AMU में टीचर के हत्यारे CCTV में दिखे:पूछा था- अब तो पहचानोगे न…, सिर से 5 गोली निकाली; दोस्तों ने सुनाई कत्ल की आंखो देखी

AMU में टीचर राव दानिश के दोनों हत्यारे CCTV में दिखे हैं। मर्डर के 24 घंटे में पुलिस को कई क्लू मिले हैं। फिलहाल जांच 2 लाइन पर चल रही है। पहली- ये कोई शातिर बदमाश नहीं थे, बल्कि स्कूल के स्टूडेंट हैं। टीचर दानिश का 1 महीने पहले इन दोनों लड़कों से विवाद हुआ था, जिसका बदला लिया। दूसरी- टीचर का एक लड़की से कनेक्शन भी सामने आया है। इसी विवाद में उनका कत्ल करवा दिया गया, ये लड़के सिर्फ मोहरे थे। अब कत्ल को अंजाम देने वाले लड़कों तक पहुंचने के लिए पुलिस स्कूल के स्टाफ से संपर्क कर रही है। साथ ही, ये भी पता किया जा रहा है कि दोनों को कत्ल के लिए पिस्टल कहां से मिली? पुलिस ने 8 लड़कों को हिरासत में लिया है, पूछताछ जारी है। दरअसल, मौलाना आजाद लाइब्रेरी और सुलेमान हॉल के बाहर लगे CCTV में स्कूटी और 2 कम उम्र के लड़के दिखे हैं। इस वीडियो की फुटेज क्लियर करके लड़कों की पहचान की जा रही है। 8.45 बजे मर्डर करने के बाद दोनों लड़के 9.02 बजे AMU कैंपस से बाहर निकल गए हैं। वहीं गुरुवार दोपहर 3 बजे AMU के कब्रिस्तान में दानिश के शव को दफना दिया गया। इस दौरान परिवार के लोग और पुलिस के जवान मौजूद रहे। कत्ल की इस वारदात के बाद AMU कैंपस में सिक्योरिटी बढ़ा दी गई है। पढ़िए रिपोर्ट… हत्यारों ने पूछा- अब तो पहचानोगे न.. फिर शूट किया
पुलिस मान रही है कि कत्ल करने आए लड़के चाहते थे कि टीचर दानिश मरने से पहले उन्हें पहचान लें। यही वजह है कि उन्होंने गोली मारने से पहले पूछा- अब तो पहचानोगे न… मैं कौन हूं। इसके बाद 1-1 करके 5 गोलियां सिर पर मारी। ये पैटर्न बताता है कि उन्हें टीचर से नफरत थी, नहीं चाहते थे कि वो जिंदा बचे। हमले के बाद दानिश बेसुध होकर गिर गए थे, मगर लड़कों ने उसके बाद भी फायरिंग की। दहशत फैलाने के लिए हवा में भी गोलियां चलाईं। लड़कों के कत्ल करने के तरीके को देखने के बाद पुलिस ने सबसे पहले डिजिटल साक्ष्य खंगाले हैं। 1. मोबाइल टावर लोकेशन- कत्ल के वक्त AMU के उस स्पॉट पर कितने मोबाइल एक्टिव थे, इसके लिए टावर लोकेशन ली जा रही है। 2. CCTV- AMU कैंपस में लगे CCTV देखे जा रहे हैं, ताकि लड़कों का क्लियर व्यू मिल सके। 3. कॉल डिटेल- टीचर के मोबाइल की कॉल डिटेल देखी जा रही है। संदिग्ध नंबरों को ट्रेस किया जा रहा है। ताकि कातिल का सुराग लग सके। सिर में 5 गोली, खून ज्यादा बहने से मौत जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर के मुताबिक, सिर में 5 गोलियां लगी है। खून अधिक बहने से उनकी मौत हो गई। पुलिस को मौके पर 5 खोखे मिले हैं। पुलिस AMU कैंपस के अंदर और बाहर की तरफ लगे तकरीबन सभी CCTV तक पहुंची है। 1150 एकड़ में फैले इस कैंपस के बाहर जाती हुई स्कूटी नहीं दिखी है, इसलिए पुलिस कातिल को कैंपस से जुड़ा हुआ ही मान रही है। दानिश के कत्ल के वक्त वहां मौजूद इमरान और गोलू ने पुलिस को क्या बताया… दोस्त 1. इमरान बोले- वो फायरिंग कर रहे थे, सब छिपे हुए थे
दानिश के कत्ल के वक्त उनके दोस्त इमरान और गोलू चंद कदम की दूरी पर मौजूद थे। पुलिस ने वारदात के वक्त क्या हुआ, ये उनसे जानने का प्रयास किया। इमरान ने बताया- हम लोग कैंपस में टहल रहे थे। धीरे-धीरे कैंटीन की तरफ बढ़ रहे थे। मैं और गोलू करीब 20 कदम आगे निकल गए थे। दानिश पीछे आ रहे थे। तभी हमें एक धमाके की आवाज सुनाई दी। चौंक करके हमने पीछे देखा, एक स्कूटी पर 2 लड़के भाग रहे थे, अब हमारी नजर दानिश की तरफ गई, वो जमीन पर गिर चुके थे। शरीर में हरकत कम हो रही थी। आसपास और लोग जो मौजूद थे, वो दौड़ते हुए दानिश के करीब पहुंचना चाहते थे, मगर फायरिंग का खतरा बना हुआ था, इसलिए सब लोग दीवार या झाड़ियों की आड़ में छिप गए थे। इस बीच दोनों बदमाश भाग निकले। दोस्त 2. गोलू बोले- पिस्टल तानकर धमकाया…पीछे हट
