चुनाव आयोग ने सोमवार को यूपी में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन यानी SIR करवाने का ऐलान कर दिया है। मतलब यूपी में अब बिहार की तर्ज पर वोटर लिस्ट का SIR होगा। यह प्रक्रिया आज यानी 28 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी। 4 नवंबर से BLO डोर-टू-डोर जाएंगे। 7 फरवरी तक SIR का प्रोसेस चलेगा। इस प्रोसेस में वोटर लिस्ट का अपडेशन होगा। नए वोटरों के नाम जोड़े जाएंगे और वोटर लिस्ट में सामने आने वाली गलतियों को सुधारा जाएगा। आज रात से ही यूपी में वोटर लिस्ट फ्रीज हो गई है। यूपी के मुख्य चुनाव अधिकारी नवदीप ने कहा, अफसरों और कर्मचारियों को इसकी ट्रेनिंग दी जा चुकी है। 2003 की मतदाता सूची वेबसाइट पर अपलोड करने का काम चल रहा है। इसी सूची के आधार पर SIR होगा। यदि बिहार की तर्ज पर यूपी में SIR सही तरीके से लागू हुआ तो 1.30 करोड़ लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हट जाएंगे। बिहार में 7.89 करोड़ वोटर्स में 68.66 लाख नाम हटे थे। 21.53 लाख नए मतदाता जुड़े थे। यूपी में अभी 15.44 करोड़ मतदाता हैं। हालांकि निर्वाचन आयोग से जुड़े सोर्स कहते हैं कि बिहार की तरह यूपी में भी औसत आंकड़े यही आए, ये सच के करीब नहीं होगा। क्योंकि बिहार की तुलना में यूपी में पलायन कम है। फिलहाल, कांग्रेस ने यूपी में SIR का विरोध करने का ऐलान किया है। अखिलेश यादव ने बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, यूपी में यदि SIR में गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसे हालात होंगे। जनता सड़क पर उतरेगी। हर बूथ की वोटर लिस्ट जांची जाएगी
यूपी में विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं। इन सीटों के हर बूथ की वोटर लिस्ट की गहनता से जांच होगी। हर वोटर को फिर से वेरिफाई किया जाएगा। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद यूपी में ट्रेनिंग हो चुकी है। कलेक्टर, एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार, बीएलओ सहित वोटर लिस्ट के अपडेशन से जुड़े अफसर कर्मचारियों की ट्रेनिंग करवाई जा चुकी है। वोटर लिस्ट फ्रीज होने के बाद अब बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे। बीएलओ एक घर तीन बार जाएंगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाता हैं। 1,62,486 BLO हैं। वहीं मॉनिटरिंग के लिए 2445 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और 75 जिला निर्वाचन अधिकारी हैं, जो इस पूरे प्रोसेस पर नजर रखेंगे। संदिग्ध लोगों से दस्तावेज मांगे जाएंगे। एसआईआर में कई जगह बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे। मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन क्यों किया जा रहा है? क्या नई व्यवस्था में ऐसे लोग जो नए वोटर बनना चाहते हैं या दूसरे राज्य से शिफ्ट होकर आए हैं, उन्हें डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा? क्या डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- एन्यूमरेशन फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में बीएलओ घर-घर जाकर फाॅर्म बांटेंगे, फिर मिलान होगा। जिनके दस्तावेज का मिलान नहीं होगा, उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे। डिंपल बोलीं- SIR कराना चाहता है तो कराए चुनाव आयोग अखिलेश ने कहा था- गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसे हालात होंगे अखिलेश यादव ने बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, यूपी में यदि SIR में गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसे हालात होंगे। जनता सड़क पर उतरेगी। तीन महीने पहले चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए विपक्ष के 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला था। