वाराणसी में शादीशुदा लक्ष्मी का मर्डर लव अफेयर में हुआ। 26 साल की लक्ष्मी 46 साल के प्रदीप मिश्रा के साथ एडजेस्ट नहीं कर पा रही थी। उसका एक लड़के से अफेयर हो गया, मगर यहीं उसकी दर्दनाक मौत का कारण बन गया। मर्डर 19 दिसंबर की रात को हुआ, लक्ष्मी की बॉडी 21 दिसंबर की सुबह मिली। पुलिस कस्टडी में पति प्रदीप ने कहा- लक्ष्मी अच्छी लड़की थी, 6 महीने से उसने जिंदगी में कड़वाहट भर दी। बॉयफ्रेंड के लिए वो मुझसे झगड़ती। मेरे ऊपर चिल्लाती कि तुम्हारे बाल झड़ गए हैं, बूढ़े दिखते हो… तुम क्या मेरा साथ निभाओगे। आज नहीं तो कल ऊपर चले जाओगे। प्रदीप कहते हैं, मैं खून का घूंट पीकर रह जाता। 1 बेटा और 1 बेटी थे। इसलिए शादी बरकरार रखने के जतन किए। मगर लक्ष्मी 3 बार अपने बॉयफ्रेंड के साथ भाग चुकी थी। 19 दिसंबर को जब मैंने उसका मर्डर किया, वो 1 दिन पहले 18 दिसंबर को बॉयफ्रेंड के साथ रहने के बाद घर लौटी थी। फिर भी मैं उसको घुमाने के लिए अपनी बहन के घर ले गया। वहां से ऑटो में लौटते हुए सर्द रात के सन्नाटे में प्लान कर लिया कि यही सही मौका है, लक्ष्मी को रास्ते से हटा देते हैं, आखिर कब तक बेइज्जती सहेंगे। फिर उसका गला घोंटकर, चेहरे पर 5-6 बार ईट तब तक मारी, जब तक चेहरा बिगड़ नहीं गया। मगर मैं टैटू मिटाना भूल गया। वरना पुलिस पकड़ नहीं पाती। प्रदीप को पुलिस ने जेल भेजा। लक्ष्मी के बेटा-बेटी को ये नहीं बताया गया है कि उनकी मां की हत्या हुई है, पिता जेल चले गए हैं। दोनों बेटे रिश्तेदार के घर पर हैं। 19 दिसंबर की रात को क्या हुआ? प्रदीप ने पुलिस से बचने के लिए क्या ट्रिक अपनाई और कैसे वो अरेस्ट हुआ? दैनिक भास्कर टीम ने मर्डर केस की जांच कर रहे अधिकारियों से डिटेल बातचीत की। पढ़िए रिपोर्ट… खबर में आगे बढ़ने से पहले इस पोल पर अपनी राय दीजिए… शादीशुदा जिंदगी मर्डर तक कैसे पहुंची, ये जानिए 8 साल पहले शादी, 6 महीने पहले झगड़े बढ़े
प्रदीप ने पुलिस को बताया – लक्ष्मी से मेरी शादी 2017 में वाराणसी के मार्कण्डेय महादेव मंदिर में हुई थी। शुरू के कुछ साल सब कुछ बहुत अच्छा रहा। मैं ऑटो ड्राइवर हूं, लेकिन परिवार चलाने लायक कमा लेता था। न झगड़ा होता था, न ही कोई मनमुटाव था। मेरी शादीशुदा जिंदगी में बदलाव 6 महीने पहले आया। लक्ष्मी अचानक मुझे झगड़ने लगी, मोबाइल पर ज्यादा वक्त बिताती थी, अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे रही थी। फिर मुझे पड़ोसियों ने बताया कि जब आप घर से बाहर जाते हैं, तब आपकी पत्नी कहीं जाती हैं। मैंने इस बारे में पता किया, तब मुझे लक्ष्मी के लव अफेयर के बारे में पता चला। मैंने लक्ष्मी से कुछ नहीं कहा। एक दिन उसका मोबाइल चेक किया, पता