बच्चों और बड़ों फैटी लिवर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी सबसे बड़ी वजह मोटापा है। इसकी वजह से लिवर से जुड़ी तमात तरह की बीमारियां पनप रही हैं। इसका जितनी जल्दी पता चल जाए। उतनी जल्दी उपचार से इसे काबू किया जा सकता है। इलाज में देरी से मरीज को सिरोसिस और लिवर कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। ये बातें SGPGI के निदेशक प्रो.आरके धीमन ने कही। वो रविवार को संस्थान में 25वें लिवर डिसीज के करेंट पर्सपेक्टिव्स के कॉन्फेंस में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि हेपेटोलॉजी विभाग में फैटी लिवर और मोटापा क्लीनिक शुरू की जाएगी। फैटी लिवर से बचाव के तरीके बताए सम्मेलन में नई दिल्ली के ILBS से आए डॉ.अनूप सराया ने कहा कि इससे बचाव के लिये लोग मोटापे का काबू में करें। सिर्फ 10% मोटापा कम कर फैटी लिवर से बचा जा सकता है। रोजाना 40 मिनट कसरत और टहलने को दिनचर्या में शामिल करें। ये भी हुए शामिल सम्मेलन में हेपेटोलॉजी विभाग के डॉ.अमित गोयल, डॉ. अजय दुसेजा, डॉ. राकेश अग्रवाल और डॉ. एसी आनंद, एनएएफएलडी कार्यक्रम की प्रभारी डॉ. अलका शर्मा, एनएचएम के तहत तैनात 40 से अधिक डॉक्टर के अलावा एमडी और डीएम और डीएनबी छात्रों समेत 400 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।