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश और डिंपल यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कन्नौज से सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बैरिकेडिंग फांद गए। उन्होंने कहा- हमने चुनाव आयोग को 18 हजार डिलीटेड वोट की लिस्ट दी है। उपचुनाव में वोटों की लूट हुई। सरकार उन तमाम डीएम को सस्पेंड करे, जो इसमें शामिल थे। सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यूपी उपचुनाव में बूथ कैप्चरिंग की गई। ———— यह खबर भी पढ़िए:- योगी का ऐलान- मुस्तफाबाद का नाम कबीरधाम करेंगे:लखीमपुर में बोले- पहले सारा पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री में जाता था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर कबीरधाम किया जाएगा। उन्होंने मंच से कबीरदास के दोहे पढ़े और बिना नाम लिए विपक्ष पर हमला बोला। योगी ने कहा- प्रदेश में 2017 से पहले धार्मिक स्थलों की क्या हालत थी, सभी जानते हैं। लेकिन, डबल इंजन की सरकार आने के बाद हमने धार्मिक स्थलों की दशा बदली। पहले जो पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाने में चला जाता था। आज वो पैसा धार्मिक स्थलों के विकास में लग रहा है। पढ़ें पूरी खबर…
यूपी में विधानसभा की 403 और लोकसभा की 80 सीटें हैं। इन सीटों के हर बूथ की वोटर लिस्ट की गहनता से जांच होगी। हर वोटर को फिर से वेरिफाई किया जाएगा। चुनाव आयोग के निर्देश के बाद यूपी में ट्रेनिंग हो चुकी है। कलेक्टर, एसडीएम, एडीएम, तहसीलदार, बीएलओ सहित वोटर लिस्ट के अपडेशन से जुड़े अफसर कर्मचारियों की ट्रेनिंग करवाई जा चुकी है। वोटर लिस्ट फ्रीज होने के बाद अब बूथ लेवल ऑफिसर (BLO), घर-घर जाकर फॉर्म बांटेंगे। बीएलओ एक घर तीन बार जाएंगे। निर्वाचन आयोग के अनुसार, प्रदेश में 15.44 करोड़ मतदाता हैं। 1,62,486 BLO हैं। वहीं मॉनिटरिंग के लिए 2445 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी और 75 जिला निर्वाचन अधिकारी हैं, जो इस पूरे प्रोसेस पर नजर रखेंगे। संदिग्ध लोगों से दस्तावेज मांगे जाएंगे। एसआईआर में कई जगह बड़ी संख्या में लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटेंगे। मतदाता सूची का स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन क्यों किया जा रहा है? क्या नई व्यवस्था में ऐसे लोग जो नए वोटर बनना चाहते हैं या दूसरे राज्य से शिफ्ट होकर आए हैं, उन्हें डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा? क्या डॉक्यूमेंट मांगे जाएंगे?
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा- एन्यूमरेशन फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में कोई दस्तावेज नहीं देने होंगे। पहले फेज में बीएलओ घर-घर जाकर फाॅर्म बांटेंगे, फिर मिलान होगा। जिनके दस्तावेज का मिलान नहीं होगा, उनसे दस्तावेज मांगे जाएंगे। डिंपल बोलीं- SIR कराना चाहता है तो कराए चुनाव आयोग अखिलेश ने कहा था- गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसे हालात होंगे अखिलेश यादव ने बीते दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था, यूपी में यदि SIR में गड़बड़ी हुई तो नेपाल जैसे हालात होंगे। जनता सड़क पर उतरेगी। तीन महीने पहले चुनाव में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए विपक्ष के 300 सांसदों ने संसद से चुनाव आयोग के ऑफिस तक मार्च निकाला था। इस दौरान राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश और डिंपल यादव समेत कई विपक्षी सांसदों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इसके बाद उन्हें पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन ले जाया गया। कन्नौज से सांसद और सपा प्रमुख अखिलेश यादव प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बैरिकेडिंग फांद गए। उन्होंने कहा- हमने चुनाव आयोग को 18 हजार डिलीटेड वोट की लिस्ट दी है। उपचुनाव में वोटों की लूट हुई। सरकार उन तमाम डीएम को सस्पेंड करे, जो इसमें शामिल थे। सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यूपी उपचुनाव में बूथ कैप्चरिंग की गई। ———— यह खबर भी पढ़िए:- योगी का ऐलान- मुस्तफाबाद का नाम कबीरधाम करेंगे:लखीमपुर में बोले- पहले सारा पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री में जाता था मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखीमपुर खीरी में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि मुस्तफाबाद गांव का नाम बदलकर कबीरधाम किया जाएगा। उन्होंने मंच से कबीरदास के दोहे पढ़े और बिना नाम लिए विपक्ष पर हमला बोला। योगी ने कहा- प्रदेश में 2017 से पहले धार्मिक स्थलों की क्या हालत थी, सभी जानते हैं। लेकिन, डबल इंजन की सरकार आने के बाद हमने धार्मिक स्थलों की दशा बदली। पहले जो पैसा कब्रिस्तान की बाउंड्री बनवाने में चला जाता था। आज वो पैसा धार्मिक स्थलों के विकास में लग रहा है। पढ़ें पूरी खबर…