तेदार महिलाएं बैठी हुई थीं। हमने मां से बातचीत की शुरुआत की। उनकी आंखों में आंसू खुद ब खुद आ गए। वो कहती हैं- 5 महीने मेरी बेटी को परेशान किया गया। सोचिए, उसको जिंदगी से आसान मौत लगने लगी। मेरी बेटी ने मरने से पहले 8 बार मुझे कॉल किया। उस दिन दोपहर 1.11 बजे पहली कॉल आई थी। वो परेशान थी। भरभराई आवाज में कहती है कि मां, ये पेशकार और उसका चपरासी मुझे हद से ज्यादा परेशान कर रहे हैं। मुझे इतना टेंशन हो रहा है कि सिर दर्द से फटा जा रहा है। 4 मिनट की बातचीत के बाद उसने फोन काट दिया। इसके बाद फिर उसका कॉल आया। बोली- अब हैरेसमेंट बर्दाश्त नहीं हो रहा है, लग नहीं रहा कि ये सब झेल पाऊंगी। आखिरी कॉल पर ये सब सुनकर मैं परेशान हो गई। इसके पापा को कॉल किया कि जल्दी बेटी के पास पहुंचो। मगर हम अपनी बेटी की मदद नहीं कर सके। बेटी ने कहा- चपरासी पानी में केमिकल मिलाकर पिला देता
घर के बाहर ही हमारी मुलाकात पिता गोविंद प्रसाद से हुई। वह फतेहपुर में कानूनगो के पद पर हैं। हमने पूछा- आपकी बेटी की कोर्ट जॉब के बारे में कुछ बताइए? वह कहते हैं- मई, 2025 में बेटी ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में ज्वाइन किया था। बेटी अक्सर परेशान दिखती थी। हमारे पूछने पर कहती कि आफिस में स्टाफ स्पोर्ट नहीं करता है। पेशकार और उसका चपरासी, अलग-अलग तरीके से मुझे परेशान करते हैं। हमने पूछा- वो लोग क्या करते हैं? नेहा ने बताया- अधिकारियों के सामने जाने वाली फाइलों से जरूरी दस्तावेज गायब कर देते हैं। कोर्ट में सब्मिट होने वाले डिजिटल प्रूफ की पेन ड्राइव गायब कर देते हैं। जब भी कुछ पूछती हूं, तो वो लोग सिर्फ ताने देते हैं। फिर 3-4 दिन बाद कागज या पेन ड्राइव मुझे वापस दे देते थे। वो लोग साबित करना चाहते हैं कि मुझे काम नहीं आता है। अक्सर मेरा कंप्यूटर बंद कर देते थे। कहते कि तुम्हें काम करना नहीं आता। बेटी ने बताया था कि मुझे लगता है कि चपरासी मेरे पानी में कोई केमिकल मिला देता था। उसको पीने के बाद मुझे चक्कर आने लगता था। हमने पूछा- फिर आपने कभी अधिकारियों को यह सब नहीं बताया? गोविंद कहते हैं- नेहा के कहने पर मैं 2 महीने पहले न्यायिक अधिकारी से मिलने गया था, जिस पर उन्होंने कहा- आप चिंता न करें, मैं कर्मचारियों को समझा दूंगा। मगर हालात ज्यादा बदले नहीं, बेटी इतनी परेशान हो गई कि उसने कोर्ट से ट्रांसफर कराने के लिए कहा था। मगर उसका ट्रांसफर भी नहीं किया गया। हमने पूछा- आपकी मदद पुलिस ने नहीं की? वह कहते हैं- मदद तो देखिए अब पुलिस कुछ दे, मैं पीड़ित हूं, इस केस की पैरवी कर रहा हूं। मगर जिस पेशकार पर मेरी बेटी को टॉर्चर करने का आरोप है, उसको ही पूरे मामले में वादी बना दिया गया था। अब मैं पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल से मिलकर शिकायत करेंगे। पुलिस जांच जानिए… पेशकार, चपरासी समेत 3 लोगों के बयान हुए
कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद पांडेय ने बताया कि पेशकार और चपरासी समेत 3 लोगों के बयान दर्ज किए गए है। सवाल : आपके खिलाफ नेहा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है?
पेशकार : नेहा रिजर्व नेचर की थी, वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करती थी। उसके परिजनों की ओर से लगाए गए आरोप सही नहीं है। सवाल : परिवार कह रहा है कि नेहा के ऑफिस में कामकाज को लेकर आप लोग ताने देते थे?
