15 अप्रैल, 2023…प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल परिसर में पुलिस कस्टडी के बीच माफिया अतीक अहमद और अशरफ की हत्या कर दी गई। तीनों हमलावर मीडियाकर्मी बनकर आए थे। आरोपी सनी सिंह, लवलेश तिवारी और अरुण मौर्य अलग-अलग जिले के रहने वाले हैं। उनके परिवार वालों ने जेल से छुड़ाने के लिए अपनी तरफ से वकील तक नहीं किया। कहते हैं, इन लोगों ने जो कुछ किया इसके जिम्मेदार ये खुद हैं। हमें इनसे कोई मतलब नहीं। उधर, शायद डर की वजह से भी आरोपी जेल से बाहर नहीं आना चाहते। अतीक अहमद की हत्या हुए 2 साल बीत गए। आज की रिपोर्ट में हम यह जानेंगे कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई कहां पहुंची? दोनों पक्षों के वकील का क्या दावा है? किसी के परिवार ने वकील नहीं किया
तीनों आरोपी पिछले 2 साल से जेल में हैं। पहले नैनी जेल में थे, इसके बाद इन्हें प्रतापगढ़ की जेल में रखा गया। पिछले कुछ महीने से 2 आरोपी लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या चित्रकूट जेल में हैं, जबकि सनी सिंह आगरा की जेल में बंद है। तीनों परिवारों ने केस लड़ने के लिए कोई वकील नहीं किया है। इन लड़कों ने भी जमानत पर बाहर निकलने की कोई इच्छा नहीं जताई। परिवार के लोग इनसे मिलने जेल में जाते हैं, लेकिन वह इसके बारे में बात नहीं करते। सरकार ने इनका पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील दिया है। आरोपी के वकील बोले- सनी सिंह ने गोली नहीं मारी
अतीक हत्याकांड का मामला प्रयागराज की जिला कचहरी में चल रहा है। कोर्ट में आरोपी सनी सिंह का पक्ष रखने के लिए सरकार ने रत्नेश कुमार शुक्ला को वकील नियुक्त किया है। हमने उनसे केस की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा। रत्नेश कहते हैं- इस मामले में कुल 70 गवाह हैं। वादी इंस्पेक्टर राजेश मौर्या का बयान हो चुका है। मेरी जिरह चल रही है। मैं मुल्जिम पक्ष का वकील हूं, इसलिए उनका पक्ष रखूंगा। आरोप है कि मेरे मुवक्किल ने 8 सेकेंड में 9 राउंड फायरिंग कीं। जबकि मेरे मुवक्किल ने गोली चलाने से इनकार किया है। उसने बताया कि उसके पास से कोई सामान भी बरामद नहीं हुआ। प्रशासन ने जानबूझकर अतीक-अशरफ का मर्डर करवाया। मेरा मुवक्किल बेकसूर है, वह बाइज्जत बरी होगा। हमने पूछा कि तीनों ने हत्या करने के बाद हाथ ऊपर किया और सरेंडर कर दिया? रत्नेश कहते हैं- हमारे आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया, बल्कि प्रशासन ने उन्हें पकड़ा है। उस भीड़ में सैकड़ों पत्रकार और पुलिसवाले थे। सिर्फ उन 3 निर्दोष लड़कों को पकड़ा गया। हमने केस की मौजूदा स्थिति को लेकर पूछा तो वह कहते हैं, चार्जशीट बन चुकी है। गवाही चल रही है। इसमें 70 गवाह हैं। पहले गवाह एफआईआर दर्ज करवाने वाले इंस्पेक्टर राजेश मौर्या हैं। उन्हीं की कस्टडी में यह हत्याएं हुईं। बाकी मामला बहुत हाईलाइट है, इसलिए सूझबूझ के साथ काम हो रहा है। हमने रत्नेश से पूछा कि क्या आप आरोपियों से मिले हैं? वह कहते हैं- न हम आरोपियों से और न ही उनके परिवार से मिले हैं। न ही हमें इस केस की पत्रावली उपलब्ध करवाई गई है। कहते हैं कि सीक्रेट फाइल है। इसलिए मेरा विवेक जो कुछ कहता है, हम कोर्ट में वह करते हैं। मैंने केस की पत्रावली के लिए एप्लिकेशन दी, तो उनका जवाब आया कि पार्टी को दिया गया है। मैंने पार्टी से मिलने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, तो उसे निरस्त कर दिया गया। मुझे नहीं लगता कि इसमें सही कार्रवाई हो रही है। ‘हत्या के पीछे पुलिस का कोई रोल नहीं’
