यूपी में डीजी इंटेलिजेंस समेत कई बड़े पद खाली:फायर और होमगार्ड डीजी भी हो रहे रिटायर, क्यों नहीं मिल रहे भरोसेमंद अफसर?

यूपी में इंटेलिजेंस के डीजी के लिए सरकार को भरोसेमंद अफसर नहीं मिल रहा। देवेंद्र सिंह चौहान के बाद से इस पद पर किसी की स्थायी तैनाती नहीं हुई। अब डीजी फायर सर्विस और डीजी होमगार्ड का पद भी खाली हो रहा है। डीजी फायर सर्विस आदित्य मिश्रा 30 जून (आज) को रिटायर हो जाएंगे। वहीं, डीजी होमगार्ड बीके मौर्य 31 जुलाई को रिटायर होंगे। एसटीएफ की जिम्मेदारी 8 साल से अमिताभ यश के पास है। अब वे एडीजी कानून व्यवस्था का भी काम कर रहे हैं। ऐसे में क्या एसटीएफ के लिए भी कोई भरोसेमंद अफसर सरकार को नहीं मिल रहा? 31 मार्च, 2023 को डीएस चौहान डीजी इंटेलिजेंस के पद से रिटायर हुए थे। तब से ये पोस्ट खाली चल रही है। यहां का कामकाज एडीजी भगवान स्वरूप देख रहे हैं। यह पद महत्वपूर्ण माना जाता है। क्योंकि, सरकार को प्रदेश भर की खुफिया जानकारी यही विभाग मुहैया कराता है। पूर्व कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के रिटायरमेंट के बाद से इस पद पर किसी की तैनाती नहीं की गई है। आमतौर पर एक्स कॉडर पोस्ट से डीजी रैंक के अफसर को यहां तैनाती मिलती रही है। वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र कुमार कहते हैं- डीजी इंटेलिजेंस का पद मुख्यमंत्री की आंख, नाक, कान होता है। प्रदेश में क्या चल रहा है? किस बात की लोगों में नाराजगी है? सरकार को लेकर क्या नजरिया है? यह सब जानकारी इंटेलिजेंस के जरिए इकट्‌ठा की जाती है। बीते 3 साल से यह पद खाली है। ऐसा नहीं है कि इंटेलिजेंस ने काम करना बंद कर दिया है। एडीजी रैंक के अफसर डीजीपी को रिपोर्ट करते हैं, डीजीपी मुख्यमंत्री को रिपोर्ट देते हैं। जबकि, इंटेलिजेंस में डीजी रैंक का अफसर सीधे तौर पर मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करता रहा है। फिलहाल इंटेलिजेंस का काम एडीजी रैंक के अफसर भगवान स्वरूप देख रहे हैं। गोरखपुर जोन एडीजी भी हो रहे रिटायर
गोरखपुर जोन के एडीजी केएस प्रताप कुमार पहली जुलाई को डीजी रैंक में प्रमोशन पा जाएंगे। ऐसे में सवाल यह भी है कि गोरखपुर जोन की कमान किसके हाथ में जाएगी? गोरखपुर मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने के साथ प्रदेश के बड़े शहरों में से एक है। ऐसे में जिन नामों की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, उनमें एडीजी क्राइम एसके भगत, एडीजी एसएसएफ डीके ठाकुर, एडीजी सीआईडी नीलाब्जा चौधरी शामिल हैं। ये भी मुमकिन है कि मौजूदा समय में फील्ड में तैनात किसी जोन या कमिश्नरेट के अफसर को गोरखपुर स्थानांतरित कर उसके स्थान पर नए अधिकारी की तैनाती दे दी जाए। फायर सर्विस में किसकी तैनाती होगी?