पेशकार : ये सही बात नहीं है, अगर नेहा काम न भी करे, तब भी उसे कुछ कहा नहीं जाता था। दूसरे स्टाफ पर भी कोई दबाव नहीं बनाया जाता है। यह कोर्ट का आफिस है, यहां तो वैसे भी सख्ती रहती है। जिसकी जिम्मेदारी में जो काम होता है, उसका ठीक तरीके से ही करना होता है। (चपरासी ने भी पुलिस बयान में सभी आरोपों को नकार दिया है।) नेहा का बैग मिला, पेन ड्राइवर जांच के लिए भेजी
24 अक्टूबर को पुलिस ने कोर्ट में स्टेनो का सील कमरा खुलवाया। इसमें नेहा का एक बैग मिला है। इसमें एक डायरी और पेन ड्राइव पुलिस को मिली है। पेन ड्राइव की जांच साइबर सेल कर रही है। जबकि इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद ने बताया कि पेशकार और चपरासी की मोबाइल CDR निकलवाई जा रही है। दैनिक भास्कर को कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया- दिवाली की छुटिट्यों की वजह से 4 और कर्मचारियों के बयान नहीं हो सके हैं, ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद करीब 20-25 महिला स्टाफ के भी बयान जल्द दर्ज कराए जाएंगे। साथ ही मां मनोज कुमारी का भी बयान होना है। उन्हें सोमवार को बुलाया गया है। CCTV में नेहा फोन पर बात करते दिखी, लिफ्ट से छत पर गई
इस मामले में पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा- मैं खुद मौके पर गया था। 18 अक्टूबर की दोपहर 1 बजे कोर्ट परिसर में लगे CCTV में नेहा फोन पर बात करते हुए दिख रही है। फिर वो लिफ्ट से छत की तरफ चली जाती है। उस स्पॉट पर CCTV नहीं थे। इसलिए आगे का घटनाक्रम नहीं दिखा है। नेहा के सिर की हड्डी 3 हिस्सों में टूटी थी
नेहा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी सिर की हड्डी 3 हिस्सों में बंट गई थी। ऊंचाई से गिरने की वजह से हाथ और पैर की हडि्डयां टूट गई थीं। शरीर पर कई चोटें थीं। डॉक्टर ने बताया कि नेहा पहले कोमा में चली गई थी। फिर उसकी मौत हो गई। अब इस सुसाइड के बाद सियासत भी शुरू हो गई है, कांग्रेस और सपा प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं… कानपुर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- कोर्ट में काम करने वाली एक बेटी अगर माहौल को लेकर असुरक्षित महसूस करती है, तो यह गंभीर इश्यू है। अधिकारियों को पहले ही इसमें कदम उठाना चाहिए था। अगर समय रहते बेटी को सुरक्षित माहौल दिया जाता, तो 1 जान बच जाती। वहीं, कांग्रेस की शहर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी कहते हैं- दुनिया में सबसे कीमती चीज जान होती है, कहीं न कहीं कोई ऐसी घटना जरूर घटी थी, जिसकी वजह से एक लड़की इतनी परेशान हो गई कि उसने अपनी जान दे दी। मुझे लगता है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर ऐसे मामलों को मानसिक बताकर ढक दिया जाएगा, तो फिर दुनिया में लोगों को न्याय नहीं मिल पाएगा। मुझे यह साजिश लग रही है, ऐसी क्या वजह थी जो स्टेनो ने ऐसा कदम उठाया। कोई वजह तो है जो उसकी मौत के साथ दबाई जा रही है। जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष अजय राय नेहा के परिजनों से मिलने भी आएंगे। …………………………
ये भी पढ़ें – आगरा में 5 साल के बच्चे का अपहरण:घर के बाहर खेल रहा था, युवक आया और उंगली पकड़कर ले गया आगरा में शुक्रवार को 5 साल के बच्चे का अपहरण हो गया। बच्चा घर के पास खेल रहा था। तभी 2 युवक आए और उसे उठा ले गए। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे खंगाले गए। एक कैमरे की फुटेज में एक युवक बच्चे की उंगली पकड़कर उसे ले जाता दिख रहा है। थोड़ी दूरी पर दूसरा युवक एक्टिवा लेकर आया और दोनों बच्चे को लेकर फरार हो गए। मामला दोपहर 1.30 बजे कस एत्मादपुर थाने के गढ़ी चांदनी इलाके का है। पढ़िए पूरी खबर…
