यूपी में ईवी टैक्स फ्री और सब्सिडी भी:10 लाख की कार खरीदते ही 90 हजार का फायदा, हर साल 30 हजार की बचत

यूपी में अब इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) खरीदना और भी सस्ता हो गया है। EV खरीदारों को अब रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस जमा नहीं करनी होगी। परिवहन विभाग ने अपने पोर्टल में संशोधन कर इस छूट को तत्काल लागू कर दिया है। यह राहत 13 अक्टूबर, 2027 तक जारी रहेगी। धनतेरस और दीपावली के दौरान EV खरीदने वाले वाहन स्वामियों से वसूला गया टैक्स और शुल्क भी वापस किया जाएगा। 14 अक्टूबर से 6 नवंबर के बीच जिन्होंने भुगतान किया है, उन्हें रिफंड के लिए संबंधित एआरटीओ ऑफिस में आवेदन देना होगा। EV लेने के फायदे और नुकसान क्या हैं? नियम क्या कहता है? क्या यूपी में सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों पर यह छूट लागू है? क्या सरकार टैक्स छूट के साथ चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ा रही? क्या बिजली उत्पादन बढ़ाने की प्लानिंग है, जिससे चार्जिंग से बिजली संकट न हो? EV बढ़ने से पर्यावरण, पॉल्यूशन लेवल और आर्थिक असर क्या पड़ेगा? क्यों लिया गया यह फैसला?
औद्योगिक विकास विभाग ने इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माण और गतिशीलता नीति 2022 के तहत 17 अक्टूबर, 2025 को आदेश जारी किया था। इसके बाद परिवहन विभाग ने भी इस नीति को लागू करने के लिए कदम उठाया। अब पोर्टल को इस तरह अपडेट किया गया है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का रजिस्ट्रेशन बिना किसी टैक्स या शुल्क के हो सकेगा। पहले 14 अक्टूबर से EV खरीदारों को वित्तीय छूट नहीं मिल रही थी। यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या में तेजी से बढ़ रही है। इसका अंदाजा 2024 की रिपोर्ट से लगाया जा सकता है। पिछले साल 1 लाख 55 हजार 889 रजिस्ट्रेशन के साथ यूपी देश में सबसे अधिक EV उपयोग वाला राज्य बन गया। अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक यूपी में कुल 6 लाख 65 हजार 247 यूनिट्स की बिक्री हुई। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने के मामले में यूपी की हिस्सेदारी 4.34 फीसदी रही। दूसरा स्थान महाराष्ट्र का है, जहां 4 लाख से ज्यादा का आंकड़ा है। 10 लाख रुपए तक की गाड़ियों पर 9% और इससे ज्यादा कीमत वाली गाड़ियों पर 11% रोड टैक्स देना पड़ रहा था। इसके अलावा दोपहिया वाहनों के लिए 300 रुपए और चार पहिया वाहनों के लिए 600 रुपए पंजीकरण शुल्क भी लिया जा रहा था। यानी 10 लाख रुपए की ईवी पर टैक्स और रजिस्ट्रेशन पर 90 हजार 600 रुपए की बचत होगी। क्या यूपी में सभी तरह के EV पर यह छूट लागू है?
यूपी सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन शुल्क पूरी तरह माफ कर दिया है। यह छूट सभी कैटेगरी के EV पर लागू है। चाहे 2 व्हीलर हो, 3 व्हीलर, 4 व्हीलर, ई-बस, ई-कार, ई-रिक्शा, ई-ऑटो या ई-गुड्स वाहन। किसको मिलेगा फायदा?
जो भी यूपी में EV खरीदार है, उनको यह छूट मिलेगी। ये प्राइवेट और व्यवसायिक दोनों रजिस्ट्रेशन पर लागू होगा। पहले EV खरीदने के बाद भी रजिस्ट्रेशन शुल्क दिखाई देता था। बाद में मैन्युअली हटता था। अब परिवहन विभाग के पोर्टल में संशोधन के बाद खुद EV चुने जाने पर टैक्स/शुल्क जीरो दिखाई देगा। यानी डीलर रजिस्ट्रेशन करते समय ही जीरो टैक्स लागू हो जाएगा। कोई रिफंड या क्लेम नहीं करना पड़ेगा। EV पर सब्सिडी का भी मिलेगा फायदा
यूपी सरकार इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को सब्सिडी का बड़ा फायदा भी दे रही है। संशोधित EV नीति के तहत दोपहिया पर 5,000, चार पहिया पर 1 लाख और इलेक्ट्रिक बसों पर 20 लाख तक की सब्सिडी मिल रही। 15 जुलाई, 2024 को नीति में संशोधन के बाद यह सब्सिडी 2027 तक सशर्त उपलब्ध रहेगी। यूपी में कितने चार्जिंग स्टेशन?
