डॉ.शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में दिव्यांग दृष्टिबाधित स्टूडेंट्स की पढ़ाई AI आधारित चश्मे से अब आसान हो जाएगी। बुधवार को स्मार्ट विजन ग्लासेस वितरण समारोह के जरिए पहले चरण में 33 स्टूडेंट्स को ये चश्मे मिले हैं। इस पहल से मिले चश्मे कार्यक्रम में हेल्प द ब्लाइंड फाउंडेशन के पदाधिकारियों के साथ विशेष शिक्षा संकाय के डीन डॉ.कौशल शर्मा, दृष्टि बाधिता विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ.आद्या शक्ति राय मौजूद रहे। एक चश्मे की कीमत 40 हजार रुपए से अधिक है। सभी स्टूडेंट्स को ये चश्मा मिल सके इस पर विवि के प्रवक्ता डॉ. यशवंत वीरोदय ने कहा कि अन्य दृष्टिबाधित स्टूडेंट को भी ये चश्मा मुहैया कराया जाएगा। छात्र कल्याण के डीन प्रो. आशुतोष पांडेय ने बताया कि ऐसी तकनीकी पहल से हमारे स्टूडेंट्स शैक्षणिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनेंगे। उनका हौसला भी बढ़ेगा। ऐसे काम करता है AI चश्मा AI चश्मा एक स्मार्ट डिवाइस है जो आंखों के सामने रखी छोटी-सी स्क्रीन की तरह काम करता है। इसमें कैमरा, माइक्रोफोन और सेंसर लगे होते हैं जो आस-पास की चीजों को पहचानते हैं और उनकी जानकारी तुरंत चश्मे के लेंस पर दिखा देते हैं। यह चश्मा बोलकर भी काम करता है… यानी आप वॉइस कमांड देकर उसे निर्देश दे सकते हैं। इसमें टच सेंसर और इशारा पहचानने की सुविधा भी होती है, जिससे बिना बटन दबाए कई काम किए जा सकते हैं। सबसे खास बात यह है कि यह चश्मा एक छोटी ईयर डिवाइस से जुड़कर उपयोगकर्ता को ऑडियो मैसेज भी भेजता है। जैसे अगर कोई स्टूडेंट इसे पहने है, तो उसे किसी विषय की जानकारी सीधे उसके कान में सुनाई दे सकती है, जिससे पढ़ाई और समझना दोनों आसान हो जाते हैं।