गोरखपुर जोन के एडीजी केएस प्रताप कुमार फायर डिपार्टमेंट के डीजी हो सकते हैं। वह पहली जुलाई को डीजी रैंक में प्रमोशन पा जाएंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें डीजी फायर सर्विस बनाया जा सकता है। हालांकि इसे लेकर आखिरी फैसला मुख्यमंत्री काे ही लेना है। यह भी मुमकिन है कि केएस प्रताप कुमार को कोई और जिम्मेदारी देकर डीजी रैंक के किसी अन्य अफसर को फायर सर्विसेज की जिम्मेदारी दे दी जाए। डीजी रैंक के 4 अफसरों के पास डबल चार्ज
यूपी में डीजी रैंक के कुल 7 पद हैं। इतने ही पद एक्स काडर सर्विस के होते हैं। यानी यूपी में एक समय में अधिकतम 14 डीजी रह सकते हैं। डीजी की जो 7 मुख्य पोस्ट हैं, उनमें डीजीपी के अलावा सीआईडी, विजिलेंस, भर्ती बोर्ड, प्रशिक्षण, होमगार्ड और फायर सर्विसेज शामिल हैं। मौजूदा समय में जो डीजी हैं, उनमें से कई ऐसे हैं जिनके पास दो-दो चार्ज हैं। जैसे डीजीपी राजीव कृष्ण के पास डीजीपी के अलावा डीजी विजिलेंस का भी चार्ज है। 29 जून तक उनके पास डीजी भर्ती बोर्ड का भी काम था। हालांकि, इस पद पर लखनऊ जोन के एडीजी रहे एसबी शिरडकर के प्रमोशन के बाद यहां उनकी तैनाती कर दी गई है। 1991 बैच की आईपीएस नीरा रावत के पास यूपी 112 के अलावा आर्थिक अनुसंधान शाखा (EOW) की जिम्मेदारी है। इसी तरह 1991 बैच के ही प्रेम चंद्र मीणा के पास पुलिस आवास निगम के अलावा डीजी जेल का भी काम है। वहीं, 1992 बैच के दिपेश जुनेजा के पास सीआईडी के साथ-साथ अभियोजन का भी काम है। यानी डीजी रैंक के 4 अफसरों के पास एक से अधिक जिम्मेदारी है। इसके अलावा एडीजी रैंक में भी कई अफसर ऐसे हैं, जिनके पास एक से अधिक जिम्मेदारियां हैं। जैसे डीजीपी के जीएसओ एन. रविंदर के पास एंटी करप्शन का भी चार्ज है। एडीजी पद्मजा चौहान के पास फायर सर्विस के अलावा महिला एवं बाल सुरक्षा की भी जिम्मेदारी है। एडीजी कानून व्यवस्था अमिताभ यश के पास एसटीएफ की अतिरिक्त जिम्मेदारी है। इनके पास कोई जिम्मेदारी नहीं कांवड़ यात्रा के बाद हो सकता है बदलाव
माना जा रहा है कि अब जो भी बदलाव होंगे, वो मोहर्रम और कांवड़ यात्रा के बाद ही होंगे। जिन अफसरों के तबादले संभावित हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह को नवंबर में 3 साल पूरे हो जाएंगे। उससे पहले उन्हें वहां से हटाकर कोई नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसी तरह कानपुर जोन के एडीजी आलोक सिंह को भी दिसंबर में जोन में 3 साल का समय पूरा हो जाएगा। उन्हें भी नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके अलावा लंबे समय से साइड पोस्टिंग पर तैनात अफसरों को नए डीजीपी के आने के बाद नई जिम्मेदारी मिलने की भी उम्मीद जताई जा रही है। इसमें ज्यादातर वे अफसर हैं जो विभिन्न पीटीसी, आरटीसी, पीटीएस या पुलिस अकादमी में तैनात हैं। रिटायर हो जाएंगे ये 4 आईपीएस अफसर
यूपी पुलिस के 4 आईपीएस अफसर 30 जून को रिटायर हो जाएंगे। इन अफसरों में सबसे बड़ा नाम आदित्य मिश्रा का है, जो मौजूदा समय में डीजी फायर सर्विस के पद पर तैनात हैं। इनके अलावा आईजी इंटेलिजेंस मुख्यालय विपिन कुमार मिश्रा, डीआईजी रेलवे राहुल राज और 43वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट आदित्य प्रकाश वर्मा 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। —————————- ये खबर भी पढ़ें… PM की फोटो छापकर बेची जा रही नकली खाद, दिल्ली से आती हैं यूरिया की खाली बोरियां, आधे यूपी में सप्लाई पश्चिमी यूपी में नकली खाद (उर्वरक) बिक रही है। इसका खुलासा उस वक्त हुआ, जब हापुड़ पुलिस ने 24 और 26 जून को 2 गोदामों पर छापा मारा। यहां करीब 10 नामचीन खाद कंपनियों की 40 हजार से ज्यादा खाली बोरियां मिलीं। पढ़ें पूरी खबर