सपा नेता आजम खान ने कहा- जेल से रिहा होने के बाद मैं भले ही शांत दिख रहा हूं, लेकिन अब भी भीतर वही पुराना राजनीतिक जोश जिंदा है। मैं बदले में यकीन नहीं रखता, इंसाफ में रखता हूं। बस सेहत की थोड़ी कमजोरी है। वरना जब मैच दोबारा शुरू होगा, तो मैं फिर बल्लेबाजी करूंगा। आजम ने शनिवार को एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में कहा- जांच एजेंसियों पर भरोसा है, लेकिन वह भरोसा और मजबूत होना चाहिए। इसलिए मैं चाहता हूं कि अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां हों, ताकि कोई ये न कह सके कि मैं किसी विशेष लाभ की मांग कर रहा हूं। मैं चुनौती देता हूं कि चुनाव किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराओ, फिर देखो उनके उम्मीदवार अपनी जमानत बचा पाते हैं या नहीं। इंडिया गठबंधन बनाम एनडीए पर उन्होंने कहा कि मैं डेढ़ साल वाराणसी जेल में रहा। उस समय लगा कि लोकतंत्र शायद अब लौटेगा नहीं। हर जगह डर था। जो लोग पहले 3-4 घंटे देर से दफ्तर पहुंचते थे, वे समय पर पहुंचने लगे। ये अनुशासन से नहीं, डर से हुआ था। मुसलमान सिर्फ वोट बैंक नहीं सपा नेता से पूछा गया कि क्या मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखा जाता है। आजम बोले- बिल्कुल नहीं। जो खुद को इस्तेमाल होने देते हैं, वह उनकी अपनी मर्जी है। लेकिन यह कहना कि मुसलमान सिर्फ इस्तेमाल के लिए हैं, अपमानजनक है। हमने हमेशा समझदारी से वोट किया है। यूपी में हमने वही सरकारें बनाई जो जनता के काम आईं। टोपी जेब में रखने वाले मुसलमान नहीं
ओवैसी को गठबंधन में शामिल न किए जाने पर आजम ने कहा- जिन्हें नहीं शामिल किया, वे बताएं क्यों नहीं किया और जिन्हें शामिल होना था, वे बताएं कि क्यों चाहते थे। मेरी केवल यह इच्छा है कि अखिलेश यादव और मुसलमानों को इंडिया गठबंधन में उन्हें उनका स्थान मिले। सिर्फ टोपी पहन लेने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता। मैंने ऐसे नेता देखे हैं जो जेब में टोपी रखते हैं। सम्मेलन में पहनते हैं और खत्म होते ही जेब में डाल देते हैं। रिश्ते मुलाकातों से नहीं टूटते
अखिलेश यादव से मुलाकात पर उन्होंने कहा- वे कई बार जेल आए, पहले भी और हाल में भी। रिश्ता मुलाकातों से नहीं टूटता। हमारा 45 साल पुराना रिश्ता है। मीडिया ने हमें तोड़ने की कोशिश की, सबसे ज्यादा नुकसान मीडिया ने ही किया। अन्याय शायद मेरी किस्मत में था
अब झूठे मुकदमे कानून को हथियार बनाकर दर्ज किए जाते हैं। मैंने पहले भी कई संकट भांपकर टाले हैं। अन्याय शायद मेरी किस्मत में था, लेकिन क्या कोई गारंटी दे सकता है कि अब नहीं होगा। अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ेगा
अपनी आर्थिक स्थिति पर आजम ने कहा- आयकर विभाग ने हमारे घर पर छापा मारा। 3,500 रुपए मेरे पास, 10,000 रुपए अब्दुल्ला के पास और पत्नी के पास 100 ग्राम सोना मिला। अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ेगा, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा। योगी सरकार के एक पूर्व विधायक राघवेंद्र सिंह के ‘हिंदू युवाओं को मुस्लिम लड़कियां लाने’ वाले बयान पर आजम ने कहा- मायावती जी ने जो कहा, वो सही कहा। ऐसे मामलों पर चुप रहना ही बेहतर है। क्योंकि ऐसे घटिया लोग अपने घटिया बयानों पर प्रतिक्रिया ही चाहते हैं। हम बदला नहीं, न्याय देंगे