विद्युत मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार 1 अगस्त, 2025 तक राज्य में कुल 2,326 सार्वजनिक EV चार्जिंग स्टेशन बन चुके हैं। यूपी में चार्जिंग स्टेशन के लिए ये खास तैयारी
शहरी परिवहन निदेशालय ने पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत प्रदेश के 16 प्रमुख शहरों में 320 पब्लिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की योजना शुरू की है। प्रदेश के 16 नगर निगमों में सहारनपुर में 5, मुरादाबाद में 7, बरेली में 16, आगरा, फिरोजाबाद, शाहजहांपुर, झांसी व वाराणसी में 20-20, मथुरा और गोरखपुर में 21-21, अलीगढ़ व मेरठ में 22-22 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। प्रयागराज में 25, कानपुर में 26, लखनऊ में 27 और अयोध्या में 28 चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने की तैयारी है। हर स्टेशन के लिए 180 वर्ग फुट जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इन स्टेशनों में फास्ट और स्लो चार्जर लगाए जाएंगे, जो दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया वाहनों के लिए उपयुक्त होंगे। क्या है यूपी ईवी नीति का बैकग्राउंड
यूपी ने पहली EV नीति 14 अक्टूबर 2022 को लॉन्च की थी। उस वक्त राज्य सरकार ने 3 साल के लिए रोड टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस माफ की थी। साथ ही सीधे 5,000 से लेकर 20 लाख तक की सब्सिडी दी जा रही थी। अभी तक करीब 17,600 वाहन मालिकों को इसका फायदा मिल चुका है, जबकि लगभग 38,300 आवेदन अभी पेंडिंग हैं। पेट्रोल-डीजल तुलना में इलेक्ट्रिक व्हीकल कितने बेहतर?
लखनऊ में पेट्रोल की कीमत 94.69 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 87.80 प्रति लीटर है। एक लीटर पेट्रोल में जितने किलोमीटर गाड़ी चलेगी, उतनी ही 20 रुपए की चार्जिंग में EV चलेगी। यानी महीने के 30 दिन में जहां पेट्रोल पर 3000 रुपए खर्च होंगे। वहीं, EV पर सिर्फ 600 रुपए खर्च होंगे। यानी आपकी 2400 रुपए की सीधी बचत होगी। EV से सालभर में कितनी बचत होगी और कितने साल में फ्री होगी?
किसी भी इलेक्ट्रिक व्हीकल को खरीदने से जुड़ा ये सबसे जरूरी गणित है। क्योंकि इसे ग्राहक ने एक बार इसे समझ लिया तो वो हर साल हजारों रुपए की बचत करेगा। आपकी बचत कितनी होगी, ये बिजली की प्रति यूनिट पर डिपेंड है। इसको उदाहरण से समझिए… आपको बता दें कि ईवी की बैटरी पर कंपनियां 50 हजार से 1 लाख किलोमीटर या फिर 5 साल की वारंटी देती हैं। वहीं, सालभर में इसके मेंटेनेंस का भी कोई खर्च नहीं है। यानी पहला मेंटेनेंस आने से पहले ही आपकी गाड़ी फ्री हो जाएगी। भारत में कौन-कौन सी कंपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल बेच रहीं?
देश के अंदर अब 12 से ज्यादा EV कंपनियां आ चुकी हैं। इनमें टू-व्हीलर और फोर व्हीलर दोनों कंपनियां शामिल हैं। टू-व्हीलर में बेंगलुरु बेस्ड अथर एनर्जी तेजी से पॉपुलर हुई है। तो हीरो, ओकिनावा और अब बजाज भी सुर्खियां बटोर रही है। वहीं, फोर व्हीलर में हुंडई, टाटा, एमजी जैसी कंपनियां ज्यादा पॉपुलर हैं। आपके काम के हिसाब से कौन-सा ईवी बेहतर?