गोलू ने बताया- हम लोग धमाके की आवाज पर चौंक गए थे। ये लगा कि गोली चली है, मगर कहां और किसे लगी, ये तब समझ आया जब पीछे मुड़कर देखा। वो 2 लोग थे, स्कूटी पर बैठकर आए थे। दानिश के जमीन पर गिरने के बाद भी वो लोग गोलियां चलाए जा रहे थे, इसलिए वहां जो लोग भी मौजूद थे, वो डर गए थे। सब इधर–उधर भाग गए। हम लोग उन बदमाशों की तरफ आगे बढ़े, तो एक बदमाश ने पिस्टल हमारी तरफ तानकर धमकाया…पीछे हट। हम लोग घबरा गए थे। फिर वो लोग हवा में गोलियां चलाते हुए भाग निकले। अलीगढ़ के सिविल लाइन इलाके के अमीर निशा में टीचर दानिश का परिवार रहता है। पोस्टमॉर्टम के बाद बॉडी को यही पर लाया गया। AMU से जुड़े लोग और रिश्तेदार यहां परिवार को सहारा देने के लिए पहुंच रहे थे। हर किसी के बीच यही चर्चा थी कि आखिर टीचर को इतनी बेरहमी से मारा क्यों गया? घर के अंदर बुजुर्ग मां और पिता रो रहे थे, रिश्तेदार उन्हें संभाल रहे थे। दोपहर में करीब 2 बजे परिजन पैदल-पैदल शव लेकर AMU के कब्रिस्तान पहुंचे। उस वक्त तक सैकडों लोग इकट्‌ठा हो चुके थे। करीब 20 मिनट में सब कब्रिस्तान पहुंच गए। जब दानिश को दफन किया जाने लगा, तो छोटे भाई राव फराज अली और उनके पिता फफक पड़े, साथ खड़े लोगों ने उन्हें ढांढस बंधाया। दोपहर करीब 3 बजे दानिश के शव को दफन करने के बाद सब घर वापस आ गए। परिवार से मिलने के लिए एएमयू कुलपति नईमा खातून, बिल्डर इलियास चौधरी, खुसरो खान, बसपा नेता सलमान शाहिद, सपा नेता यासीन गाजी, इरफान सोलंकी, सपा नेता अज्जू इशाक, कांग्रेस नेता माजिन, अन्नू भी पहुंचे थे। अब जानिए कि 24 दिसंबर की रात हत्या कैसे हुई…
स्कूटी से आए बदमाश, पूछकर गोली मारी 24 दिसंबर की रात 8.45 बजे का वक्त था। AMU कैंपस की सड़क पर हल्की रोशनी थी। चारों तरफ सन्नाटा था। खाना खाने के बाद रोज की तरह टहलते हुए एक टीचर राव दानिश अली अपने दोस्तों के साथ कैनेडी हॉल पार्क से निकले। मौलाना आजाद लाइब्रेरी कैंटीन की ओर बढ़ते हुए ट्यूबवेल के पास कुछ सेकेंड के लिए रुके। तभी अचानक स्कूटी की आवाज सुनाई दी। उनके पास आकर एक नकाबपोश ने स्कूटी रोकी। वह दानिश के बिल्कुल सामने आ गया। धमकी भरे लहजे में बोला- ‘अब तो पहचानोगे, मैं कौन हूं।’ इतना कहते हुए बदमाश ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं और भाग निकले। गोली दानिश के सिर में लगी। दोस्तों ने उनके छोटे भाई राव फराज अली को सूचना दी। घटनास्थल के पास ही सुलेमान हॉल में मौजूद फराज अली कुछ ही समय में मौके पर पहुंचे और लहूलुहान भाई को मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। राव दानिश अली एएमयू के एबीके बॉयल स्कूल में कंप्यूटर टीचर थे। दानिश शुक्रवार को सऊदी उमरा के लिए जाने वाले थे। इसके लिए बुकिंग करा ली थी और तैयारियां चल रही थीं। उसके दो दिन पहले उनकी हत्या हो गई। पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश कर रही है। हालांकि, वारदात की वजह का अब तक पता नहीं चल सका है। इस पूरे मामले में SSP नीरज कुमार जादौन कहते हैं- ये मामला एएमयू से जुड़ा हुआ लग रहा है, क्योंकि स्कूटी से कोई बाहरी हत्या करने नहीं आएगा। अब एएमयू से बाहर जाने का एक फुटेज मिला है, लगभग 9:02 मिनट पर हत्यारे बाबे सैयद गेट से बाहर निकले हैं। …………
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