आगरा में 4 साल के जय अपहरण हो गया। उस समय बच्चा घर के बाहर गली में खेल रहा था। सगा चाचा गगन बच्चे को साइकिल दिलाने का लालच देकर उसे ले गया था। चाचा होने की वजह से मासूम भी उसकी उंगली पकड़कर चला गया।
मासूम को क्या पता था कि जिस चाचा की गोदी में वह खेलकर बड़ा हुआ था, वही उसे किडनैप कर रहा है। थोड़ी देर बाद जब जय ने घर जाने की जिद की, तो चाचा ने उसे चाऊमीन खिलाई। इसके बाद दवा देकर मासूम को बेहोश कर दिया।
किडनैपर्स के चंगुल में 8 घंटे और फिर रात 2 बजे तक कानूनी प्रक्रिया में उलझने के बाद वह रात 2 बजे घर पहुंचा। पिता सोनू वर्मा और दादा निहाल सिंह के साथ होने के बाद भी वह नहीं सोया। क्योंकि इतनी देर में वह बहुत डर चुका था। उसका चेहरा उतर चुका था। घर पहुंचने पर भी वह केवल पिता से लिपटकर ही बैठा रहा।
बच्चे के घर पहुंचने के बाद दैनिक भास्कर बच्चे से मिलने पहुंचा। बच्चे ने क्या कुछ बताया, पढ़िए पूरी रिपोर्ट किडनैपर्स के चंगुल से छूटने के बाद क्या है मासूम का हाल…विस्तार से पढ़िये…
मासूम बोला, चाचा ने चाऊमीन खिलाई
दैनिक भास्कर की टीम जब जय से बात करने पहुंची, तो बच्चा किसी से बात नहीं कर रहा था। वह पूरी तरह डरा-सहमा और गुमसुम था। वहां से आने के बाद जय मासूम न खेल रहा है और न ही किसी से बातचीत कर रहा है।
काफी कोशिश के बाद उसने बस इतना बताया, चाचा ने चाऊमीन खिलाई थी। पिता के कहने पर उसने सिर हिलाकर यह भी माना कि चाचा ने दवा भी दी थी। इसके बाद वह पिता की गोदी में ही बैठा रहा।
मां कामिनी ने कहा कि, घर लौटने के बाद भी मासूम बहुत डरा है। न खेल रहा है और न ही किसी से बात कर रहा है। रास्ते में दादा ने उसे चिप्स दिलाए, लेकिन घर पहुंचते ही वह पिता से लिपट गया। परिवार का कहना है कि अब वह धीरे-धीरे ही मासूम का मन बहला पाएंगे और उसे सुरक्षित महसूस कराने की कोशिश करेंगे। पुलिस प्रक्रिया ने भी बढ़ाई परेशानी
आगरा के गढ़ी चांदनी निवासी सर्राफ सोनू वर्मा के 4 साल के बेटे जय को किडनैपर्स आठ घंटे बाद बच्चे को उसके घर के पास छोड़ गए। इसके बाद पुलिस ने उसे थाना एत्मादउदद्दौला ले जाकर कानूनी कार्रवाई पूरी की।
रात 2 बजे जय अपने पिता सोनू और दादा निहाल सिंह के साथ घर लौट आया। शनिवार सुबह फिर से तीनों को थाने बुलाया गया, जहां से वे दोपहर लगभग 1 बजे घर पहुंचे। तब तक मासूम पूरी तरह पस्त हो चुका था। घर पहुंचने पर वह पिता से लिपटकर ही रहा।
आठ घंटे किडनैपर्स के चंगुल में और चार घंटे पुलिस प्रक्रिया में उलझने के बाद उसका चेहरा पूरी तरह उतर चुका था। किडनैपर्स की बेरहमी, परिवार से जुदाई और घंटों पुलिस के बीच रहने के कारण मासूम गुमसुम हो गया है। पिता बोले- भाई से अब कोई संबंध नहीं रहेगा
जय के पिता सोनू वर्मा ने बताया, मेरे बेटे के किडनैप में मेरे भाई का हाथ था। पहले तो वह जेल से बाहर नहीं आएगा। अगर बाहर भी आया तो पहले जैसे संबंध अब नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बेटे की सुरक्षा अब उनकी पहली प्राथमिकता है और वह मासूम को धीरे-धीरे फिर से सामान्य जीवन की ओर लाएंगे। दादी बोलीं-दोस्तों के बहकावे में आ गया गगन
