गोरखपुर में बुजुर्ग मां और बेटी को कातिल ने एक झटके में मार दिया। दोनों के सिर पर इतनी तेज हथौड़ा मारा कि उनकी सिर की हड्डी 4-5 टुकड़ों में टूट गई। मर्डर के पीछे 1 मकान का विवाद बताया जा रहा है, जिसकी कीमत 4 करोड़ रुपए हैं। मां और बेटी इसी मकान के ग्राउंड फ्लोर पर रहती थीं। क्राइम सीन कुछ ऐसा है कि घर में कातिल के साथ कहीं भी कोई स्ट्रगल के निशान नहीं मिले हैं। इससे पुलिस को लग रहा है कि शांति देवी (90) और उनकी बेटी विमला जायसवाल (55) कातिल को पहले से जानती थीं। कातिल भी घर के पूरे स्ट्रक्चर को समझ रहा था, यहीं वजह कत्ल के बाद वो घर के मेन गेट को अंदर से लॉक करके पीछे के रास्ते से भाग निकला। पैदल ही उसने घर के पीछे की गली को पार किया। पुलिस जब मेन गेट को तोड़कर अंदर पहुंची, तो शांति देवी की बॉडी ड्राइंग रूम के सोफे पर थीं। जबकि उनकी बेटी की लाश अंदर बेडरूम में थी। ऐसे में पुलिस 3 लाइन पर जांच कर रही है: पहली- 4 करोड़ के मकान के विवाद में प्रॉपर्टी डीलर ने यह मर्डर कराया है।
दूसरी- घर में कोई परिचित आया, विवाद होने पर मर्डर किया, बाद में अलमारी से रुपए और गहने लेकर लूट का रूप दिया।
तीसरी- ई-रिक्शा पार्किंग का विवाद चल रहा था, उसमें मर्डर हुआ। पुलिस ये भी मान रही है कि कातिल कोई प्रोफेशनल नहीं था। क्योंकि जिस हथौड़े से मां-बेटी का मर्डर किया गया था, वो पुलिस को मौके पर मिल गया है। फोरेंसिक टीम ने इस हथौड़े से फिंगर प्रिंट ले लिया है। क्या मां-बेटी को 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के लिए ही मारा गया? इस डबल मर्डर के पीछे क्या कोई और भी वजह है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने केस से जुड़े अधिकारियों और परिजनों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… रविवार रात 11 बजे मर्डर, सोमवार रात को मिली लाशें
ये मर्डर गोरखपुर के शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा में हुआ। पुलिस के मुताबिक, कातिल ने हत्या रविवार की रात को 11 बजे के बाद की है। इसके बाद शांति देवी और विमला को किसी ने देखा नहीं। विमला जिस फर्नीचर शोरूम पर काम करती थी, वहां के मालिक रामानंद उन्हें सोमवार को कॉल करते रहे, जब उनका फोन नहीं उठा, तब वह विमला के मकान पर पहुंचे। दरवाजा लॉक था, उन्होंने पड़ोसियों से पूछा, तो उन्होंने भी कहा कि आखिरी बार रविवार को दोनों को देखा गया था। उसके बाद घर में हलचल नहीं हुई। शक होने पर शोरूम मालिक ने ही पार्षद और पुलिस को कॉल किया। जब सोमवार रात 8.30 बजे दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई, तब डबल मर्डर के बारे में पता चला। इसके बाद डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू की। शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल लखनऊ के विकासनगर में अपने पति नवीन चंद जायसवाल के साथ रहती हैं। वह मंगलवार को गोरखपुर पहुंची। साथ में उनका बेटा ऋषभ भी था। उनकी मौजूदगी में दोनों लाशों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। मां के शव से लिपटकर बेटी चिल्लाई, अब किससे मिलने आऊंगी
डॉक्टर के मुताबिक, दोनों के सिर की हड्डी 4 से 5 टुकड़ों में मिली है, इससे उनकी मौत हुई। मंगलवार शाम को दोनों की बॉडी को राजघाट ले जाया गया। राजघाट पर करीब 5.30 बजे बड़ी बेटी सुशीला ने अपनी मां और बहन के शव का दाह संस्कार किया। इस दौरान वह अपनी मां और बहन के शव से लिपटकर रोने लगीं। वह सिसकते हुए बोल रही थीं- अब किसके लिए गोरखपुर आऊंगी। रोज रात को एक घंटे हमारी बातें होती थीं। जिस तरह हत्यारे ने मारा है, इससे भी बुरी मौत उसको मिले। मेरी मां और बहन को तभी इंसाफ मिलेगा। चिता की तरफ बेटी भागी, तो लोगों ने पकड़ा