चला कि वो लंबी-लंबी बातचीत कर रही है। तब मैंने लक्ष्मी से बात की। कहा कि गलती सबसे होती है, तुम सुधर जाओ। तब लक्ष्मी ने मुझसे बहुत झगड़ा किया। उसने यहां तक कहा कि वो मेरे साथ रहना नहीं चाहती है। कहा- तुम बूढ़े हो चुके हो, मेरा क्या साथ दोगे। मुझे तुम्हारे साथ अच्छा नहीं लगता। सिर से बाल तक तो चले गए हैं। अब मैं तुम्हारे साथ नहीं रह पाऊंगी, अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहूंगी। लक्ष्मी के इन शब्दों को मैं सुन नहीं सका। आंखों में खून उतर आया, मगर घर पर बेटा-बेटी मौजूद थे, इसलिए खून का घूंट पीकर रह गया। ये तय कर लिया कि लक्ष्मी को अब सबक सिखाना होगा। 19 दिसंबर. मर्डर की रात क्या हुआ, ये जानिए झगड़े के बाद मूड ठीक करने के लिए सबको बहन के घर ले गया
प्रदीप ने बताया- शुक्रवार (19 दिसंबर) को लक्ष्मी का मूड फिर ठीक नहीं था। वो बार-बार मुझसे झगड़ा कर रही थी। बच्चे भी परेशान हो गए थे, इसलिए सबका मूड ठीक करने के लिए मैं सबको ऑटो में बैठाकर चंदवक के अहिरौली गांव पहुंचा। वहां मेरी बहन रहती हैं। रात में करीब 10 बजे सबने साथ में खाना खाया। वहां एक बार फिर उस लड़के का जिक्र लक्ष्मी ने किया, जिससे वो शादी करना चाहती थी। वो भला-बुरा कहती जा रही थी, मैं उसको समझा रहा था। मैं रोज-रोज के झगड़ों से परेशान हो चुका था। मैंने सोच लिया कि अब लक्ष्मी को मारना ही होगा। झगड़े के बाद जब लक्ष्मी थोड़ा शांत हुई, उसने कहा कि मुझे चाय पिला दो। बहन ने कहा- मैं बना देती हूं। तब उसने कहा- नहीं… मैं बाहर पीना चाहती हूं। बच्चों को बहन के घर पर ही छोड़कर मैं लक्ष्मी को लेकर चल पड़ा। यहीं कोई 11 बजे का टाइम था। सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ था। मुझे लगा कि यहीं सही मौका है, मेरे दिमाग में हत्या का प्लान बनने लगा। घर से 25Km पहले दानगंज की तरफ पहुंच गया था। वहां से मैं कैथोर गांव (चोलापुर) की तरफ मुड़ गया और थोड़ा आगे बढ़ने पर सन्नाटे में ऑटो रोक दी। लक्ष्मी ने पूछा कि यहां पर ऑटो क्यों रोक दी। मैंने कहा- कुछ गड़बड़ी हुई है, थोड़ा रुको देखता हूं। मैं बाहर आकर गले के मफलर से फंदा बनाकर तैयार हो गया। फिर लक्ष्मी से कहा कि मेरी मदद के लिए जरा बाहर आ जाओ। लक्ष्मी जैसे ही बाहर आई, मैंने उसके गले में मफलर डालकर फंदा लगा दिया। सिर्फ 2 मिनट तड़पने के बाद लक्ष्मी का शरीर शांत हो गया। 10 मिनट सर्द रात में वहीं पर मैं बैठा रहा। फिर मुझे लगा कि मैं पकड़ा जाऊंगा, क्योंकि गांव बहुत दूर नहीं है। कोई न कोई तो लक्ष्मी को पहचान ही लेगा। इसलिए लाश को घसीटकर बगीचे में ले गया। एक सीमेंट लगी ईट से मैंने लक्ष्मी के सिर पर एक के बाद एक कई वार किए। जब लगा कि उसके चेहरे को कोई पहचान नहीं पाएगा। तब मैं रुक गया। वहीं करीब ही सूखे बाजरा का ढेर था। लाश को उसमें ही छिपा दिया। फिर में अपने घर लौट आया, लेकिन बच्चों को बहन के घर में ही रहने दिया। अब सोनबरसा गांव के लोगों की बात दोनों के बीच लगातार झगड़े हो रहे थे
