STF का फरार सिपाही आलोक सिंह आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। STF ने मंगलवार को उसे लखनऊ से गिरफ्तार किया। एक दिन पहले ही लुकआउट नोटिस जारी किया गया था। आलोक कोडीनयुक्त नशीले कफ सिरप मामले में फरार था। पूर्वांचल के बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह के साथ उसकी कई तस्वीरें हैं। पूछताछ में उसने STF को बताया है कि सरेंडर करने जा रहा था। इसके लिए लखनऊ कोर्ट में आत्मसमर्पण के लिए अर्जी भी दाखिल की थी। सूत्रों के मुताबिक, इससे पहले ही एसटीएफ ने तकनीकी निगरानी और पुख्ता इनपुट के आधार पर उसे दबोच लिया। लुकआउट सर्कुलर के बाद दबोचा गया नशीले कफ सिरप की तस्करी में कई गिरफ्तारियां होने के बाद आरोपी सिपाही आलोक सिंह विदेश भागने की फिराक में था। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ सक्रिय थी। सोमवार को ही उसका लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। उसके ठिकानों पर लगातार दबिश दी जा रही थी। मंगलवार को कोर्ट में समर्पण के लिए जाते समय वह एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। 2006 में 4 किलो सोना लूटने में आया था नाम साल 2006 में प्रयागराज के कारोबारी से लखनऊ में 4 किलो सोना लूट में 5 पुलिसकर्मी समेत 7 लोग आरोपी बनाए गए थे। उस बहुचर्चित मामले में सत्र अदालत ने पांच पुलिसकर्मियों समेत सातों आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया था। दरोगा संतोष सिंह, बृजनाथ यादव और तत्कालीन लखनऊ क्राइम ब्रांच के सिपाही सुशील पचौरी, आलोक सिंह और संतोष तिवारी के साथ-साथ नीरज गुप्ता और सुभाष भी इस केस में आरोपी थे। पुलिस ने शुरुआती दौर में तीन किलो सोना बरामद करने का दावा किया था। गाजियाबाद और लखनऊ एफआईआर में नामजद बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गाजियाबाद में दर्ज एफआईआर में पहले से नामजद था। इसके अलावा लखनऊ में दर्ज कफ सिरप तस्करी के मामले की विवेचना में भी उसका नाम बढ़ाया गया था। जांच में सामने आया था कि सिंडीकेट को संचालन और संरक्षण देने में उसकी भूमिका संदिग्ध रही है। एसटीएफ का दावा है कि आलोक सिंह के खिलाफ जांच के दौरान कई ठोस सबूत मिले हैं। दुबई कनेक्शन, सफेदपोशों की भूमिका संभव जांच एजेंसियों को उम्मीद है कि आलोक सिंह से पूछताछ में दुबई कनेक्शन और नेटवर्क को शह देने वाले लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। उससे जुड़े रियल एस्टेट कारोबार, फर्जी फर्मों और स्लीपर सेल जैसी संरचना की भी जांच की जाएगी। खासतौर पर उन सफेदपोशों और प्रभावशाली लोगों की भूमिका पर फोकस है, जिनके संरक्षण में यह सिंडीकेट फल-फूल रहा था। ईडी और एसटीएफ की संयुक्त पूछताछ की तैयारी आलोक सिंह की गिरफ्तारी के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और यूपी एसटीएफ की संयुक्त पूछताछ की तैयारी है। ईडी को शक है कि करीब 100 करोड़ से अधिक के इस अवैध कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग के पुख्ता साक्ष्य मिल सकते हैं। उसकी बैंकिंग ट्रांजैक्शन, विदेश यात्रा और संपर्कों का ब्योरा खंगाला जाएगा। खबर लगातार अपडेट की जा रही है…