बड़ी बेटी सुशीला को लोगों ने संभाला, तब उन्होंने मुखाग्नि दी। अचानक सुशीला बदहवास हो गई, परिवार के दो लोगों ने उनके हाथ पकड़ लिए। वो चिता की तरफ भागने लगी, वो रोते हुए कह रही थी- किसने मार डाला मेरी मां को। मेरे सिवा उनका कौन था…? राजघाट में घोसीपुरवा में रहने वाले दो पड़ोसी भी पहुंचे थे। चिता को आग देते समय सुशीला देवी के साथ ही पड़ोसी भी रोने लगे। इस दौरान शाहपुर पुलिस भी मौजूद रही। सुशीला ने पुलिस के साथ घर के दोनों कमरों और अलमारी को खोलकर देखा था। सब कुछ देखने के बाद उन्होंने आरोप लगाए कि घर से विमला के गहने और रुपए गायब हैं। घर से 8.5 लाख रुपए और जेवर नहीं मिले
पुलिस को मर्डर होने के 24 घंटे के अंदर कुछ क्लू मिले हैं। पुलिस मान रही है कि मर्डर करने के लिए पूरी प्लानिंग की गई। कातिल इस घर के स्ट्रक्चर को समझ रहा था। इसलिए पुलिस उस प्रॉपर्टी डीलर को ढूंढ रही है, जोकि इस मकान का सौदा करवा रहा था। पूरी डील 4 करोड़ में होनी थी। बहन सुशीला इस मर्डर के पीछे लूट का कारण बता रही है, क्योंकि अलमारी से जेवर और 8.50 लाख कैश गायब है। सुशीला के मुताबिक, उसकी बहन विमला के घुटने का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए उसने 8.50 लाख रुपए दिए थे। रकम घर में रखी थी और विमला अक्सर सोने की चेन व 18 ग्राम की ब्रेसलेट पहनती थी, जो गायब हैं। सुशीला का दावा है कि हत्यारे ने वारदात के बाद नकदी और जेवरात दोनों ले लिए। हालांकि उसकी मां शांति देवी के शरीर पर उनके जेवर जस के तस मिले, जिससे परिजन आश्वस्त हैं कि हत्या सिर्फ लूट के लिए नहीं हुई। ये भी सामने आया कि बुजुर्ग मां और बेटी का ई रिक्शा पार्किंग को लेकर भी कुछ लोगों से झगड़ा चल रहा था। पूछताछ में सामने आया कि घर के पास एक ई-रिक्शा चालक रहता है। वह रोज शांति देवी के घर के सामने गाड़ी खड़ी करके चार्ज करता था। इस पर मां-बेटी ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद ऑटो चालक से झगड़ा भी हुआ था। इसकी शिकायत मां-बेटी ने घोषीपुरवा के पार्षद से भी की थी। इसलिए इस परिवार के नजदीकी लोगों के इर्द गिर्द ही पूरी जांच घूम रही है। पुलिस ये भी मान रही है कि कातिल 1 से ज्यादा थे, ऐसे में पूरे एरिया के CCTV भी देखे जा रहे हैं। 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, डॉग स्क्वायड से क्लू मिला
इस घटना का पर्दाफाश करने के लिए 5 पुलिस टीम बनाई गईं हैं। अभी तक पुलिस टीम ने घर के आस-पास रहने वाले 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। वहीं ई-रिक्शा चालक को दो बार थाने पर बुलाकर पूछताछ की गई है। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया। घटना के बाद पुलिस का खोजी कुत्ता घर के पास खड़ा होने वाला ई-रिक्शा और सड़क पर एक अंडे के ठेले के पास बार-बार जा रहा था, इसलिए पुलिस ई-रिक्शा चालक से बार-बार पूछताछ कर रही है। रात में दूध लेने गई थी विमला
जांच कर रही पुलिस टीम घर से थोड़ी दूर दुकानों में लगे सीसीटीवी में एक जगह रात करीब 11 बजे विमला एक दुकान से पैकेट वाला दूध लेकर जाती दिखी है। इसके बाद कोई लोकेशन नहीं मिली। 20 नवंबर को हुई थी मां-बहन से बात
सुशीला ने बताया कि 20 नवंबर को उसकी मां और बहन से उसकी बात हुई थी, सब कुछ सामान्य था। एक माह पहले वह अपनी आंख का ऑपरेशन कराने गोरखपुर आई थी और 20 दिन मां-बहन के साथ रहकर लखनऊ लौटीं थी। हत्या की खबर सुनकर वह दोबारा परिवार संग शहर पहुंची। पुलिस की नजर मकान की हिस्ट्री पर
