नदी का किनारा महज 15 मीटर दूर था। तभी नाव में लगी मोटर की रेस बढ़ी तो स्पीड बढ़ गई। नाविक उसे संभाल नहीं पाया। नाव घाट के किनारे से टकरा गई। टक्कर लगने के बाद नाव करीब 50 मीटर उसी स्पीड में पीछे हो गई। टक्कर से नाव में छेद हो गया। नाव में पानी भरने लगा। लोग चिल्लाने लगे। मैंने भतीजे अनिकेत को गोद में उठा लिया। बेटे कृष्ण उर्फ कृष का हाथ पकड़ लिया। तभी नाव पलट गई। मेरे बेटे का हाथ छूट गया। महज 30 सेकेंड में मेरा बेटा पानी में समा गया। ये कहना है क्रिकेटर कृष्ण के पिता मदनेश का। उन्होंने बताया कि नाव पलटने के बाद सभी दिखे, मगर मेरा कहीं नहीं दिखा। अगर मैं बेटे को भी गोद में ले लेता तो मेरा बेटा मेरे साथ होता। मगर मुझे मौका ही नहीं मिला। दरअसल, 25 अक्टूबर को गोर्रा नदी में नाव पलटने से एक किशोर बह गया। ग्रामीणों ने 7 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया। नाव में सवार 8 लोगों में से 3 बच्चे थे। एसडीआरएफ की टीम ने 28 घंटे के रेस्क्यू के बाद किशोर की डेडबॉडी बरामद किया। हादसा जहां हुआ, वह घटनास्थल कृष्ण के घर से डेढ़ किमी दूर है। रविवार को दैनिक भास्कर ऐप टीम जिला मुख्यालय से 25 किमी. दूर जोगिया गांव पहुंची। हादसा कैसे हुआ? इसके पीछे क्या कारण रहा? कृष्ण को लेकर कहां जा रहे थे? किस काम से जा रहे थे? इन सवालों को लेकर कृष्ण के पिता से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… गांव का माहौल… बेटे की लाश से लिपट गई मां
दोपहर करीब 1 बजे कृष्ण के गांव में सन्नाटा था। रास्ते में महिला अनीता मिलीं। मैंने उनसे कृष्ण के घर के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि गांव में सिर्फ महिलाएं हैं। बाकी सभी लोग करही घाट पर हैं। वहां एनडीआरएफ टीम नदी में डूबे कृष को खोज रही है। हम कृष्ण के घर पहुंचे। कृष्ण के पिता मदनेश तख्त पर बैठे रो रहे थे। गांव के तीन लोग उन्हें समझा रहे थे। घर के अंदर गांव की महिलाएं थीं। जो कृष की मां सुमन और अन्य घरवालों को सांत्वना दे रही थीं। सुमन बार-बार रोते-रोते बेहोश हो रही थी। वह रोते हुए सिर्फ एक ही लाइन बोल रही थीं कि कोई मेरे बाबू को ले आओ, वह कहां चला गया। उसे मेरे पास ले आओ। तभी दोपहर करीब 2 बजे गांव के एक लड़के ने मदनेश को फोन किया और बताया कि कृष्ण की डेडबॉडी मिल गई है। मदनेश और सुमन बाइक से नदी की ओर निकल गए। यहां बच्चे की लाश से दोनों लिपट गए। किसी तरह पुलिस ने उन्हें समझाकर हटाया। पिता बोले- जनेऊ का वीडियो लेने जा रहे थे
पिता मदनेश ने बताया कि 6 महीने पहले कृष का जनेऊ हुआ था। उसका वीडियो बरही कस्बे के एक फोटो स्टूडियो वाले ने बनाया था। वीडियो बनाकर उसने पेन ड्राइव में रख लिया था। उसी पेन ड्राइव को लेने के लिए मैं बाइक से जा रहा था। बाइक पर मेरा बेटा कृष और 6 साल का भतीजा भी बैठ गया। बाइक से गांव राजधानी के पास नदी के घाट पर पहुंचे। वहां से बरही कस्बे में जाने के लिए नाव चलती है। जो करही घाट पर आती है। एक घाट से दूसरे घाट की दूरी करीब 150 मीटर है। मैंने सबसे पहले नाव में बाइक लादी। इसके बाद बेटे और भतीजे को बैठाया। लकड़ी की नाव सरकारी थी। नाविक ने स्टीमर का मोटर लगा रखी थी। नाव में 8 लोग सवार थे। 5 बाइक भी थीं। किनारे पहुंचने ही वाले थे कि हादसा हो गया। छठ पर जाना था, अब बिना बेटे कैसे जाऊंगी
