‘भतीजों को निकाल लिया…भाभी नहीं मिल रहीं’:हमीरपुर के गुलजारी बोले- कंकालों में खोजा, पहचान नहीं पाया, मथुरा हादसे में 13 जिंदा जले

मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार को हादसे में 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई। 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इनमें कई की हालत गंभीर है। उनमें भी कई झुलसे हुए हैं। यह हादसा कई परिवारों को जिंदगीभर न भुलाने वाले जख्म दे गया। सुबह सूरज उगने से पहले घने कोहरे के बीच हुए हादसे ने सभी को दहला दिया। हादसे के फौरन बाद राहत और बचाव का काम शुरू हुआ। हादसे के बाद पहुंची पुलिस और प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू किया। लोगों को निकालकर मथुरा और आगरा के अलग-अलग अस्पतालों में भेजा। मुश्किल यहां खत्म नहीं हुई। प्रशासनिक राहत और बचाव के काम के बीच बड़ी समस्या आई, हादसे में जान गंवाने वालों की शिनाख्त में। प्रशासनिक अमला सभी की शिनाख्त नहीं कर सका है। बस में जो सलामत बच गए, वो अपने साथ सफर करने वालों की तलाश में जुटे दिखे। कई ऐसे भी थे, जो हादसे का पता चलते ही अपने परिजनों की तलाश में दोपहर होते-होते घटनास्थल पर पहुंच गए। वो कभी घटनास्थल पर तो कभी अस्पताल की दौड़ लगाते दिखे। वह इस बात को लेकर आशंकित दिखे कि जिसकी तलाश में भटक रहे हैं, वह जीवित है भी या नहीं। अपनों के सकुशल होने की उम्मीद में वह अस्पताल में भर्ती कराए गए यात्रियों के पास जाकर तलाशते रहे। वहां पता नहीं चलने पर भारी मन से उस ओर देखते रहे, जहां मृतकों के अवशेष रखे हैं। दैनिक भास्कर ने ऐसे ही एक परिवार से बात की। उनकी परेशानी समझी। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले 4 तस्वीरें देखिए… भतीजे बच गए, भाभी का पता नहीं चल रहा…
अलग-अलग अस्पताल से लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस और वहां से घटनास्थल तक की दौड़ लगाते हुए हमें गुलजारी लाल मिले। हमीरपुर के राठ के रहने वाले गुलजारी लाल अपने मोबाइल में एक तस्वीर को देखकर भावुक हुए जा रहे थे। वह बार-बार उस तस्वीर को दिखाकर उनसे जुड़ी जानकारी चाह रहे थे। उनकी परेशानी यह थी कि उन्हें कहीं से कोई जानकारी मिल नहीं पा रही थी। गुलजारी लाल कहते हैं- मेरी भाभी पार्वती (45) और उनके 2 बच्चे हमीरपुर से दिल्ली जा रही बस में सवार थीं। यहां हुए हादसे के बाद भतीजे तो बच गए, लेकिन भाभी का पता नहीं चल सका। भतीजों ने किसी के मोबाइल से मुझे यह सब बताया, तब मैं यहां आया हूं। हम घंटों से परेशान हैं। कहीं पता नहीं चल रहा कि भाभी कहां और किस हाल में हैं? इसी बीच वह अपने मोबाइल में भाभी की तस्वीर दिखाकर रुआंसे हो गए। भतीजों को बचा लिया गया, भाभी की गर्दन में शीशा फंसा था
पोस्टमॉर्टम हाउस पर पहुंचे गुलजारी लाल ने बताया कि उनके भाई दिल्ली में काम करते हैं। भाई की पत्नी पार्वती देवी 2 बच्चों के साथ दिल्ली जा रही थीं। जिस बस में यह तीनों सवार थे, वह भी यहां हुए हादसे का शिकार हो गई। हादसे के बाद दोनों भतीजों को कांच तोड़कर बाहर निकाल लिया गया। भाभी बस में ही फंस गईं। फिर निकल नहीं पाईं। यहां आने पर दोनों भतीजों ने बताया कि मम्मी का सिर खिड़की में फंसा था। इसी बीच उनके सिर पर शीशा गिर गया। वह कैसे बाहर निकाली गईं या नहीं, इसका पता नहीं चला सका। कुछ लोगों ने बताया कि उन्हें बाहर निकाल लिया गया था। घायल हालत में अस्पताल ले जाया गया। वहां गया था, लेकिन नहीं मिलीं। गुलजारी लाल ने बताया कि भारी मन से पोस्टमॉर्टम हाउस गया, वहां तो पहचान ही नहीं हो पा रही। प्रशासन से जुड़े लोग भी अभी कुछ नहीं बता पा रहे। अपने आंसू को पोछते हुए गुलजारी लाल ने कहा कि बहुत दुखद हादसा हो गया। पता नहीं भाभी कहां और किस हाल में होंगी? उनकी आंखों में आशंका दिख रही थी, लेकिन उस पर कुछ बोलने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। डीएम बोले- 13 की मौत हुई, उनमें 5 की ही शिनाख्त