जवाहरनगर की संकरी गलियों से होते हुए हम नेहा के घर तक पहुंचे। 2 मंजिला मकान के गेट पर ही मां मनोज कुमारी बैठी हुई दिखीं। उन्हें सांत्वना देने के लिए रिश्तेदार महिलाएं बैठी हुई थीं। हमने मां से बातचीत की शुरुआत की। उनकी आंखों में आंसू खुद ब खुद आ गए। वो कहती हैं- 5 महीने मेरी बेटी को परेशान किया गया। सोचिए, उसको जिंदगी से आसान मौत लगने लगी। मेरी बेटी ने मरने से पहले 8 बार मुझे कॉल किया। उस दिन दोपहर 1.11 बजे पहली कॉल आई थी। वो परेशान थी। भरभराई आवाज में कहती है कि मां, ये पेशकार और उसका चपरासी मुझे हद से ज्यादा परेशान कर रहे हैं। मुझे इतना टेंशन हो रहा है कि सिर दर्द से फटा जा रहा है। 4 मिनट की बातचीत के बाद उसने फोन काट दिया। इसके बाद फिर उसका कॉल आया। बोली- अब हैरेसमेंट बर्दाश्त नहीं हो रहा है, लग नहीं रहा कि ये सब झेल पाऊंगी। आखिरी कॉल पर ये सब सुनकर मैं परेशान हो गई। इसके पापा को कॉल किया कि जल्दी बेटी के पास पहुंचो। मगर हम अपनी बेटी की मदद नहीं कर सके। बेटी ने कहा- चपरासी पानी में केमिकल मिलाकर पिला देता
घर के बाहर ही हमारी मुलाकात पिता गोविंद प्रसाद से हुई। वह फतेहपुर में कानूनगो के पद पर हैं। हमने पूछा- आपकी बेटी की कोर्ट जॉब के बारे में कुछ बताइए? वह कहते हैं- मई, 2025 में बेटी ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की कोर्ट में ज्वाइन किया था। बेटी अक्सर परेशान दिखती थी। हमारे पूछने पर कहती कि आफिस में स्टाफ स्पोर्ट नहीं करता है। पेशकार और उसका चपरासी, अलग-अलग तरीके से मुझे परेशान करते हैं। हमने पूछा- वो लोग क्या करते हैं? नेहा ने बताया- अधिकारियों के सामने जाने वाली फाइलों से जरूरी दस्तावेज गायब कर देते हैं। कोर्ट में सब्मिट होने वाले डिजिटल प्रूफ की पेन ड्राइव गायब कर देते हैं। जब भी कुछ पूछती हूं, तो वो लोग सिर्फ ताने देते हैं। फिर 3-4 दिन बाद कागज या पेन ड्राइव मुझे वापस दे देते थे। वो लोग साबित करना चाहते हैं कि मुझे काम नहीं आता है। अक्सर मेरा कंप्यूटर बंद कर देते थे। कहते कि तुम्हें काम करना नहीं आता। बेटी ने बताया था कि मुझे लगता है कि चपरासी मेरे पानी में कोई केमिकल मिला देता था। उसको पीने के बाद मुझे चक्कर आने लगता था। हमने पूछा- फिर आपने कभी अधिकारियों को यह सब नहीं बताया? गोविंद कहते हैं- नेहा के कहने पर मैं 2 महीने पहले न्यायिक अधिकारी से मिलने गया था, जिस पर उन्होंने कहा- आप चिंता न करें, मैं कर्मचारियों को समझा दूंगा। मगर हालात ज्यादा बदले नहीं, बेटी इतनी परेशान हो गई कि उसने कोर्ट से ट्रांसफर कराने के लिए कहा था। मगर उसका ट्रांसफर भी नहीं किया गया। हमने पूछा- आपकी मदद पुलिस ने नहीं की? वह कहते हैं- मदद तो देखिए अब पुलिस कुछ दे, मैं पीड़ित हूं, इस केस की पैरवी कर रहा हूं। मगर जिस पेशकार पर मेरी बेटी को टॉर्चर करने का आरोप है, उसको ही पूरे मामले में वादी बना दिया गया था। अब मैं पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल से मिलकर शिकायत करेंगे। पुलिस जांच जानिए… पेशकार, चपरासी समेत 3 लोगों के बयान हुए
कोतवाली इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद पांडेय ने बताया कि पेशकार और चपरासी समेत 3 लोगों के बयान दर्ज किए गए है। सवाल : आपके खिलाफ नेहा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप है?