2027 की संभावनाओं पर बोले- जब समय आएगा, देखा जाएगा। लेकिन हम बदला नहीं लेते। अगर हम वही करें जो उन्होंने किया, तो फर्क क्या रह जाएगा। संभल और बरेली के पीड़ितों को बदला नहीं, न्याय जरूर देंगे। सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह की खादी पर बोले- ये उनकी किस्मत
रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की शादी को लेकर लगे आरोपों पर आजम ने तंज भरे लहजे में कहा- कोई एक को संभाल नहीं पाता, किसी के पास कई इंतजार में हैं। यह भी किस्मत है। हर किसी की अपनी तकदीर और तरीका है, हम कौन होते हैं जज करने वाले। आजम ने इसके बाद एक किस्सा सुनाया- दो आदमी आपस में बात कर रहे थे। एक आदमी ने दूसरे से कहा- उसकी 47वीं बीवी की मौत हो गई है। दूसरे ने पूछा कैसे, तो बोला- हर शादी के तीन दिन बाद पत्नी मर जाती है। दूसरे ने कहा- मैं इतना खुशकिस्मत नहीं, एक ही काफी है। हर किसी की अपनी तकदीर और तरीका है, हम कौन होते हैं जज करने वाले। आप ये देखने आए हैं कि दीपक में कितनी लौ बची है
राजनीति से संन्यास के सवाल पर आजम बोले- अगर संन्यास ले लिया होता तो आप मुझसे मिलने क्यों आते। आप तो ये देखने आए हैं कि इस दीपक में अब कितनी लौ बची है। सच्चाई यह है कि उसे जलाए रखना अब मेरे बस में नहीं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन पर किताब लिखी जाएगी, तो आजम ने कहा- मैं खुद एक किताब हूं, बल्कि कई किताबें मेरे साथ चलती हैं। मेरी गलती बस इतनी कि मैं अपने मकसद के प्रति वफादार रहा
योगी सरकार में हुई कार्रवाई पर कहा- वह बदला रहा होगा। मैं बदले में नहीं, न्याय में विश्वास रखता हूं। मुझे आज तक समझ नहीं आया कि मेरी गलती क्या थी। 114 केसों में किसी में भी भ्रष्टाचार या कमीशन का आरोप नहीं है। आजम बोले- मेरे दुश्मन मासूम हैं
जब सुरक्षा मिली थी, तब जरूरत नहीं थी। अब जब जरूरत है, तब सुरक्षा नहीं है। मेरे पिता 1970 में अन्याय के खिलाफ जेल गए थे, आज उनका बेटा बिना सुरक्षा के है। अगर दुनिया सिर्फ बगीचा होती, तो रेगिस्तान कहां जाते? मेरे दुश्मन मासूम हैं, दुश्मनी का कोई मतलब नहीं। कारण तक याद नहीं, क्योंकि मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। मैंने हमेशा कहा है, बड़े मंचों से भी कहता हूं- अगर मेरे किसी शब्द से किसी को चोट पहुंची हो, बताएं। मैंने कभी किसी को धर्म या जाति के चश्मे से नहीं देखा। मैंने दो कुंभ मेले सफलतापूर्वक आयोजित किए। रामपुर के नवाब ज़ुल्फिकार अली अपने साथ गुंडे रखते थे, अत्याचार करते थे। उनका अंत भी दुखद हुआ। एक बार उन्होंने मुझ पर गोलियां चलवाईं; एक जर्मन पिस्तौल मेरे पैर पर गिरी। दूसरी बार दिल्ली से लौटते वक्त सड़क किनारे खड़ा था, हादसा हुआ। जो अल्लाह ने लिखा था, वही हुआ। मैं आज भी जिंदा हूं, लेकिन जो मुझे मारना चाहते थे, वे अब नहीं हैं। न्यूज ट्रांसलेटेड बाय- रितेश मिश्रा ————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- योगी से रविकिशन बोले- दिनभर में 100 किताबें पढ़ता था:CM ने पूछा- जौनपुर के कैंब्रिज में कहां तक पढ़ पाए, जवाब- 12वीं पास सीएम योगी ने गोरखपुर में शनिवार को बुक फेयर का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने सांसद रवि किशन की चुटकी ली। कहा-रवि किशन मुझसे कह रहे थे कि जब वे कैंब्रिज में पढ़ते थे। इस पर मैंने पूछा कि क्या आपने कैंब्रिज से डिग्री ली है? फिर उन्होंने कहा- नहीं, सिर्फ 12वीं पास हूं। पढ़ें पूरी खबर..