सुशीला ने बताया कि उसके पिता रामनरेश ने जीवनकाल में यह मकान मेरे बेटे ऋषभ के नाम वसीयत किया था। इसके बाद ऋषभ ने बालिग होने पर अपनी मां सुशीला को पावर ऑफ अटॉर्नी सौंप दी। उन्होंने 5 साल पहले एक प्रॉपर्टी डीलर अजय मिश्रा को 55 लाख रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी कर दिया था। पिता रामनरेश ने 2 शादियों की थी। उनकी दूसरी पत्नी की बेटियों से कमरे खाली कराए गए थे। घोषीपुरवा स्थित यह मकान करीब 4000 वर्ग फीट का है। मकान का हाउस टैक्स बेतियाहाता निवासी अजीत शाही के नाम चढ़ा होने को लेकर भी वर्षों से विवाद रहा है। इतना ही नहीं, लगभग 10 साल पहले एक छात्र नेता ने भी अपने लोगों को किरायेदार बनाकर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला गोरखनाथ मंदिर तक पहुंचने पर उनके लोग मकान छोड़कर चले गए थे। इससे प्रमाणित होता है कि यह मकान लगातार विवादों में रहा है। रामनरेश ने बनवाया था दो मंजिला मकान
शांति देवी और उनकी अविवाहित बेटी विमला जायसवाल गीता वाटिका के पास स्थित दो मंजिला पैतृक मकान में रहती थीं। जानकारी के अनुसार शांति देवी के पति रामनरेश जायसवाल वर्ष 1965 में गोरखपुर आए थे और उन्होंने यहीं मकान बनवाया था। रामनरेश की दो शादियों से कुल चार बेटियां थीं। उनकी पहली पत्नी से बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल की शादी जौनपुर में की गई, जो वर्तमान में अपने पति और बच्चों के साथ लखनऊ में रहती हैं। दूसरी पत्नी की दोनों बेटियों ने प्रेम विवाह किया था, जबकि विमला ने शादी न करके अपनी वृद्ध मां की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई। पहले मां फिर बेटी का शव मिला
मौके पर सबसे पहले शांति देवी का शव मिला था, बाद में विमल का शव घर के अंदर अलग स्थान से बरामद हुआ। शांति देवी उम्र और बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ थीं, ऐसे में उनके खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग यह दर्शाता है कि आरोपी उन्हें पहचानता था और उन्हें चुप कराने के लिए वारदात की गई। वहीं पड़ोसियों का कहना है कि घटना वाली रात किसी तरह की आवाज बाहर नहीं सुनाई दी। पुलिस का मानना है कि हत्या परिचित द्वारा की गई है, क्योंकि घर में जबरन घुसने या हाथापाई के संकेत नहीं मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, दोनों के सिर पर भारी हथौड़े जैसे हथियार से कई प्रहार किए गए हैं। पुलिस ने मौके से शराब की बोतल, बिखरे सामान, टूटी अलमारी और कुछ संदिग्ध निशान भी कब्जे में लिए हैं। सीओ बोले- कत्ल को लेकर क्लू मिले है, जल्द अरेस्टिंग होंगी
इस संबंध में सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया- शाहपुर पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल, रुपयों का लेनदेन, पुराने विवाद, प्रॉपर्टी का सौदा, किरायेदारों के रिकॉर्ड और पड़ोसियों के बयान खंगाल रही है। हत्या में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं, कातिल मकान से भली-भांति परिचित थे। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।
—————————
ये भी पढ़ें – लखनऊ में BLO की मौत, नोएडा में टीचर का इस्तीफा:अखिलेश ने खुला लेटर लिखा; VIDEO में देखिए UP में SIR पर संग्राम यूपी में SIR पर संग्राम शुरू हो गया है। नोएडा में एक महिला टीचर ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लखनऊ में एक BLO की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि BLO के काम का प्रेशर था। इस वजह से उनकी जान चली गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी 1.62 लाख BLO को एक खुला लेटर लिखा है। VIDEO में देखिए क्या SIR की डेडलाइन बन रही डेथलाइन?