प्रदीप के पड़ोसी दिनकर यादव ने बताया- प्रदीप मिश्रा की शादी साल 2017 में हुई थी। तब से वो यहां रह रहे थे और उसी समय से मेरे घर से उनके घर दूध जाता है। प्रदीप रोज सुबह दूध लेने आते थे। दोनों पति-पत्नी हमेशा खुश रहते थे और उनके दो बच्चे हैं। लेकिन पिछले 6 महीने से प्रदीप बहुत परेशान रहते थे। उनकी पत्नी लक्ष्मी का किसी लड़के से अफेयर हो गया था। जिसपर उन्होंने रोकटोक शुरू की तो लड़ाई झगड़ा होने लगा था। लक्ष्मी घर छोड़कर भाग गई थी
दिनकर ने बताया- प्रदीप जब रोकने टोकने लगे तो लक्ष्मी घर छोड़कर भाग गई थी। दो महीने बाद लक्ष्मी दोबारा घर आई तो प्रदीप ने अपने बच्चों का मुंह देखते हुए उसे रख लिया। लेकिन लक्ष्मी 3 दिन ही रुकी और रात में फिर भाग गई। इसके बाद प्रदीप ने चौबेपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया गया। अबकी प्रदीप ने तलाक की भी बात रखी थी, मगर लक्ष्मी रहने को मान गई थी, इसलिए तलाक नहीं हुआ था। कुछ दिन पहले भी हुई थी पारिवारिक पंचायत वह आगे बताते हैं- लक्ष्मी की हरकतों से प्रदीप बहुत परेशान थे। थाने में पंचायत के बाद वो एक हफ्ता रही और फिर भाग गई। कुछ दिन पहले भी परिवार और रिश्तेदारों के बीच पंचायत हुई थी। लक्ष्मी रहने आई लेकिन फिर कुछ दिन रहकर भाग गई। शुक्रवार को दोबारा आई थी। लेकिन पति ने मना नहीं किया और दोनों बच्चों के साथ उसे मूड सही करने के लिए अपनी बहन के घर चंदवक लेकर चला गया। अब जानिए लक्ष्मी के हाथ पर लिखे टैटू का राज, जिससे पुलिस ने उसकी शिनाख्त की वाराणसी के इस ब्लाइंड मर्डर केस में वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम ने मेहनत की और लक्ष्मी का परिवार ढूंढ निकाला। ADCP ने बताया- महिला का सिर इतनी बुरी तरह कूंचा गया था, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। साथ ही, लाश 30 घंटे पुरानी थी। जांच में पता चला कि उसके दोनों हाथों पर टैटू बने हैं। लिखा था- PL और GPL। SOG ने जब आसपास के गांवों में इस टैटू वाली महिला को ढूंढा, तो प्रदीप के घर तक पहुंच गए। प्रदीप ने खुद ही बताया कि PL का मतलब प्रदीप और लक्ष्मी था, जबकि GPL का मतलब गुड्डू, प्रदीप और लक्ष्मी था। प्रदीप के घर का नाम गुड्डू है। प्रदीप का क्रिमिनल रिकॉर्ड जानिए हत्या सहित 7 मुकदमे, जेल जा चुका है