ओवैसी को गठबंधन में शामिल न किए जाने पर आजम ने कहा- जिन्हें नहीं शामिल किया, वे बताएं क्यों नहीं किया और जिन्हें शामिल होना था, वे बताएं कि क्यों चाहते थे। मेरी केवल यह इच्छा है कि अखिलेश यादव और मुसलमानों को इंडिया गठबंधन में उन्हें उनका स्थान मिले। सिर्फ टोपी पहन लेने से कोई मुसलमान नहीं हो जाता। मैंने ऐसे नेता देखे हैं जो जेब में टोपी रखते हैं। सम्मेलन में पहनते हैं और खत्म होते ही जेब में डाल देते हैं। रिश्ते मुलाकातों से नहीं टूटते
अखिलेश यादव से मुलाकात पर उन्होंने कहा- वे कई बार जेल आए, पहले भी और हाल में भी। रिश्ता मुलाकातों से नहीं टूटता। हमारा 45 साल पुराना रिश्ता है। मीडिया ने हमें तोड़ने की कोशिश की, सबसे ज्यादा नुकसान मीडिया ने ही किया। अन्याय शायद मेरी किस्मत में था
अब झूठे मुकदमे कानून को हथियार बनाकर दर्ज किए जाते हैं। मैंने पहले भी कई संकट भांपकर टाले हैं। अन्याय शायद मेरी किस्मत में था, लेकिन क्या कोई गारंटी दे सकता है कि अब नहीं होगा। अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ेगा
अपनी आर्थिक स्थिति पर आजम ने कहा- आयकर विभाग ने हमारे घर पर छापा मारा। 3,500 रुपए मेरे पास, 10,000 रुपए अब्दुल्ला के पास और पत्नी के पास 100 ग्राम सोना मिला। अब खर्च चलाने के लिए घर बेचना पड़ेगा, लेकिन खरीदार नहीं मिल रहा। योगी सरकार के एक पूर्व विधायक राघवेंद्र सिंह के ‘हिंदू युवाओं को मुस्लिम लड़कियां लाने’ वाले बयान पर आजम ने कहा- मायावती जी ने जो कहा, वो सही कहा। ऐसे मामलों पर चुप रहना ही बेहतर है। क्योंकि ऐसे घटिया लोग अपने घटिया बयानों पर प्रतिक्रिया ही चाहते हैं। हम बदला नहीं, न्याय देंगे
2027 की संभावनाओं पर बोले- जब समय आएगा, देखा जाएगा। लेकिन हम बदला नहीं लेते। अगर हम वही करें जो उन्होंने किया, तो फर्क क्या रह जाएगा। संभल और बरेली के पीड़ितों को बदला नहीं, न्याय जरूर देंगे। सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह की खादी पर बोले- ये उनकी किस्मत
रामपुर सांसद मौलाना मोहिबुल्लाह नदवी की शादी को लेकर लगे आरोपों पर आजम ने तंज भरे लहजे में कहा- कोई एक को संभाल नहीं पाता, किसी के पास कई इंतजार में हैं। यह भी किस्मत है। हर किसी की अपनी तकदीर और तरीका है, हम कौन होते हैं जज करने वाले। आजम ने इसके बाद एक किस्सा सुनाया- दो आदमी आपस में बात कर रहे थे। एक आदमी ने दूसरे से कहा- उसकी 47वीं बीवी की मौत हो गई है। दूसरे ने पूछा कैसे, तो बोला- हर शादी के तीन दिन बाद पत्नी मर जाती है। दूसरे ने कहा- मैं इतना खुशकिस्मत नहीं, एक ही काफी है। हर किसी की अपनी तकदीर और तरीका है, हम कौन होते हैं जज करने वाले। आप ये देखने आए हैं कि दीपक में कितनी लौ बची है