दूसरी- घर में कोई परिचित आया, विवाद होने पर मर्डर किया, बाद में अलमारी से रुपए और गहने लेकर लूट का रूप दिया।
तीसरी- ई-रिक्शा पार्किंग का विवाद चल रहा था, उसमें मर्डर हुआ। पुलिस ये भी मान रही है कि कातिल कोई प्रोफेशनल नहीं था। क्योंकि जिस हथौड़े से मां-बेटी का मर्डर किया गया था, वो पुलिस को मौके पर मिल गया है। फोरेंसिक टीम ने इस हथौड़े से फिंगर प्रिंट ले लिया है। क्या मां-बेटी को 4 करोड़ की प्रॉपर्टी के लिए ही मारा गया? इस डबल मर्डर के पीछे क्या कोई और भी वजह है? ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ने केस से जुड़े अधिकारियों और परिजनों से बात की। पढ़िए रिपोर्ट… रविवार रात 11 बजे मर्डर, सोमवार रात को मिली लाशें
ये मर्डर गोरखपुर के शाहपुर इलाके के घोषीपुरवा में हुआ। पुलिस के मुताबिक, कातिल ने हत्या रविवार की रात को 11 बजे के बाद की है। इसके बाद शांति देवी और विमला को किसी ने देखा नहीं। विमला जिस फर्नीचर शोरूम पर काम करती थी, वहां के मालिक रामानंद उन्हें सोमवार को कॉल करते रहे, जब उनका फोन नहीं उठा, तब वह विमला के मकान पर पहुंचे। दरवाजा लॉक था, उन्होंने पड़ोसियों से पूछा, तो उन्होंने भी कहा कि आखिरी बार रविवार को दोनों को देखा गया था। उसके बाद घर में हलचल नहीं हुई। शक होने पर शोरूम मालिक ने ही पार्षद और पुलिस को कॉल किया। जब सोमवार रात 8.30 बजे दरवाजा तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई, तब डबल मर्डर के बारे में पता चला। इसके बाद डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू की। शांति देवी की बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल लखनऊ के विकासनगर में अपने पति नवीन चंद जायसवाल के साथ रहती हैं। वह मंगलवार को गोरखपुर पहुंची। साथ में उनका बेटा ऋषभ भी था। उनकी मौजूदगी में दोनों लाशों का पोस्टमॉर्टम कराया गया। मां के शव से लिपटकर बेटी चिल्लाई, अब किससे मिलने आऊंगी
डॉक्टर के मुताबिक, दोनों के सिर की हड्डी 4 से 5 टुकड़ों में मिली है, इससे उनकी मौत हुई। मंगलवार शाम को दोनों की बॉडी को राजघाट ले जाया गया। राजघाट पर करीब 5.30 बजे बड़ी बेटी सुशीला ने अपनी मां और बहन के शव का दाह संस्कार किया। इस दौरान वह अपनी मां और बहन के शव से लिपटकर रोने लगीं। वह सिसकते हुए बोल रही थीं- अब किसके लिए गोरखपुर आऊंगी। रोज रात को एक घंटे हमारी बातें होती थीं। जिस तरह हत्यारे ने मारा है, इससे भी बुरी मौत उसको मिले। मेरी मां और बहन को तभी इंसाफ मिलेगा। चिता की तरफ बेटी भागी, तो लोगों ने पकड़ा
बड़ी बेटी सुशीला को लोगों ने संभाला, तब उन्होंने मुखाग्नि दी। अचानक सुशीला बदहवास हो गई, परिवार के दो लोगों ने उनके हाथ पकड़ लिए। वो चिता की तरफ भागने लगी, वो रोते हुए कह रही थी- किसने मार डाला मेरी मां को। मेरे सिवा उनका कौन था…? राजघाट में घोसीपुरवा में रहने वाले दो पड़ोसी भी पहुंचे थे। चिता को आग देते समय सुशीला देवी के साथ ही पड़ोसी भी रोने लगे। इस दौरान शाहपुर पुलिस भी मौजूद रही। सुशीला ने पुलिस के साथ घर के दोनों कमरों और अलमारी को खोलकर देखा था। सब कुछ देखने के बाद उन्होंने आरोप लगाए कि घर से विमला के गहने और रुपए गायब हैं। घर से 8.5 लाख रुपए और जेवर नहीं मिले