प्रदीप को पकड़ने के बाद वाराणसी पुलिस ने उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड भी खंगाला। लंबी पूछताछ के बाद उसको जेल भेजा गया। ADCP नीतू कादयान ने बताया- लक्ष्मी का पति प्रदीप मिश्रा शातिर किस्म का अपराधी है। इसके ऊपर 7 मुकदमे हैं। एक मामला हत्या का भी है, उसने 10 साल गाजीपुर जेल में सजा काटी है। प्रदीप की संपत्ति की 3 बार कुर्की भी हो चुकी है। ————————— ये भी पढ़ें – वाराणसी में पत्नी की हत्या कर 25Km दूर डेडबॉडी फेंकी, अवैध संबंध के शक में मफलर से गला घोंटा; PL और GP लिखे टैटू से हुई पहचान वाराणसी में अवैध संबंधों के चलते पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। युवक ने पहले मफलर से महिला का गला घोंटा, फिर पहचान छुपाने के लिए सिर और चेहरे को कुचल दिया। शव को घर से करीब 25Km दूर ले जाकर बाजरे के ढेर में छुपा दिया। खेत मालिक अपनी फसल को ले जाने पहुंचा तो उसमें खून से लथपथ लाश को देख घबरा गया। प्रत्यक्षदर्शी बोल और सुन नहीं सकता था। वह गांव में भागकर गया, इशारों से गांववालों को अपनी बात समझाई। पढ़िए पूरी खबर…
प्रदीप ने पुलिस को बताया – लक्ष्मी से मेरी शादी 2017 में वाराणसी के मार्कण्डेय महादेव मंदिर में हुई थी। शुरू के कुछ साल सब कुछ बहुत अच्छा रहा। मैं ऑटो ड्राइवर हूं, लेकिन परिवार चलाने लायक कमा लेता था। न झगड़ा होता था, न ही कोई मनमुटाव था। मेरी शादीशुदा जिंदगी में बदलाव 6 महीने पहले आया। लक्ष्मी अचानक मुझे झगड़ने लगी, मोबाइल पर ज्यादा वक्त बिताती थी, अपने बच्चों पर भी ध्यान नहीं दे रही थी। फिर मुझे पड़ोसियों ने बताया कि जब आप घर से बाहर जाते हैं, तब आपकी पत्नी कहीं जाती हैं। मैंने इस बारे में पता किया, तब मुझे लक्ष्मी के लव अफेयर के बारे में पता चला। मैंने लक्ष्मी से कुछ नहीं कहा। एक दिन उसका मोबाइल चेक किया, पता चला कि वो लंबी-लंबी बातचीत कर रही है। तब मैंने लक्ष्मी से बात की। कहा कि गलती सबसे होती है, तुम सुधर जाओ। तब लक्ष्मी ने मुझसे बहुत झगड़ा किया। उसने यहां तक कहा कि वो मेरे साथ रहना नहीं चाहती है। कहा- तुम बूढ़े हो चुके हो, मेरा क्या साथ दोगे। मुझे तुम्हारे साथ अच्छा नहीं लगता। सिर से बाल तक तो चले गए हैं। अब मैं तुम्हारे साथ नहीं रह पाऊंगी, अपने बॉयफ्रेंड के साथ रहूंगी। लक्ष्मी के इन शब्दों को मैं सुन नहीं सका। आंखों में खून उतर आया, मगर घर पर बेटा-बेटी मौजूद थे, इसलिए खून का घूंट पीकर रह गया। ये तय कर लिया कि लक्ष्मी को अब सबक सिखाना होगा। 19 दिसंबर. मर्डर की रात क्या हुआ, ये जानिए झगड़े के बाद मूड ठीक करने के लिए सबको बहन के घर ले गया