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसे में गाड़ियों और बसों से जब यात्रियों के शव निकाले गए तो हर किसी की रूह कांप उठी। शवों की यह हालत थी कि लोग देखने की हिम्मत नहीं कर पा रहे थे। इस कदर जले कि कोई भी अंग ऐसा नहीं था, जिससे उनकी शिनाख्त की जा सके। प्रशासन ने सभी शवों को पॉलीथिन में पैक कर पोस्टमॉर्टम हाउस भिजवा दिया। DM चंद्र प्रकाश सिंह ने बताया कि 13 लोगों की मौत हो गई है। उनमें 5 की शिनाख्त हो चुकी है। बाकी की पहचान के लिए डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। अब सिलसिलेवार पढ़िए पूरा हादसा मंगलवार सुबह मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। भाजपा नेता समेत 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। 70 लोग घायल हैं। मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है, क्योंकि बसों में कटे हुए अंग मिले हैं। पुलिस इन्हें 17 पॉलिथीन बैग में भरकर ले गई है। अब डीएनए टेस्ट से इनकी पहचान की जाएगी। हादसा थाना बलदेव क्षेत्र में माइलस्टोन 127 पर हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के 50 जवानों और 9 थानों की पुलिस ने 6 घंटे में रेस्क्यू किया। हादसे के चलते एक्सप्रेस-वे पर 3 किमी लंबा जाम लग गया था। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। ADM प्रशासन अमरेश जांच का नेतृत्व करेंगे। मजिस्ट्रेट जांच में 2 सदस्यों को जोड़ा गया है। टक्कर के बाद राहगीर ने पुलिस को फोन कर सूचना दी। पुलिस के पहुंचने से पहले आसपास के लोग मौके पर पहुंचे। प्रत्यक्षदर्शी भगवान दास ने बताया कि टक्कर के बाद ऐसा लगा जैसे बम फटा हो। लोग बसों के शीशे तोड़कर बाहर कूद रहे थे। थोड़ी देर में बसें जलकर राख हो गईं। हमने बस से 8-9 लाशें निकालीं। आरोप है कि रेस्क्यू करीब एक घंटे बाद शुरू हुआ। घायलों को 11 एम्बुलेंस से मथुरा जिला अस्पताल और वृंदावन संयुक्त जिला अस्पताल भेजा गया। गंभीर घायलों को आगरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बसों से पुलिस ने खुरच-खुरच कर शवों को उठाया। वहीं, सीएम योगी ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपए के मुआवजे का ऐलान किया। हादसे की जांच के लिए 4 सदस्यीय टीम बनाई गई। टीम में ADM प्रशासन के अलावा एसपी देहात, अधिशासी अभियंता PWD और ARTO प्रवर्तन को भी टीम में शामिल किया गया है। उसके बाद इस टीम में 2 सदस्य और बढ़ा दिए गए। इसमें यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के परियोजना महाप्रबंधक राजेंद्र सिंह भाटी और जेपी इंफ्रा लिमिटेड महाप्रबंधक (ऑपरेशन) आनंद सिंह को भी शामिल किया गया है। कोहरा सामने आने पर ड्राइवर ने ब्रेक लगाया, पीछे से आ रही गाड़ियां भिड़ीं
एक्सप्रेस-वे पर घना कोहरा था। माइलस्टोन 127 पर अचानक स्लीपर बस के सामने धुंध आ गई। इसके चलते ड्राइवर ने ब्रेक मारकर स्पीड धीमी की। इसके बाद पीछे चल रही 6 बसें और 4 कारें टकरा गईं। टक्कर से एसी बस में आग लग गई। लोगों को भागने तक का मौका नहीं मिला। हादसे में इन 5 मृतकों की शिनाख्त हुई…
-सुल्तान अहमद (64) पुत्र नामालूम, निवासी छविया, जिला गोंडा
-अखलेंद्र प्रताप यादव, पुत्र वंशीधर यादव, निवासी प्रयागराज
-रामगोपाल पुत्र पड़ोहरी, निवासी महाराजगंज
-रामपाल (75) पुत्र पुरोहित राम, निवासी महावीर इंक्लेव, वेस्ट दिल्ली
-मोहम्मद शमील(50), पुत्र इसरार हुसैन, निवासी डूडीबरी-डेरापुर, कानपुर देहात ——————————– यह खबर भी पढ़िए… मथुरा में 8 बसें-3 कारें टकराईं, 13 जिंदा जले, शरीर के टुकड़े 17 पॉलीथिन में ले गए मथुरा में यमुना एक्सप्रेस-वे पर कोहरे के चलते 8 बसें और 3 कारें भिड़ गईं। टक्कर होते ही गाड़ियों में आग लग गई। भाजपा नेता समेत 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। 70 लोग घायल हुए। मरने वालों का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है, क्योंकि बसों में कटे हुए अंग मिले हैं। पुलिस इन्हें 17 पॉलिथीन बैग में भरकर ले गई। अब डीएनए टेस्ट से इनकी पहचान की जाएगी। हादसा थाना बलदेव क्षेत्र में मंगलवार सुबह साढ़े 3 बजे माइलस्टोन 127 पर हुआ। पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के 50 जवानों और 9 थानों की पुलिस ने 6 घंटे में रेस्क्यू ऑपरेशन पूरा किया। हादसे के चलते एक्सप्रेस-वे पर 3 किमी लंबा जाम लग गया था। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं। पूरी खबर पढ़ें