पुलिस को मर्डर होने के 24 घंटे के अंदर कुछ क्लू मिले हैं। पुलिस मान रही है कि मर्डर करने के लिए पूरी प्लानिंग की गई। कातिल इस घर के स्ट्रक्चर को समझ रहा था। इसलिए पुलिस उस प्रॉपर्टी डीलर को ढूंढ रही है, जोकि इस मकान का सौदा करवा रहा था। पूरी डील 4 करोड़ में होनी थी। बहन सुशीला इस मर्डर के पीछे लूट का कारण बता रही है, क्योंकि अलमारी से जेवर और 8.50 लाख कैश गायब है। सुशीला के मुताबिक, उसकी बहन विमला के घुटने का ऑपरेशन होना था, जिसके लिए उसने 8.50 लाख रुपए दिए थे। रकम घर में रखी थी और विमला अक्सर सोने की चेन व 18 ग्राम की ब्रेसलेट पहनती थी, जो गायब हैं। सुशीला का दावा है कि हत्यारे ने वारदात के बाद नकदी और जेवरात दोनों ले लिए। हालांकि उसकी मां शांति देवी के शरीर पर उनके जेवर जस के तस मिले, जिससे परिजन आश्वस्त हैं कि हत्या सिर्फ लूट के लिए नहीं हुई। ये भी सामने आया कि बुजुर्ग मां और बेटी का ई रिक्शा पार्किंग को लेकर भी कुछ लोगों से झगड़ा चल रहा था। पूछताछ में सामने आया कि घर के पास एक ई-रिक्शा चालक रहता है। वह रोज शांति देवी के घर के सामने गाड़ी खड़ी करके चार्ज करता था। इस पर मां-बेटी ने आपत्ति जताई थी। जिसके बाद ऑटो चालक से झगड़ा भी हुआ था। इसकी शिकायत मां-बेटी ने घोषीपुरवा के पार्षद से भी की थी। इसलिए इस परिवार के नजदीकी लोगों के इर्द गिर्द ही पूरी जांच घूम रही है। पुलिस ये भी मान रही है कि कातिल 1 से ज्यादा थे, ऐसे में पूरे एरिया के CCTV भी देखे जा रहे हैं। 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ, डॉग स्क्वायड से क्लू मिला
इस घटना का पर्दाफाश करने के लिए 5 पुलिस टीम बनाई गईं हैं। अभी तक पुलिस टीम ने घर के आस-पास रहने वाले 30 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। वहीं ई-रिक्शा चालक को दो बार थाने पर बुलाकर पूछताछ की गई है। इसके बाद उसे घर भेज दिया गया। घटना के बाद पुलिस का खोजी कुत्ता घर के पास खड़ा होने वाला ई-रिक्शा और सड़क पर एक अंडे के ठेले के पास बार-बार जा रहा था, इसलिए पुलिस ई-रिक्शा चालक से बार-बार पूछताछ कर रही है। रात में दूध लेने गई थी विमला
जांच कर रही पुलिस टीम घर से थोड़ी दूर दुकानों में लगे सीसीटीवी में एक जगह रात करीब 11 बजे विमला एक दुकान से पैकेट वाला दूध लेकर जाती दिखी है। इसके बाद कोई लोकेशन नहीं मिली। 20 नवंबर को हुई थी मां-बहन से बात
सुशीला ने बताया कि 20 नवंबर को उसकी मां और बहन से उसकी बात हुई थी, सब कुछ सामान्य था। एक माह पहले वह अपनी आंख का ऑपरेशन कराने गोरखपुर आई थी और 20 दिन मां-बहन के साथ रहकर लखनऊ लौटीं थी। हत्या की खबर सुनकर वह दोबारा परिवार संग शहर पहुंची। पुलिस की नजर मकान की हिस्ट्री पर