प्रदीप ने बताया- शुक्रवार (19 दिसंबर) को लक्ष्मी का मूड फिर ठीक नहीं था। वो बार-बार मुझसे झगड़ा कर रही थी। बच्चे भी परेशान हो गए थे, इसलिए सबका मूड ठीक करने के लिए मैं सबको ऑटो में बैठाकर चंदवक के अहिरौली गांव पहुंचा। वहां मेरी बहन रहती हैं। रात में करीब 10 बजे सबने साथ में खाना खाया। वहां एक बार फिर उस लड़के का जिक्र लक्ष्मी ने किया, जिससे वो शादी करना चाहती थी। वो भला-बुरा कहती जा रही थी, मैं उसको समझा रहा था। मैं रोज-रोज के झगड़ों से परेशान हो चुका था। मैंने सोच लिया कि अब लक्ष्मी को मारना ही होगा। झगड़े के बाद जब लक्ष्मी थोड़ा शांत हुई, उसने कहा कि मुझे चाय पिला दो। बहन ने कहा- मैं बना देती हूं। तब उसने कहा- नहीं… मैं बाहर पीना चाहती हूं। बच्चों को बहन के घर पर ही छोड़कर मैं लक्ष्मी को लेकर चल पड़ा। यहीं कोई 11 बजे का टाइम था। सड़क पर सन्नाटा पसरा हुआ था। मुझे लगा कि यहीं सही मौका है, मेरे दिमाग में हत्या का प्लान बनने लगा। घर से 25Km पहले दानगंज की तरफ पहुंच गया था। वहां से मैं कैथोर गांव (चोलापुर) की तरफ मुड़ गया और थोड़ा आगे बढ़ने पर सन्नाटे में ऑटो रोक दी। लक्ष्मी ने पूछा कि यहां पर ऑटो क्यों रोक दी। मैंने कहा- कुछ गड़बड़ी हुई है, थोड़ा रुको देखता हूं। मैं बाहर आकर गले के मफलर से फंदा बनाकर तैयार हो गया। फिर लक्ष्मी से कहा कि मेरी मदद के लिए जरा बाहर आ जाओ। लक्ष्मी जैसे ही बाहर आई, मैंने उसके गले में मफलर डालकर फंदा लगा दिया। सिर्फ 2 मिनट तड़पने के बाद लक्ष्मी का शरीर शांत हो गया। 10 मिनट सर्द रात में वहीं पर मैं बैठा रहा। फिर मुझे लगा कि मैं पकड़ा जाऊंगा, क्योंकि गांव बहुत दूर नहीं है। कोई न कोई तो लक्ष्मी को पहचान ही लेगा। इसलिए लाश को घसीटकर बगीचे में ले गया। एक सीमेंट लगी ईट से मैंने लक्ष्मी के सिर पर एक के बाद एक कई वार किए। जब लगा कि उसके चेहरे को कोई पहचान नहीं पाएगा। तब मैं रुक गया। वहीं करीब ही सूखे बाजरा का ढेर था। लाश को उसमें ही छिपा दिया। फिर में अपने घर लौट आया, लेकिन बच्चों को बहन के घर में ही रहने दिया। अब सोनबरसा गांव के लोगों की बात दोनों के बीच लगातार झगड़े हो रहे थे
प्रदीप के पड़ोसी दिनकर यादव ने बताया- प्रदीप मिश्रा की शादी साल 2017 में हुई थी। तब से वो यहां रह रहे थे और उसी समय से मेरे घर से उनके घर दूध जाता है। प्रदीप रोज सुबह दूध लेने आते थे। दोनों पति-पत्नी हमेशा खुश रहते थे और उनके दो बच्चे हैं। लेकिन पिछले 6 महीने से प्रदीप बहुत परेशान रहते थे। उनकी पत्नी लक्ष्मी का किसी लड़के से अफेयर हो गया था। जिसपर उन्होंने रोकटोक शुरू की तो लड़ाई झगड़ा होने लगा था। लक्ष्मी घर छोड़कर भाग गई थी
