जेवर एयरपोर्ट शुरू होते ही मिलेगी 10 शहरों की फ्लाइट:रोजाना 150 फ्लाइट्स भरेंगी उड़ान, 2 एयरलाइंस से हुआ करार

देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर से जल्द ही घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। एयरपोर्ट के लोकार्पण के बाद पहले चरण में घरेलू उड़ानें शुरू होंगी। उसी दिन से कार्गो प्लेन का संचालन भी शुरू होगा। उसके बाद अंतरराष्ट्रीय हवाईजहाज उड़ान भरेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एयरपोर्ट के लोकार्पण का समय मिलते ही प्रदेश सरकार सीएम योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट का भव्य लोकार्पण समारोह करेगी। पहले कहा जा रहा था कि 30 अक्टूबर को पीएम मोदी एयरपोर्ट का लोकार्पण कर सकते हैं। हालांकि, अभी यह तारीख फाइनल नहीं हुई है। वहीं, जेवर एयरपोर्ट के पहले चरण का निर्माण लगभग पूरा हो गया है। ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने तय समय से पहले पहले चरण का निर्माण पूरा किया है। यह काम साल-2023 से 2027 के बीच पूरा होना था, जिस पर 4588 करोड़ रुपए की लागत आनी थी। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (नायल) के अधिकारियों ने बताया कि डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और गृह मंत्रालय की ओर से तमाम जरूरी एनओसी मिल चुकी हैं। अब केवल एयरोड्रोम लाइसेंस मिलना बाकी है। जल्द ही एयरोड्रोम लाइसेंस मिलने की उम्मीद है। उसके बाद ही एयरलाइंस कंपनियां टिकटों की बुकिंग शुरू करेंगी। रोजाना 150 फ्लाइट्स के उड़ान का टारगेट रखा गया है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट. लिमिटेड का इंडिगो और अकासा के साथ करार भी हो गया है। दिसंबर महीने तक कई और विमान कंपनियों स्पाइस जेट, एयर इंडिया समेत कई विदेशी कंपनियों के साथ भी करार होगा। 2 डेटा सेंटर यात्रियों को देंगे पूरी सुरक्षा
एयरपोर्ट में ड्यूल फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क लगाया जा रहा है। इससे डेटा कनेक्टिविटी पूरी तरह निर्बाध और सुरक्षित रखा जाएगा। दो अलग डेटा सेंटर भी बनाए गए हैं, जो पूरे सिस्टम को डिजिटल स्थिरता और सुरक्षा प्रदान करेंगे। टर्मिनल से लेकर रनवे, पार्किंग से लेकर सुरक्षा व्यवस्था तक सब कुछ रियल-टाइम डिजिटल नेटवर्क से जुड़ेगा। हर गतिविधि पर नजर रखने के लिए मॉडर्न वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाया गया है। एंट्री और एग्जिट मार्गों पर लगाए जा रहे लाइसेंस प्लेट रिकग्निशन और इमेजिंग कैमरे वाहनों की स्मार्ट ट्रैकिंग सुनिश्चित करेंगे। इससे सुरक्षा और सुविधा दोनों में अभूतपूर्व सुधार होगा। 3 डिजिटल कंट्रोल हब
एयरपोर्ट में 3 प्रमुख डिजिटल कंट्रोल हब बनाए जा रहे हैं। पहला- एयरपोर्ट ऑपरेशंस सेंटर (AOC), जो पूरे एयरपोर्ट संचालन का मस्तिष्क होगा। यह हर गतिविधि को रियल-टाइम में नियंत्रित करेगा। दूसरा- सिक्योरिटी ऑपरेशंस कंट्रोल सेंटर चौबीसों घंटे एयरपोर्ट की सुरक्षा पर नजर रखेगा। तीसरा- एयरपोर्ट इमरजेंसी ऑपरेशंस सेंटर, जो किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित करेगा। जेवर एयरपोर्ट माल परिवहन (कार्गो) का भी बड़ा केंद्र बनेगा। फेज 1 में 7.5 लाख टन, फेज 2 में 10 लाख टन, फेज 3 में 15 लाख टन और फेज 4 का निर्माण पूरा होने पर एयरपोर्ट से हर साल 20 लाख टन माल का परिवहन हो सकेगा। 2060 तक सरकार को मिलेंगे 1.10 लाख करोड़
ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल की ओर से प्रति यात्री 400.94 रुपए की दर से यूपी सरकार को भुगतान किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक, सरकार को 2060 तक इससे 1 लाख 10 हजार करोड़ रुपए से अधिक इनकम होगी। इंदिरा गांधी एयरपोर्ट का भार कम होगा
नागरिक उड्‌डयन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जेवर एयरपोर्ट के संचालन से धीरे-धीरे नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भार कम किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट और इंदिरा गांधी एयरपोर्ट के बीच दूरी ज्यादा नहीं है। इस वजह से वहां की कई घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को यहां शिफ्ट किया जाएगा। एयरपोर्ट के निर्माण से यूपी, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब के लोगों को भी फायदा होगा। एयरपोर्ट के निर्माण से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। ———————— ये खबर भी पढ़ें… योगी ने हेलिकॉप्टर से देखा देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट…VIDEO, जेवर एयरपोर्ट का निरीक्षण किया नोएडा में सीएम योगी ने हेलिकॉप्टर से देश के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट को देखा। उन्होंने एयरस्ट्रिप निर्माणाधीन टर्मिनल, पार्किंग, ओर एयरपोर्ट कनेक्टिविटी का सर्वेक्षण किया। इससे पहले उन्होंने एयरपोर्ट अथॉरिटी के अधिकारियों संग बैठक की। सीएम ने अधिकारियों से कहा- एयरपोर्ट के शुभारंभ से पहले सभी काम पूरे किए जाएं। पढ़ें पूरी खबर