यूपी में PM मोदी ने सोशल इंजीनियरिंग को दी धार:कांग्रेस–सपा पर हमला, योगी के लिए 2027 की स्क्रिप्ट लिखी

पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ के प्रेरणा स्थल से भाजपा की सोशल इंजीनियरिंग को नई धार दी। उन्होंने मंच से भगवान बिरसा मुंडा, बिजली पासी, राजा सुहेलदेव, राजा महेंद्र प्रताप सिंह, प्रभु राम के सखा निषादराज का जिक्र कर करीने से इनके वोट बैंक को भी साधा। इसी के साथ सरदार वल्लभ भाई पटेल और अम्बेडकर को इतिहास में उचित स्थान न दिए जाने पर कांग्रेस को कटघरे में खड़ा किया। परिवारवाद का जिक्र कर उन्होंने कांग्रेस, सपा सहित विपक्षी दलों पर कटाक्ष किया। मंच पर जिस तरीके से सीएम योगी के साथ वे गुफ्तगू करते नजर आए, इससे साफ है कि 2027 की चुनावी स्क्रिप्ट में योगी की बड़ी भूमिका रहेगी। पीएम मोदी के 32 मिनट के भाषण में क्या खास रहा। उसके राजनीतिक मायने क्या रहे? भास्कर एनालिसिस में पढ़िए… क्रिसमस की बधाई देकर पीएम ने ईसाइयों को दिया मैसेज
पीएम मोदी ने भाषण की शुरुआत में सबसे पहले मंच से क्रिसमस की बधाई दी। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि अगले साल केरल विधानसभा चुनाव है। वहां बहुत बड़ी आबादी क्रिश्चियन कम्युनिटी की है। इसके बहाने उन्होंने ईसाई वोट बैंक को साधने की कोशिश की। अपने महापुरुषों को स्थापित करने में जुटी भाजपा
भाजपा पर अक्सर ये आरोप लगते हैं कि उसका आजादी की लड़ाई में कोई योगदान नहीं रहा। वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय कहते हैं- कांग्रेस पार्टी के जमाने से ये स्थापित सत्य रहा है कि जिसकी सत्ता रहती है, वो इतिहास को अपने ढंग से लिखवाने की कोशिश करता है। आजादी में भले ही भाजपा का कोई योगदान न रहा हो, लेकिन श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय और पहले गैर कांग्रेसी पीएम रहे अटल बिहारी वाजपेयी के बहाने भाजपा आजाद भारत के निर्माण में खुद की भूमिका को इतिहास में दर्ज कराने में जुटी है। पिछले 11 सालों का मोदी सरकार का शासन देखें तो उनकी पूरी नीतियां इन्हीं नेताओं के इर्द–गिर्द तैयार की गईं और उन्हें लागू किया। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने एक देश दो विधान, दो निशान का विरोध किया था। मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर उनके सपने को पूरा किया। इसी तरह पंडित दीनदयाल की अंत्योदय अवधारणा को पीएम आवास, शौचालय, जनधन खाते, स्वास्थ्य बीमा, मुफ्त राशन जैसी जनकल्याणकारी योजनाओं के आधार पर आगे बढ़ा रहे हैं। जबकि सुशासन के प्रतीक अटल बिहारी वाजपेयी के सशक्त भारत के सपनों को मूर्त रूप दे रहे हैं। कार्यक्रम के बाद पीएम मोदी ने पूरे आयोजन का एक 20 सेकेंड का वीडियो भी जारी किया। देखिए VIDEO… डॉ. आंबेडकर और बिजली पासी के बहाने दलितों को संदेश
पीएम मोदी ने कहा- 25 दिसंबर का ये दिन देश की तीन महान विभूतियों के जन्म का अद्भुत संयोग लेकर आता है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी और महामना मदन माेहन मालवीय ने जहां भारत की अस्मिता, एकता और गौरव की रक्षा की, वहीं राष्ट्र निर्माण में अपनी अमिट छाप छोड़ी। साथ ही 25 दिसंबर को ही महाराजा बिजली पासी की भी जन्म जयंती है। मोदी ने कहा कि लखनऊ का प्रसिद्ध बिजली पासी किला अधिक दूर नहीं है। महाराजा बिजली पासी ने वीरता सुशासन, और समावेश की जो विरासत छोड़ी, उसे हमारे पासी समाज ने गौरव के साथ आगे बढ़ाया है। ये भी संयोग ही है कि अटल जी ने ही पहली बार वर्ष 2000 में महाराजा बिजली पासी के सम्मान में डाक टिकट जारी किया था। पीएम मोदी ने इस मंच से संविधान को लेकर अक्सर भाजपा को घेरने वाली कांग्रेस को भी आइना दिखाया। उसके परिवारवाद पर हमला बोला। कहा- भाजपा ने ही देश को एक परिवार की बंधक बनी पुरानी प्रवृत्ति से भी बाहर निकाला है। हमारी सरकार मां भारती की सेवा करने वाली हर अमर संतान हर किसी के योगदान को सम्मान दे रही