दिनकर ने बताया- प्रदीप जब रोकने टोकने लगे तो लक्ष्मी घर छोड़कर भाग गई थी। दो महीने बाद लक्ष्मी दोबारा घर आई तो प्रदीप ने अपने बच्चों का मुंह देखते हुए उसे रख लिया। लेकिन लक्ष्मी 3 दिन ही रुकी और रात में फिर भाग गई। इसके बाद प्रदीप ने चौबेपुर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया गया। अबकी प्रदीप ने तलाक की भी बात रखी थी, मगर लक्ष्मी रहने को मान गई थी, इसलिए तलाक नहीं हुआ था। कुछ दिन पहले भी हुई थी पारिवारिक पंचायत वह आगे बताते हैं- लक्ष्मी की हरकतों से प्रदीप बहुत परेशान थे। थाने में पंचायत के बाद वो एक हफ्ता रही और फिर भाग गई। कुछ दिन पहले भी परिवार और रिश्तेदारों के बीच पंचायत हुई थी। लक्ष्मी रहने आई लेकिन फिर कुछ दिन रहकर भाग गई। शुक्रवार को दोबारा आई थी। लेकिन पति ने मना नहीं किया और दोनों बच्चों के साथ उसे मूड सही करने के लिए अपनी बहन के घर चंदवक लेकर चला गया। अब जानिए लक्ष्मी के हाथ पर लिखे टैटू का राज, जिससे पुलिस ने उसकी शिनाख्त की वाराणसी के इस ब्लाइंड मर्डर केस में वाराणसी क्राइम ब्रांच की टीम ने मेहनत की और लक्ष्मी का परिवार ढूंढ निकाला। ADCP ने बताया- महिला का सिर इतनी बुरी तरह कूंचा गया था, ताकि उसकी शिनाख्त न हो सके। साथ ही, लाश 30 घंटे पुरानी थी। जांच में पता चला कि उसके दोनों हाथों पर टैटू बने हैं। लिखा था- PL और GPL। SOG ने जब आसपास के गांवों में इस टैटू वाली महिला को ढूंढा, तो प्रदीप के घर तक पहुंच गए। प्रदीप ने खुद ही बताया कि PL का मतलब प्रदीप और लक्ष्मी था, जबकि GPL का मतलब गुड्डू, प्रदीप और लक्ष्मी था। प्रदीप के घर का नाम गुड्डू है। प्रदीप का क्रिमिनल रिकॉर्ड जानिए हत्या सहित 7 मुकदमे, जेल जा चुका है
प्रदीप को पकड़ने के बाद वाराणसी पुलिस ने उसका क्रिमिनल रिकॉर्ड भी खंगाला। लंबी पूछताछ के बाद उसको जेल भेजा गया। ADCP नीतू कादयान ने बताया- लक्ष्मी का पति प्रदीप मिश्रा शातिर किस्म का अपराधी है। इसके ऊपर 7 मुकदमे हैं। एक मामला हत्या का भी है, उसने 10 साल गाजीपुर जेल में सजा काटी है। प्रदीप की संपत्ति की 3 बार कुर्की भी हो चुकी है। ————————— ये भी पढ़ें – वाराणसी में पत्नी की हत्या कर 25Km दूर डेडबॉडी फेंकी, अवैध संबंध के शक में मफलर से गला घोंटा; PL और GP लिखे टैटू से हुई पहचान वाराणसी में अवैध संबंधों के चलते पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी गई। युवक ने पहले मफलर से महिला का गला घोंटा, फिर पहचान छुपाने के लिए सिर और चेहरे को कुचल दिया। शव को घर से करीब 25Km दूर ले जाकर बाजरे के ढेर में छुपा दिया। खेत मालिक अपनी फसल को ले जाने पहुंचा तो उसमें खून से लथपथ लाश को देख घबरा गया। प्रत्यक्षदर्शी बोल और सुन नहीं सकता था। वह गांव में भागकर गया, इशारों से गांववालों को अपनी बात समझाई। पढ़िए पूरी खबर…