सुशीला ने बताया कि उसके पिता रामनरेश ने जीवनकाल में यह मकान मेरे बेटे ऋषभ के नाम वसीयत किया था। इसके बाद ऋषभ ने बालिग होने पर अपनी मां सुशीला को पावर ऑफ अटॉर्नी सौंप दी। उन्होंने 5 साल पहले एक प्रॉपर्टी डीलर अजय मिश्रा को 55 लाख रुपए में रजिस्टर्ड एग्रीमेंट भी कर दिया था। पिता रामनरेश ने 2 शादियों की थी। उनकी दूसरी पत्नी की बेटियों से कमरे खाली कराए गए थे। घोषीपुरवा स्थित यह मकान करीब 4000 वर्ग फीट का है। मकान का हाउस टैक्स बेतियाहाता निवासी अजीत शाही के नाम चढ़ा होने को लेकर भी वर्षों से विवाद रहा है। इतना ही नहीं, लगभग 10 साल पहले एक छात्र नेता ने भी अपने लोगों को किरायेदार बनाकर जबरन कब्जा करने की कोशिश की थी, लेकिन मामला गोरखनाथ मंदिर तक पहुंचने पर उनके लोग मकान छोड़कर चले गए थे। इससे प्रमाणित होता है कि यह मकान लगातार विवादों में रहा है। रामनरेश ने बनवाया था दो मंजिला मकान
शांति देवी और उनकी अविवाहित बेटी विमला जायसवाल गीता वाटिका के पास स्थित दो मंजिला पैतृक मकान में रहती थीं। जानकारी के अनुसार शांति देवी के पति रामनरेश जायसवाल वर्ष 1965 में गोरखपुर आए थे और उन्होंने यहीं मकान बनवाया था। रामनरेश की दो शादियों से कुल चार बेटियां थीं। उनकी पहली पत्नी से बड़ी बेटी सुशीला जायसवाल की शादी जौनपुर में की गई, जो वर्तमान में अपने पति और बच्चों के साथ लखनऊ में रहती हैं। दूसरी पत्नी की दोनों बेटियों ने प्रेम विवाह किया था, जबकि विमला ने शादी न करके अपनी वृद्ध मां की देखभाल की जिम्मेदारी उठाई। पहले मां फिर बेटी का शव मिला
मौके पर सबसे पहले शांति देवी का शव मिला था, बाद में विमल का शव घर के अंदर अलग स्थान से बरामद हुआ। शांति देवी उम्र और बीमारी के कारण चलने-फिरने में असमर्थ थीं, ऐसे में उनके खिलाफ अत्यधिक बल प्रयोग यह दर्शाता है कि आरोपी उन्हें पहचानता था और उन्हें चुप कराने के लिए वारदात की गई। वहीं पड़ोसियों का कहना है कि घटना वाली रात किसी तरह की आवाज बाहर नहीं सुनाई दी। पुलिस का मानना है कि हत्या परिचित द्वारा की गई है, क्योंकि घर में जबरन घुसने या हाथापाई के संकेत नहीं मिले हैं। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, दोनों के सिर पर भारी हथौड़े जैसे हथियार से कई प्रहार किए गए हैं। पुलिस ने मौके से शराब की बोतल, बिखरे सामान, टूटी अलमारी और कुछ संदिग्ध निशान भी कब्जे में लिए हैं। सीओ बोले- कत्ल को लेकर क्लू मिले है, जल्द अरेस्टिंग होंगी
इस संबंध में सीओ गोरखनाथ रवि कुमार सिंह ने बताया- शाहपुर पुलिस मोबाइल कॉल डिटेल, रुपयों का लेनदेन, पुराने विवाद, प्रॉपर्टी का सौदा, किरायेदारों के रिकॉर्ड और पड़ोसियों के बयान खंगाल रही है। हत्या में एक से अधिक लोग शामिल हो सकते हैं, कातिल मकान से भली-भांति परिचित थे। जल्द ही आरोपी पुलिस की गिरफ्त में होगा।
—————————
ये भी पढ़ें – लखनऊ में BLO की मौत, नोएडा में टीचर का इस्तीफा:अखिलेश ने खुला लेटर लिखा; VIDEO में देखिए UP में SIR पर संग्राम यूपी में SIR पर संग्राम शुरू हो गया है। नोएडा में एक महिला टीचर ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया। लखनऊ में एक BLO की मौत हो गई। परिवार का आरोप है कि BLO के काम का प्रेशर था। इस वजह से उनकी जान चली गई। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने पहुंचकर परिवार को ढांढस बंधाया। उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के सभी 1.62 लाख BLO को एक खुला लेटर लिखा है। VIDEO में देखिए क्या SIR की डेडलाइन बन रही डेथलाइन?