भारतीय बाजार में करीब 50 हजार से लेकर 1.50 लाख रुपए तक के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर मौजूद हैं। सभी अलग-अलग रेंज के हिसाब से आते हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर या फोर-व्हीलर खरीदने से पहले आपको ये ध्यान रखना होगा कि आपकी नीड क्या है। यानी आप एक दिन में गाड़ी से कितना ट्रैवल करते हैं। वैसे भी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर को इस्तेमाल शहर के अंदर ही किया जाता है। अगर आपको डेली 30 से 40 किमी तक का सफर तय करना होता है, तब 50 हजार रुपए में ईवी खरीद सकते हैं। ईवी लेने के फायदे और नुकसान
अगर आप नई इलेक्ट्रिक कार खरीदते हैं, तो आप एक पूरी तरह से इंटीग्रेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल का एक्सपीरियंस लेते हैं। यह न केवल परफॉर्मेंस में बेहतर है, बल्कि टेक्नोलॉजी के मामले में भी एडवांस होती है। इसमें आपको EVs 300 से 500 किमी तक की रेंज देती हैं, जो रोज की जरूरतों के लिए काफी है। कंपनी की ओर से मिलने वाली वारंटी और आरटीओ अप्रूवल से जुड़ी कोई परेशानी नहीं होती। कई राज्यों में EVs पर सब्सिडी और रजिस्ट्रेशन फीस में छूट मिलती है। इलेक्ट्रिक कार खरीदने में 8 से 25 लाख या उससे ज्यादा खर्च हो सकता है। इलेक्ट्रिक कार में कम पार्ट्स होते हैं, इसलिए मेंटेनेंस बहुत कम लगता है। ऑटोमोबाइल मार्केट में EV की पैठ तेजी से बढ़ेगी
अमेरिकी रिसर्च फर्म गार्टनर का अनुमान है कि 2027 तक नेक्स्ट जेनरेशन EV की औसत कीमतें पेट्रोल-डीजल से चलने वाले वाहनों की तुलना में कम हो जाएंगी। गार्टनर का अनुमान है कि बीते 10 साल में स्थापित EV कंपनियों में से 15% का 2027 तक अधिग्रहण हो जाएगा या वे दिवालिया हो जाएंगी। 2025 तक दुनियाभर में EV की बिक्री 43% बढ़कर 2.06 करोड़ तक पहुंच जाएगी। 2023 में 1.44 करोड़ EV बिकी थी। 2024 में भी इनकी बिक्री 1.84 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान लगाया गया है। यूपी में कितने इलेक्ट्रिक वाहन बिके
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक यूपी में इलेक्ट्रिक वाहनों की सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की गई। अप्रैल 2019 से मार्च 2024 तक कुल 6 लाख 65 हजार 247 यूनिट्स बिके। इलेक्ट्रिक व्हीकल्स को अपनाने के मामले में यूपी की हिस्सेदारी 4.34 फीसदी रही है। वाहन सोर्स डेटा के अनुसार, उत्तर प्रदेश में FY 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के दौरान लगभग 3,77,526 यूनिट्स इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) की बिक्री हुई है। परिवहन विभाग के मुताबिक, 2024 में दोपहिया वाहन 27 लाख 5 हजार 569, कार 3 लाख 96 हजार 496 बिके थे। ————————– ये खबर भी पढ़ें… सहारनपुर में इंदिरा कॉलोनी के 300 मकानों पर चलेगा बुलडोजर, कई PM आवास बने यूपी के सहारनपुर में सिंचाई विभाग ने करीब 300 से ज्यादा मकानों पर लाल निशान लगाए हैं। इन्हें 3 दिन में खाली करने के लिए कहा है। निशान लगाने वालों ने मौखिक रूप से कहा है कि ये मकान अवैध हैं और इन पर बुलडोजर चलाया जाएगा। सबसे प्रमुख बात ये है कि इस एरिया में प्रधानमंत्री आवासीय योजना के तहत जो मकान बने हैं, वो भी अवैध बता दिए गए हैं। पढ़िए पूरी खबर…