मासूम की दादी पदमा वर्मा ने कहा, गगन ऐसा नहीं करता, वह दोस्तों के बहकावे में आ गया। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे उसका और उसके अपराधी बेटे का संबंध कैसे रहेगा। दादी ने यह भी बताया कि गगन की शादी 4 साल पहले हुई थी, लेकिन 2 साल पहले उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। अब पढ़िए पूरा मामला…
गढ़ी चांदनी के रहने वाले सोनू की राधे ज्वेलर्स नाम से एक दुकान है। जय उनका इकलौता बेटा है। वह अपनी पत्नी के साथ अपनी पुश्तैनी घर के पास ही दूसरे घर में रहते। शुक्रवार करीब डेढ़ बजे घर के पास पांच साल का जय खेल रहा था।
दादी पदमा ने बताया- मैं बगल वाली गली में दूसरे घर पर रहती हूं। बच्चा दोनों घरों में खेलने के लिए यहां से वहां आता जाता रहता है। शुक्रवार को भी करीब डेढ़ बजे वह खेल रहा था। कुछ देर तक जब वह मेरे पास नहीं आया तो मैं उसके घर पहुंची।
बच्चा वहां पर भी नहीं था। इसके बाद हम सब परेशान हुए। इधर-उधर तलाशने के बाद सीसीटीवी कैमरे देखे गए। उसमें वह एक युवक के साथ जाता दिखाई दे रहा है। एक घंटे बाद ही पिता सोनू के पास एक वॉट्सऐप कॉल आया। सीसीटीवी से खुला किडनैपर चाचा का राज
करीब 2.30 बजे आई कॉल से फिरौती मांगी गई। पिता सोनू ने उनसे कहा कि उनके पास 2.50 लाख रुपए नहीं हैं, केवल 1.50 लाख रुपए हैं। कॉल करने वाले ने कुछ देर में बताने की बात कहकर फोन काट दी।लगभग 10 मिनट बाद दुबारा कॉल आया।
इस बार लोकेशन बदलकर 2.50 लाख रुपए ही देने की बात कही। पिता ने समय मांगी तो फोन काट दिया। करीब 15 मिनट बाद उनका फोन तीसरी बार आया। इस बार उन्होंने 1.5 लाख रुपए ही देने की बात कही।
इसी बीच बच्चे के पिता ने पुलिस को मोबाइल नंबर सहित अन्य सभी डिटेल सौंप दिए। सिम फर्जी पते पर लिया गया था। उधर, पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में दिख रहे युवक की पहचान कराई। बच्चे के पिता ने पहचान लिया कि बच्चे को उसका भाई गगन लेकर जा रहा है।
इसके बाद पुलिस ने तेजी दिखाई। पुलिस सक्रिय हुई तो किडनैपर डर गए। करीब 8 घंटे बाद उन्होंने बच्चे को घर से करीब 200 मीटर दूर छोड़ दिया और फरार हो गए। पुलिस मुठभेड़ में दो गिरफ्तार, चाचा अभी भी फरार
हालांकि, बच्चा मिलने के बाद भी पुलिस ने अपराधियों की तलाश बंद नहीं की। करीब 15 घंटे के भीतर पुलिस ने दो आरोपियों को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट कर लिया। दोनों के पैर में गोली मारी।
एसीपी छत्ता पीयूष कांत ने बताया कि देर रात मेहताब बाग के पास पुलिस की दो बदमाशों से मुठभेड़ हुई। प्रकाश नगर के साबिर और सत्य प्रकाश उर्फ बबलू के पैरों में गोली लगी। दोनों को गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये दोनों बच्चे की किडनैपिंग में शामिल थे।
लेकिन बच्चे का सगा चाचा गगन और उसका साथी आकाश उर्फ अल्लू फरार हैं। गगन किडनैपिंग का मुख्य आरोपी है। वह पहले भी छोटे-मोटे अपराधों में जेल जा चुका है।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया-बच्चे के पिता ने अपहरणकर्ता को पहचाना है, वह बच्चे का सगा चाचा है। यही वजह थी कि बच्चा उसके साथ आसानी से चला गया था। लगभग 8 घंटे बाद बच्चा सकुशल मिल गया। उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया है।
		
		