पेशकार : नेहा रिजर्व नेचर की थी, वह ज्यादा किसी से बातचीत नहीं करती थी। उसके परिजनों की ओर से लगाए गए आरोप सही नहीं है। सवाल : परिवार कह रहा है कि नेहा के ऑफिस में कामकाज को लेकर आप लोग ताने देते थे?
पेशकार : ये सही बात नहीं है, अगर नेहा काम न भी करे, तब भी उसे कुछ कहा नहीं जाता था। दूसरे स्टाफ पर भी कोई दबाव नहीं बनाया जाता है। यह कोर्ट का आफिस है, यहां तो वैसे भी सख्ती रहती है। जिसकी जिम्मेदारी में जो काम होता है, उसका ठीक तरीके से ही करना होता है। (चपरासी ने भी पुलिस बयान में सभी आरोपों को नकार दिया है।) नेहा का बैग मिला, पेन ड्राइवर जांच के लिए भेजी
24 अक्टूबर को पुलिस ने कोर्ट में स्टेनो का सील कमरा खुलवाया। इसमें नेहा का एक बैग मिला है। इसमें एक डायरी और पेन ड्राइव पुलिस को मिली है। पेन ड्राइव की जांच साइबर सेल कर रही है। जबकि इंस्पेक्टर जगदीश प्रसाद ने बताया कि पेशकार और चपरासी की मोबाइल CDR निकलवाई जा रही है। दैनिक भास्कर को कोतवाली इंस्पेक्टर ने बताया- दिवाली की छुटिट्यों की वजह से 4 और कर्मचारियों के बयान नहीं हो सके हैं, ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद करीब 20-25 महिला स्टाफ के भी बयान जल्द दर्ज कराए जाएंगे। साथ ही मां मनोज कुमारी का भी बयान होना है। उन्हें सोमवार को बुलाया गया है। CCTV में नेहा फोन पर बात करते दिखी, लिफ्ट से छत पर गई
इस मामले में पुलिस कमिश्नर रघुवीर लाल ने कहा- मैं खुद मौके पर गया था। 18 अक्टूबर की दोपहर 1 बजे कोर्ट परिसर में लगे CCTV में नेहा फोन पर बात करते हुए दिख रही है। फिर वो लिफ्ट से छत की तरफ चली जाती है। उस स्पॉट पर CCTV नहीं थे। इसलिए आगे का घटनाक्रम नहीं दिखा है। नेहा के सिर की हड्डी 3 हिस्सों में टूटी थी
नेहा की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि उसकी सिर की हड्डी 3 हिस्सों में बंट गई थी। ऊंचाई से गिरने की वजह से हाथ और पैर की हडि्डयां टूट गई थीं। शरीर पर कई चोटें थीं। डॉक्टर ने बताया कि नेहा पहले कोमा में चली गई थी। फिर उसकी मौत हो गई। अब इस सुसाइड के बाद सियासत भी शुरू हो गई है, कांग्रेस और सपा प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं… कानपुर से सपा विधायक अमिताभ बाजपेई ने कहा- कोर्ट में काम करने वाली एक बेटी अगर माहौल को लेकर असुरक्षित महसूस करती है, तो यह गंभीर इश्यू है। अधिकारियों को पहले ही इसमें कदम उठाना चाहिए था। अगर समय रहते बेटी को सुरक्षित माहौल दिया जाता, तो 1 जान बच जाती। वहीं, कांग्रेस की शहर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष नौशाद आलम मंसूरी कहते हैं- दुनिया में सबसे कीमती चीज जान होती है, कहीं न कहीं कोई ऐसी घटना जरूर घटी थी, जिसकी वजह से एक लड़की इतनी परेशान हो गई कि उसने अपनी जान दे दी। मुझे लगता है कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। अगर ऐसे मामलों को मानसिक बताकर ढक दिया जाएगा, तो फिर दुनिया में लोगों को न्याय नहीं मिल पाएगा। मुझे यह साजिश लग रही है, ऐसी क्या वजह थी जो स्टेनो ने ऐसा कदम उठाया। कोई वजह तो है जो उसकी मौत के साथ दबाई जा रही है। जल्द ही प्रदेश अध्यक्ष अजय राय नेहा के परिजनों से मिलने भी आएंगे। …………………………
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