है। कोई नहीं भूल सकता कि कैसे बाबा साहेब आंबेडकर की विरासत को मिटाने का प्रयास हुआ। दिल्ली में कांग्रेस के शाही परिवार ने ये पाप किया। यहां यूपी में भी सपा वालों ने भी यही दुस्साहस किया। लेकिन भाजपा ने बाबा साहेब की विरासत को मिटने नहीं दिया। दिल्ली से लेकर लखनऊ तक बाबा साहेब के पंचतीर्थ उनकी विरासत का जयघोष कर रहे हैं। वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय कहते हैं- इन महापुरुषों का जिक्र कर मोदी ने दलित वोटबैंक को भी साधने का प्रयास किया। पासी वोट बैंक पहले से भाजपा को मिलता आया है। अम्बेडकर के पंच तीर्थ के विकास का जिक्र कर मोदी ने दलितों की अन्य उपजातियों को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि भाजपा ही उनकी हितैषी है। महाराजा सुहेलदेव और निषादराज का जिक्र कर ओबीसी को साधा
पीएम मोदी ने बिना किसी खास अवसर के भी महाराजा सुहेलदेव का जिक्र किया। कहा- महाराजा सुहेलदेव का स्मारक तब बना, जब भाजपा सरकार बनी। महाराजा सुहेलदेव को लेकर राजभर समाज का गहरा जुड़ाव है। बीएचयू के प्रोफेसर टीपी सिंह कहते हैं- महाराजा सुहेलदेव ही थे, जिन्होंने गाजी सालार को हराया था। उनका जिक्र कर पीएम ने बड़ी ही खूबसूरती से राजभर समाज को हिन्दुत्व से भी जोड़ने का प्रयास किया। इसी तरह निषाद समाज को साधने के लिए पीएम ने निषाद राज के स्मारक का जिक्र किया। कहा- कि भाजपा सरकार में ही निषादराज व प्रभु राम की मिलन स्थली को मान–सम्मान मिला। जाट और आदिवासी वोटबैंक पर भी नजर
पीएम ने कांग्रेस को घेरते हुए कहा- हमारे यहां दशकों तक आदिवासियों के योगदान को भी उचित स्थान नहीं दिया गया। हमारी सरकार ने ही भगवान बिरसा मुंडा का भव्य स्मारक बनाया। अभी कुछ दिन पहले ही छत्तीसगढ़ में शहीद वीर नारायण आदिवासी म्यूजियम का लोकार्पण हुआ है। पूर्वांचल में एक बड़ी आबादी आदिवासियों की है। इसके बहाने पीएम ने इस वोट बैंक को भी साधने की कोशिश की। पीएम ने अलीगढ़ के राजा महेंद्र प्रताप का जिक्र कर जाट वोटबैंक को भी सहेजा। पीएम ने कहा राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के लिए पूरी जमीन दान में दी थी। लेकिन उनके योगदान को कांग्रेस ने भुला दिया। कभी भी राजा महेंद्र प्रताप को इस योगदान के लिए सैयद अहमद खान की तरह सम्मान नहीं मिला। भाजपा ने ही पहली बार राजा महेंद्र प्रताप के नाम पर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय शुरू किया। उनकी भव्य प्रतिमा भी स्थापित कराई। पश्चिम यूपी में जाट वोट बैंक निर्णायक है। कांग्रेस पर पीएम के हमले के मायने क्या हैं?
बीएचयू में प्रोफेसर टीपी सिंह कहते हैं- इस देश में कांग्रेस ने लंबा शासन किया। अटल बिहारी वाजपेयी का राजनीतिक जीवन 65 साल का रहा। इसमें 56 वर्ष उन्होंने विपक्ष की राजनीति की। 2 साल विदेश मंत्री और 6 साल पीएम रहे। कांग्रेस ने परिवार के बाहर किसी दूसरे को कभी सम्मान नहीं दिया। आज भी कांग्रेस परिवारवाद से आगे नहीं बढ़ पाई है। पीएम ने कांग्रेस के इसी परिवारवाद पर निशाना साधा। खासकर कांग्रेस ने अपने परिवार की पहचान बनाए रखने के लिए दूसरे बड़े नेताओं का कद छोटा करने का पाप किया, पीएम ने इसी का जिक्र कर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों को कटघरे में खड़ा किया। खुद पीएम ने परिवारवाद की राजनीति की पूरी व्याख्या की। बताया कि परिवारवाद की राजनीति की एक विशिष्ट पहचान ये होती है कि वे असुरक्षा से भरी हुई होती हैं। इसी कारण परिवार-वादियों के लिए दूसरे की लकीर छोटी करना मजबूरी हो जाता है। ताकि उनके परिवार का कद बड़ा दिखे और उनकी दुकान चलती रहे। इसी सोच ने भारत में राजनीतिक छूआछूत का चलन शुरू किया। आप सोचिए आजाद भारत में अनेक पीएम हुए, लेकिन राजधानी दिल्ली में जो म्यूजियम था, उनमें अनेक पूर्व पीएम को नजरअंदाज किया गया। इस स्थिति को भाजपा ने बदला है। आज दिल्ली जाएं तो भव्य पीएम संग्रहालय आपका स्वागत करता है। वहां आजाद भारत के हर प्रधानमंत्री का चाहे कार्यकाल कितना भी छोटा रहा हो, सबको उचित सम्मान व स्थान दिया गया है। ये कांग्रेस ही थी, जिसने सुभाष चंद्र बोस को सम्मान नहीं दिया। जबकि भाजपा ने दिल्ली के कर्तव्य पथ पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित कराई। साथ ही अंडमान में उस द्वीप का नामकरण भी उनपर किया, जिस पर सुभाष चंद्र बोस ने सबसे पहला तिरंगा फहराया था। पटेल के बहाने मोदी का संदेश कांग्रेस का लोकतंत्र में भरोसा नहीं