मां सुमन ने बताया कि हम लोग वड़ोदरा से दिवाली वाले दिन घर आए थे। छठ के बाद वापस जाना था। अब बिना बेटे के कैसे जाएंगे। कैसे रह पाएंगे। पहले मेरी बेटी छोड़ गई। अब बेटा भी छोड़ गया। वर्ष 2012 में बड़ी बेटी की महज आठ साल की उम्र में इंसेफेलाटिस से मौत हो गई थी। इसके बाद से ही हम गुजरात में रहने लगे थे। कृष्ण 10वीं क्लास में पढ़ता था। उसे क्रिकेट खेलने का शौक था। लोग बोले- कृष्ण की सांस चल रही है
एनडीआरएफ टीम ने नदी से बाहर निकाल कर लाश करही घाट के किनारे रखा। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा शुरू किया। इस दौरान डेडबॉडी से कुछ आवाज आ रही थी। लोगों को लगा कि शायद कृष्ण की सांस चल रही है। लोगों के कहने पर एनडीआरएफ टीम ने जांच की। पता चला कि कृष्ण के हाथ में बंधी घड़ी की आवाज थी। जो टिक-टिक कर रही थी। कृष्ण के कान के पास से ब्लड आ रहा था। उसके गले में चेन और हाथ में ब्रेसलेट था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जिससे हादसा हुआ वह नाव सरकारी थी
ग्रामीणों ने बताया कि राजधानी, जोगिया और आसपास के गांवों के लोग गोर्रा नदी पार करके कस्बे में जाते हैं। यहां पहले पीपा पुल बना था, लेकिन पानी बढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया। इसके बाद लोगों की आवाजाही के लिए यह सरकारी नाव चलाई जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि नाव काफी पुरानी और जर्जर हालत में थी। इसी वजह से यह हादसा हुआ। कृष्ण ने 3 साल से क्रिकेट कैंप ज्वाइन किया था
वडोदरा में कृष्ण ने 3 साल से क्रिकेट कैंप ज्वाइन किया था। वडोदरा क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से कई टूर्नामेंट खेले थे। कई क्रिकेटरों के साथ उसकी इंस्टाग्राम पर वीडियो और तस्वीरें हैं। इंस्टाग्राम पर विराट कोहली और धोनी को फॉलो किया था। ————————– ये भी पढ़ें … मां से एकतरफा प्यार, प्रेमी ने बेटे को मार डाला: घर से उठाया, हत्या करके नदी में फेंका; कानपुर पुलिस ने गोली मारकर पकड़ा कानपुर में एक सिरफिरे प्रेमी ने प्रेमिका के बच्चे की हत्या कर दी। शुक्रवार दोपहर आरोपी ने बच्चे को चॉकलेट का लालच देकर घर के बाहर से उठा लिया। उसे एक किलोमीटर दूर पांडु नदी के पास ले गया, जहां गला दबाकर हत्या कर दी और शव वहीं फेंक दिया। इधर, घरवालों ने बच्चे की खोजबीन शुरू की, लेकिन वह नहीं मिला। पढ़ें पूरी खबर…
दोपहर करीब 1 बजे कृष्ण के गांव में सन्नाटा था। रास्ते में महिला अनीता मिलीं। मैंने उनसे कृष्ण के घर के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि गांव में सिर्फ महिलाएं हैं। बाकी सभी लोग करही घाट पर हैं। वहां एनडीआरएफ टीम नदी में डूबे कृष को खोज रही है। हम कृष्ण के घर पहुंचे। कृष्ण के पिता मदनेश तख्त पर बैठे रो रहे थे। गांव के तीन लोग उन्हें समझा रहे थे। घर के अंदर गांव की महिलाएं थीं। जो कृष की मां सुमन और अन्य घरवालों को सांत्वना दे रही थीं। सुमन बार-बार रोते-रोते बेहोश हो रही थी। वह रोते हुए सिर्फ एक ही लाइन बोल रही थीं कि कोई मेरे बाबू को ले आओ, वह कहां चला गया। उसे मेरे पास ले आओ। तभी दोपहर करीब 2 बजे गांव के एक लड़के ने मदनेश को फोन किया और बताया कि कृष्ण की डेडबॉडी मिल गई है। मदनेश और सुमन बाइक से नदी की ओर निकल गए। यहां बच्चे की लाश से दोनों लिपट गए। किसी तरह पुलिस ने उन्हें समझाकर हटाया। पिता बोले- जनेऊ का वीडियो लेने जा रहे थे