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किडनैपर्स के चंगुल में 8 घंटे और फिर रात 2 बजे तक कानूनी प्रक्रिया में उलझने के बाद वह रात 2 बजे घर पहुंचा। पिता सोनू वर्मा और दादा निहाल सिंह के साथ होने के बाद भी वह नहीं सोया। क्योंकि इतनी देर में वह बहुत डर चुका था। उसका चेहरा उतर चुका था। घर पहुंचने पर भी वह केवल पिता से लिपटकर ही बैठा रहा।
बच्चे के घर पहुंचने के बाद दैनिक भास्कर बच्चे से मिलने पहुंचा। बच्चे ने क्या कुछ बताया, पढ़िए पूरी रिपोर्ट किडनैपर्स के चंगुल से छूटने के बाद क्या है मासूम का हाल…विस्तार से पढ़िये…
मासूम बोला, चाचा ने चाऊमीन खिलाई
दैनिक भास्कर की टीम जब जय से बात करने पहुंची, तो बच्चा किसी से बात नहीं कर रहा था। वह पूरी तरह डरा-सहमा और गुमसुम था। वहां से आने के बाद जय मासूम न खेल रहा है और न ही किसी से बातचीत कर रहा है।
काफी कोशिश के बाद उसने बस इतना बताया, चाचा ने चाऊमीन खिलाई थी। पिता के कहने पर उसने सिर हिलाकर यह भी माना कि चाचा ने दवा भी दी थी। इसके बाद वह पिता की गोदी में ही बैठा रहा।
मां कामिनी ने कहा कि, घर लौटने के बाद भी मासूम बहुत डरा है। न खेल रहा है और न ही किसी से बात कर रहा है। रास्ते में दादा ने उसे चिप्स दिलाए, लेकिन घर पहुंचते ही वह पिता से लिपट गया। परिवार का कहना है कि अब वह धीरे-धीरे ही मासूम का मन बहला पाएंगे और उसे सुरक्षित महसूस कराने की कोशिश करेंगे। पुलिस प्रक्रिया ने भी बढ़ाई परेशानी
आगरा के गढ़ी चांदनी निवासी सर्राफ सोनू वर्मा के 4 साल के बेटे जय को किडनैपर्स आठ घंटे बाद बच्चे को उसके घर के पास छोड़ गए। इसके बाद पुलिस ने उसे थाना एत्मादउदद्दौला ले जाकर कानूनी कार्रवाई पूरी की।
रात 2 बजे जय अपने पिता सोनू और दादा निहाल सिंह के साथ घर लौट आया। शनिवार सुबह फिर से तीनों को थाने बुलाया गया, जहां से वे दोपहर लगभग 1 बजे घर पहुंचे। तब तक मासूम पूरी तरह पस्त हो चुका था। घर पहुंचने पर वह पिता से लिपटकर ही रहा।
आठ घंटे किडनैपर्स के चंगुल में और चार घंटे पुलिस प्रक्रिया में उलझने के बाद उसका चेहरा पूरी तरह उतर चुका था। किडनैपर्स की बेरहमी, परिवार से जुदाई और घंटों पुलिस के बीच रहने के कारण मासूम गुमसुम हो गया है। पिता बोले- भाई से अब कोई संबंध नहीं रहेगा
जय के पिता सोनू वर्मा ने बताया, मेरे बेटे के किडनैप में मेरे भाई का हाथ था। पहले तो वह जेल से बाहर नहीं आएगा। अगर बाहर भी आया तो पहले जैसे संबंध अब नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि बेटे की सुरक्षा अब उनकी पहली प्राथमिकता है और वह मासूम को धीरे-धीरे फिर से सामान्य जीवन की ओर लाएंगे। दादी बोलीं-दोस्तों के बहकावे में आ गया गगन