पीएम मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल का जिक्र करके भी कांग्रेस को घेरा। प्रो. टीपी सिंह कहते हैं- मोदी का इशारा कांग्रेस के लोकतंत्र में विश्वास न करने की ओर था। आजादी के समय ये तय था कि कांग्रेस के अध्यक्ष को ही अंतरिम पीएम बनाया जाएगा। तब अध्यक्ष के लिए 16 प्रांतीय समितियों में 14 ने पटेल का नाम बढ़ाया था। दो ने तटस्थ रहते हुए किसी का नाम नहीं सुझाया था। बावजूद गांधी जी के दबाव में सरदार वल्लभ भाई पटेल को पीछे हटना पड़ा। मतलब साफ था कि लोकतंत्र में बहुमत की इच्छा का सम्मान होता है, जो नहीं हुआ। आज भी कांग्रेस परिवार से बाहर नहीं निकल पाई है। मोदी ने इशारों में इसी का जिक्र करते हुए कहा कि सैकड़ों रियासतों में बंटे हमारे देश को एक करने वाले सरदार पटेल को कांग्रेस ने कभी उचित सम्मान नहीं दिया। उलटे कांग्रेस ने आजादी के बाद उनके काम और उनका कद दोनों को छोटा करने का प्रयास किया। ये भाजपा ही है, जिसने सरदार साहब को वो मान–सम्मान दिया, जिसके वो हकदार थे। भाजपा ने ही सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा बनाई। एकता नगर के रूप में एक प्रेरणा स्थली का निर्माण किया। हर साल वहां 31 अक्टूबर को देश राष्ट्रीय एकता का मुख्य आयोजन करता है। मंच पर योगी से गुफ्तगू, भाषण के दौरान प्रशंसा
प्रेरणा स्थल पर जब रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का संबोधन हो रहा था, तो पीएम नरेंद्र मोदी और यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के बीच गुफ्तगू चल रही थी। किस विषय पर ये था, तो नहीं पता, लेकिन जिस तरीके से दोनों नेता एक–दूसरे से बात करते नजर आए, उसके सियासी चर्चा है। मोदी के भाषण में यूपी के गुड गवर्नेंस की तारीफ में भी ये बात झलकी। योगी की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा- यूपी 21 सदी के भारत में अपनी एक अलग पहचान बना रहा है। मेरा सौभाग्य है कि मैं यूपी से सांसद हूं। आज मैं बहुत गर्व से कह सकता हूं कि यूपी के मेहनतकश लोग एक नया भविष्य लिख रहे हैं। कभी यूपी की चर्चा खराब कानून व्यवस्था को लेकर होती थी। आज यूपी की चर्चा विकास के लिए होती है। आज यूपी देश के पर्यटन मानचित्र पर तेजी से उभर रहा है। अयोध्या में भव्य राममंदिर, काशी विश्वनाथ धाम ये दुनिया में यूपी की नई पहचान के प्रतीक बन रहे हैं। अब ये राष्ट्र प्रेरणा स्थल जैसे आधुनिक निर्माण यूपी की नई छवि को और अधिक रोशन बनाते हैं। हमारा यूपी सुशासन, समृद्धि, सत्य सामाजिक न्याय के मॉडल के रूप में और बुलंदी हासिल करने की राह पर अग्रसर है। ———————- ये खबर भी पढ़ें- मोदी बोले- हमने 370 की दीवार गिराई:आजादी के बाद सभी उपलब्धियां एक ही परिवार के नाम होती थीं; लखनऊ में प्रेरणा स्थल का उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को लखनऊ में राष्ट्र प्रेरणा स्थल का उद्घाटन किया। यहां उन्होंने जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पं. दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेयी की मूर्तियों का अनावरण करके पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी ने कहा- हमारी सरकार ने आर्टिकल 370 की दीवार गिराई। पहले एक परिवार की मूर्तियां लगती थीं, आज हर विभूति को सम्मान मिल रहा है। आजादी के बाद सभी उपलब्धियां एक ही परिवार के नाम होती थीं। भाजपा ने हर किसी के योगदान को सम्मान दिया। पढ़ें पूरी खबर