पिता मदनेश ने बताया कि 6 महीने पहले कृष का जनेऊ हुआ था। उसका वीडियो बरही कस्बे के एक फोटो स्टूडियो वाले ने बनाया था। वीडियो बनाकर उसने पेन ड्राइव में रख लिया था। उसी पेन ड्राइव को लेने के लिए मैं बाइक से जा रहा था। बाइक पर मेरा बेटा कृष और 6 साल का भतीजा भी बैठ गया। बाइक से गांव राजधानी के पास नदी के घाट पर पहुंचे। वहां से बरही कस्बे में जाने के लिए नाव चलती है। जो करही घाट पर आती है। एक घाट से दूसरे घाट की दूरी करीब 150 मीटर है। मैंने सबसे पहले नाव में बाइक लादी। इसके बाद बेटे और भतीजे को बैठाया। लकड़ी की नाव सरकारी थी। नाविक ने स्टीमर का मोटर लगा रखी थी। नाव में 8 लोग सवार थे। 5 बाइक भी थीं। किनारे पहुंचने ही वाले थे कि हादसा हो गया। छठ पर जाना था, अब बिना बेटे कैसे जाऊंगी
मां सुमन ने बताया कि हम लोग वड़ोदरा से दिवाली वाले दिन घर आए थे। छठ के बाद वापस जाना था। अब बिना बेटे के कैसे जाएंगे। कैसे रह पाएंगे। पहले मेरी बेटी छोड़ गई। अब बेटा भी छोड़ गया। वर्ष 2012 में बड़ी बेटी की महज आठ साल की उम्र में इंसेफेलाटिस से मौत हो गई थी। इसके बाद से ही हम गुजरात में रहने लगे थे। कृष्ण 10वीं क्लास में पढ़ता था। उसे क्रिकेट खेलने का शौक था। लोग बोले- कृष्ण की सांस चल रही है
एनडीआरएफ टीम ने नदी से बाहर निकाल कर लाश करही घाट के किनारे रखा। इसके बाद पुलिस ने पंचनामा शुरू किया। इस दौरान डेडबॉडी से कुछ आवाज आ रही थी। लोगों को लगा कि शायद कृष्ण की सांस चल रही है। लोगों के कहने पर एनडीआरएफ टीम ने जांच की। पता चला कि कृष्ण के हाथ में बंधी घड़ी की आवाज थी। जो टिक-टिक कर रही थी। कृष्ण के कान के पास से ब्लड आ रहा था। उसके गले में चेन और हाथ में ब्रेसलेट था। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए बीआरडी मेडिकल कॉलेज भेज दिया। जिससे हादसा हुआ वह नाव सरकारी थी
ग्रामीणों ने बताया कि राजधानी, जोगिया और आसपास के गांवों के लोग गोर्रा नदी पार करके कस्बे में जाते हैं। यहां पहले पीपा पुल बना था, लेकिन पानी बढ़ने से रास्ता बंद कर दिया गया। इसके बाद लोगों की आवाजाही के लिए यह सरकारी नाव चलाई जा रही थी। ग्रामीणों का कहना है कि नाव काफी पुरानी और जर्जर हालत में थी। इसी वजह से यह हादसा हुआ। कृष्ण ने 3 साल से क्रिकेट कैंप ज्वाइन किया था
वडोदरा में कृष्ण ने 3 साल से क्रिकेट कैंप ज्वाइन किया था। वडोदरा क्रिकेट एसोसिएशन की ओर से कई टूर्नामेंट खेले थे। कई क्रिकेटरों के साथ उसकी इंस्टाग्राम पर वीडियो और तस्वीरें हैं। इंस्टाग्राम पर विराट कोहली और धोनी को फॉलो किया था। ————————– ये भी पढ़ें … मां से एकतरफा प्यार, प्रेमी ने बेटे को मार डाला: घर से उठाया, हत्या करके नदी में फेंका; कानपुर पुलिस ने गोली मारकर पकड़ा कानपुर में एक सिरफिरे प्रेमी ने प्रेमिका के बच्चे की हत्या कर दी। शुक्रवार दोपहर आरोपी ने बच्चे को चॉकलेट का लालच देकर घर के बाहर से उठा लिया। उसे एक किलोमीटर दूर पांडु नदी के पास ले गया, जहां गला दबाकर हत्या कर दी और शव वहीं फेंक दिया। इधर, घरवालों ने बच्चे की खोजबीन शुरू की, लेकिन वह नहीं मिला। पढ़ें पूरी खबर…