मासूम की दादी पदमा वर्मा ने कहा, गगन ऐसा नहीं करता, वह दोस्तों के बहकावे में आ गया। अब समझ नहीं आ रहा कि आगे उसका और उसके अपराधी बेटे का संबंध कैसे रहेगा। दादी ने यह भी बताया कि गगन की शादी 4 साल पहले हुई थी, लेकिन 2 साल पहले उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। अब पढ़िए पूरा मामला…
गढ़ी चांदनी के रहने वाले सोनू की राधे ज्वेलर्स नाम से एक दुकान है। जय उनका इकलौता बेटा है। वह अपनी पत्नी के साथ अपनी पुश्तैनी घर के पास ही दूसरे घर में रहते। शुक्रवार करीब डेढ़ बजे घर के पास पांच साल का जय खेल रहा था।
दादी पदमा ने बताया- मैं बगल वाली गली में दूसरे घर पर रहती हूं। बच्चा दोनों घरों में खेलने के लिए यहां से वहां आता जाता रहता है। शुक्रवार को भी करीब डेढ़ बजे वह खेल रहा था। कुछ देर तक जब वह मेरे पास नहीं आया तो मैं उसके घर पहुंची।
बच्चा वहां पर भी नहीं था। इसके बाद हम सब परेशान हुए। इधर-उधर तलाशने के बाद सीसीटीवी कैमरे देखे गए। उसमें वह एक युवक के साथ जाता दिखाई दे रहा है। एक घंटे बाद ही पिता सोनू के पास एक वॉट्सऐप कॉल आया। सीसीटीवी से खुला किडनैपर चाचा का राज
करीब 2.30 बजे आई कॉल से फिरौती मांगी गई। पिता सोनू ने उनसे कहा कि उनके पास 2.50 लाख रुपए नहीं हैं, केवल 1.50 लाख रुपए हैं। कॉल करने वाले ने कुछ देर में बताने की बात कहकर फोन काट दी।लगभग 10 मिनट बाद दुबारा कॉल आया।
इस बार लोकेशन बदलकर 2.50 लाख रुपए ही देने की बात कही। पिता ने समय मांगी तो फोन काट दिया। करीब 15 मिनट बाद उनका फोन तीसरी बार आया। इस बार उन्होंने 1.5 लाख रुपए ही देने की बात कही।
इसी बीच बच्चे के पिता ने पुलिस को मोबाइल नंबर सहित अन्य सभी डिटेल सौंप दिए। सिम फर्जी पते पर लिया गया था। उधर, पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे में दिख रहे युवक की पहचान कराई। बच्चे के पिता ने पहचान लिया कि बच्चे को उसका भाई गगन लेकर जा रहा है।
इसके बाद पुलिस ने तेजी दिखाई। पुलिस सक्रिय हुई तो किडनैपर डर गए। करीब 8 घंटे बाद उन्होंने बच्चे को घर से करीब 200 मीटर दूर छोड़ दिया और फरार हो गए। पुलिस मुठभेड़ में दो गिरफ्तार, चाचा अभी भी फरार
हालांकि, बच्चा मिलने के बाद भी पुलिस ने अपराधियों की तलाश बंद नहीं की। करीब 15 घंटे के भीतर पुलिस ने दो आरोपियों को एनकाउंटर के बाद अरेस्ट कर लिया। दोनों के पैर में गोली मारी।
एसीपी छत्ता पीयूष कांत ने बताया कि देर रात मेहताब बाग के पास पुलिस की दो बदमाशों से मुठभेड़ हुई। प्रकाश नगर के साबिर और सत्य प्रकाश उर्फ बबलू के पैरों में गोली लगी। दोनों को गिरफ्तार कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। ये दोनों बच्चे की किडनैपिंग में शामिल थे।
लेकिन बच्चे का सगा चाचा गगन और उसका साथी आकाश उर्फ अल्लू फरार हैं। गगन किडनैपिंग का मुख्य आरोपी है। वह पहले भी छोटे-मोटे अपराधों में जेल जा चुका है।
पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने बताया-बच्चे के पिता ने अपहरणकर्ता को पहचाना है, वह बच्चे का सगा चाचा है। यही वजह थी कि बच्चा उसके साथ आसानी से चला गया था। लगभग 8 घंटे बाद बच्चा सकुशल मिल गया। उसे परिजनों के हवाले कर दिया गया है।