राजनीति से संन्यास के सवाल पर आजम बोले- अगर संन्यास ले लिया होता तो आप मुझसे मिलने क्यों आते। आप तो ये देखने आए हैं कि इस दीपक में अब कितनी लौ बची है। सच्चाई यह है कि उसे जलाए रखना अब मेरे बस में नहीं। जब उनसे पूछा गया कि क्या उन पर किताब लिखी जाएगी, तो आजम ने कहा- मैं खुद एक किताब हूं, बल्कि कई किताबें मेरे साथ चलती हैं। मेरी गलती बस इतनी कि मैं अपने मकसद के प्रति वफादार रहा
योगी सरकार में हुई कार्रवाई पर कहा- वह बदला रहा होगा। मैं बदले में नहीं, न्याय में विश्वास रखता हूं। मुझे आज तक समझ नहीं आया कि मेरी गलती क्या थी। 114 केसों में किसी में भी भ्रष्टाचार या कमीशन का आरोप नहीं है। आजम बोले- मेरे दुश्मन मासूम हैं
जब सुरक्षा मिली थी, तब जरूरत नहीं थी। अब जब जरूरत है, तब सुरक्षा नहीं है। मेरे पिता 1970 में अन्याय के खिलाफ जेल गए थे, आज उनका बेटा बिना सुरक्षा के है। अगर दुनिया सिर्फ बगीचा होती, तो रेगिस्तान कहां जाते? मेरे दुश्मन मासूम हैं, दुश्मनी का कोई मतलब नहीं। कारण तक याद नहीं, क्योंकि मैंने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। मैंने हमेशा कहा है, बड़े मंचों से भी कहता हूं- अगर मेरे किसी शब्द से किसी को चोट पहुंची हो, बताएं। मैंने कभी किसी को धर्म या जाति के चश्मे से नहीं देखा। मैंने दो कुंभ मेले सफलतापूर्वक आयोजित किए। रामपुर के नवाब ज़ुल्फिकार अली अपने साथ गुंडे रखते थे, अत्याचार करते थे। उनका अंत भी दुखद हुआ। एक बार उन्होंने मुझ पर गोलियां चलवाईं; एक जर्मन पिस्तौल मेरे पैर पर गिरी। दूसरी बार दिल्ली से लौटते वक्त सड़क किनारे खड़ा था, हादसा हुआ। जो अल्लाह ने लिखा था, वही हुआ। मैं आज भी जिंदा हूं, लेकिन जो मुझे मारना चाहते थे, वे अब नहीं हैं। न्यूज ट्रांसलेटेड बाय- रितेश मिश्रा ————————————— ये खबर भी पढ़ेंः- योगी से रविकिशन बोले- दिनभर में 100 किताबें पढ़ता था:CM ने पूछा- जौनपुर के कैंब्रिज में कहां तक पढ़ पाए, जवाब- 12वीं पास सीएम योगी ने गोरखपुर में शनिवार को बुक फेयर का शुभारंभ किया। इस दौरान उन्होंने सांसद रवि किशन की चुटकी ली। कहा-रवि किशन मुझसे कह रहे थे कि जब वे कैंब्रिज में पढ़ते थे। इस पर मैंने पूछा कि क्या आपने कैंब्रिज से डिग्री ली है? फिर उन्होंने कहा- नहीं, सिर्फ 12वीं पास हूं। पढ़ें पूरी खबर..