लखनऊ- KGMU की कॉन्फेंस में शामिल हुए त्रिपुरा सीएम:माणिक साहा को मानद फेलोशिप से नवाजा गया, मातृभाषा में पढ़ाई पर दिया जोर

भाषा संचार का माध्यम है। यह संवेदना की अभिव्यक्ति और ज्ञान की नींव भी है। यह हमें विचारों को जोड़ती है। मेडिकल और तकनीकी शिक्षा में मातृभाषा का उपयोग बच्चों को बेहतर ढंग से समझने, बेहतर सोच और भाषाई कौशल विकसित करने में मदद करता है। इससे सीखने की प्रक्रिया अधिक सार्थक और समावेशी बनती है, जो सीखने के परिणामों में सुधार करता है। ये बातें त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने कहीं। वह शुक्रवार को KGMU में ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जरी विभाग और एसोसिएशन ऑफ ट्रॉमा एंड ओरल एंड मैक्सिलोफेशियल सर्जन्स की ओर से आयोजित कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे। मातृभाषा में पढ़ाई से मिलता ये फायदा त्रिपुरा के मुख्यमंत्री डॉ. माणिक साहा ने कहा कि भाषा ज्ञान के अंतराल को पाटने में मदद करता है। मातृभाषा में शिक्षा लेने पर छात्र जटिल चिकित्सा, तकनीकी अवधारणाओं को अधिक आसानी से और गहराई से समझ पाते हैं। जिससे रचनात्मकता को बढ़ावा मिलता है। KGMU के पूर्व छात्र रहे डॉ. साहा को कॉन्फ्रेंस में मानद फेलोशिप भी प्रदान की गई। इस मकसद से हुआ आयोजन कार्यक्रम के आयोजन सचिव डॉ. अमिय अग्रवाल ने बताया कि यह कॉन्फ्रेंस पुनर्भवम के नाम से आयोजित की गई है। यह आयोजन केवल वैज्ञानिक संवाद का मंच नहीं, बल्कि मानवीय संवेदना और सेवा भावना का प्रतीक भी है। कार्यक्रम के दौरान कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद को एपिटोम ऑफ एक्सीलेंस सम्मान से अलंकृत किया गया। इस मौके पर डॉ. यूएस पाल, डॉ. मदन मिश्रा, डॉ. केके सिंह, डॉ. अरूणेश कुमार तिवारी और डॉ. विभा सिंह मौजूद रहे। इन्हें मिली मानद फेलोशिप डॉ. माणिक साहा, डॉ. यूएस पाल, डॉ. विजय कुमार, डॉ. समीर मिश्रा, डॉ. नितिन वर्मा, डॉ. पी अनंतनारायणन इनको मिली फेलोशिप डॉ.अभिषेक सिंह, डॉ. प्रेम राज सिंह, डॉ.अभिज्ञान मानस, डॉ.प्रियंकर सिंह, डॉ.संदीप कुमार पांडेय, डॉ.ले. कर्नल विशाल कुलकर्णी, डॉ. अश्विन प्रीतम कुमार, डॉ. अखिलेश कुमार पांडेय, डॉ. पद्मनिधि अग्रवाल, डॉ. रवि कुमार, डॉ. अंशू सिंह, डॉ. अखिलेश कुमार सिंह।