यूपी में तूफान मोन्था का असर है। लखनऊ, अयोध्या, वाराणसी, जौनपुर, आजमगढ़ में सुबह से ही रुक-रुक कर बारिश हो रही है। बारिश के साथ ही सर्द हवाएं चल रही हैं। इससे ठंड बढ़ गई है। पूर्वांचल के ज्यादातर जिलों में बादल छाए हैं। सुबह-सुबह हुई बारिश की वजह से स्कूल जा रहे बच्चे रेनकोट और छाते लेकर दिखाई दिए। ऑफिस जा रहे लोगों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा। सड़कों पर वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। काशी, गोरखपुर और बाराबंकी में बेमौसम बारिश से खेतों में पड़ी धान और आलू की फसल पर खराब होने का खतरा मंडराने लगा है। तेज हवा की वजह से कटने को तैयार फसलें गिर गई हैं। हालांकि, गेहूं की बुआई की तैयारी कर रहे किसानों के लिए ये मौसम सही है। बारिश से मिट्टी में पर्याप्त नमी आ चुकी है, जिससे बिना सिंचाई जोताई और बुआई आसान होगी। चना, मसूर, मटर और सरसों की बुआई के लिए भी मौसम अच्छा है। सीएम योगी ने अफसरों को सर्वे कराकर आपदा से प्रभावित किसानों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है। IMD ने आज शुक्रवार को 18 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है। तूफान का असर 1 नवंबर तक रहेगा। कल पूर्वांचल में भारी बारिश हो सकती है। 30 से 40 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हवाएं चलेंगी। बिजली गिरने की भी संभावना है। लखनऊ के मौसम विज्ञानी अतुल सिंह ने बताया- बंगाल की खाड़ी में बना दाब तेजी से सक्रिय होकर चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ में बदल चुका है। यह तूफान ओडिशा पहुंच गया था। प्रदेश में आज से तूफान का असर दिख रहा है। पहले तस्वीरें देख लीजिए… बारिश धान की फसल के लिए नुकसानदायक
बारिश और तेज हवा का असर धान की फसल पर पड़ा है। कहीं धान की फसल कटने को तैयार है तो कहीं कटकर सूखने के लिए खेत में पड़ी है। ऐसे में तेज हवा से खड़ी फसलें कहीं गिर गईं तो कहीं खेत में कटी फसल भीग गई। ऐसे में धान के दाने खराब होने और फफूंद लगने की आशंका है। वहीं, जिन किसानों ने धान की फसल पहले काट ली है। वो अब गेंहू की बुआई करने की सोच रहे तो ये मौसम सही है। बारिश से मिट्टी में पर्याप्त नमी आ चुकी है, जिससे बिना सिंचाई के जोताई और बुआई आसान हो गई है। इससे अंकुरण अच्छा होगा। चना, मसूर, मटर और सरसों की बुआई के लिए भी अच्छा समय है। मौसम से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए,,,
		
		
			बारिश और तेज हवा का असर धान की फसल पर पड़ा है। कहीं धान की फसल कटने को तैयार है तो कहीं कटकर सूखने के लिए खेत में पड़ी है। ऐसे में तेज हवा से खड़ी फसलें कहीं गिर गईं तो कहीं खेत में कटी फसल भीग गई। ऐसे में धान के दाने खराब होने और फफूंद लगने की आशंका है। वहीं, जिन किसानों ने धान की फसल पहले काट ली है। वो अब गेंहू की बुआई करने की सोच रहे तो ये मौसम सही है। बारिश से मिट्टी में पर्याप्त नमी आ चुकी है, जिससे बिना सिंचाई के जोताई और बुआई आसान हो गई है। इससे अंकुरण अच्छा होगा। चना, मसूर, मटर और सरसों की बुआई के लिए भी अच्छा समय है। मौसम से जुड़े अपडेट्स के लिए लाइव ब्लॉग से गुजर जाइए,,,