हम इस मामले में सरकार और प्रशासन का पक्ष रख रहे सरकारी वकील मृत्युंजय त्रिपाठी से मिले। केस का स्टेटस पूछा। वह कहते हैं- पूरा मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। मृत्युंजय त्रिपाठी का कहना है कि इंस्पेक्टर राजेश मौर्या की जिरह होना बाकी है। बचाव पक्ष के लिए जिरह जारी है। हम राजेश की तरफ से पक्ष रख रहे हैं। उन्हीं की कस्टडी में दोनों लोगों की हत्या हुई है। वह घटना के साक्षी हैं। उन्होंने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। अब पढ़िए पूरा घटनाक्रम 18 सेकेंड में 9 राउंड फायरिंग और दो मौत
15 अप्रैल, 2023 को रात 10 बजकर 36 मिनट पर पुलिस की गाड़ी अतीक अहमद और अशरफ को लेकर कॉल्विन हॉस्पिटल पहुंची। यहां दोनों का मेडिकल होना था। मीडिया के लोग अतीक-अशरफ से बात करने के लिए मौके पर मौजूद थे। मीडियाकर्मी ने सवाल पूछा कि आप बेटे असद अहमद के जनाजे में क्यों नहीं गए? अतीक अहमद कहता है, नहीं ले गए तो नहीं ले गए। इसके बाद मीडिया ने गुड्डू मुस्लिम को लेकर सवाल किया। अशरफ ने कहा- मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…इतना बोलते ही मीडियाकर्मी के रूप में मौजूद तीनों शूटर ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, 18 राउंड फायरिंग हुई। अतीक और अशरफ मौके पर ही गिर पड़े। अशरफ की तुरंत ही मौत हो गई, अतीक कुछ मिनट तक तड़पता रहा। फिर उसकी भी सांस थम गई। 8 गोलियां अतीक को लगी थीं। तीनों शूटरों में सबसे कम उम्र के शूटर अरुण मौर्य की पिस्टल से दो फायर ही हुए थे, इसके बाद पिस्टल फंस गई थी। तीनों शूटरों ने पिस्टल की पूरी गोलियां खत्म करने के बाद उसे नीचे फेंका और हाथ ऊपर करके धार्मिक नारे लगाने लगे। पुलिस ने दौड़कर तीनों को पकड़ लिया। प्रयागराज में दो हाई प्रोफाइल मर्डर से प्रशासन हैरान रह गया। शुरुआत में खबर आई कि जो भी सुरक्षा में तैनात हैं, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन, अगले दिन खबर मिली कि किसी को भी सस्पेंड नहीं किया गया। पुलिस ने जांच शुरू की। 90 दिन में 2056 पेज की चार्जशीट दाखिल की। इसमें 2 हजार पेज ऐसे थे जिसमें पुलिस केस डायरी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान की जानकारी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड में किसी बड़ी साजिश या सुपारी किलिंग से इनकार किया। बताया, कोई ऐसा मास्टरमाइंड भी नहीं है, जिसके इशारे पर यह मर्डर हुआ हो। हत्या करने वाले मामूली परिवार से
इस हत्या को अंजाम देने वाले 3 लड़के अलग-अलग जिले से हैं। पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते थे। इन तीनों ने हत्याकांड में तुर्की की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया। यह पिस्टल भारत में प्रतिबंधित है। इसकी कीमत 6 से 7 लाख रुपए के बीच है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सनी सिंह को अतीक हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया। सनी का घर हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे में है। सनी के पिता की मौत हो चुकी है। तीन भाई थे, एक भाई की भी मौत हो चुकी है। मां सब कुछ छोड़कर अपने मायके में रहने लगी है। 16 साल की उम्र में ही सनी अपराध की दुनिया में दाखिल हो गया। उसके खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हैं। वह कुरारा थाने का हिस्ट्रीशीटर नंबर- 281 है। इस हत्याकांड का दूसरा आरोपी लवलेश तिवारी है। लवलेश बांदा जिले के क्योटरा इलाके का रहने वाला है। लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी किराए का कमरा लेकर स्कूल चलाते हैं। कुल 4 बेटे हैं। बड़ा लड़का रोहित साधु बनकर चला गया। दूसरा मोहित शादी के बाद परिवार से अलग हो गया। तीसरा लवलेश है। चौथा वेद तिवारी है, जो नोएडा की एक कंपनी में काम करता है। पिता यज्ञ तिवारी बेटे से संबंध तोड़ चुके हैं। लवलेश पर पहले से 4 मुकदमे हैं। 2020 में इसने बीजेपी नेता की बेटी को थप्पड़ मार दिया था। पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई हुई थी। यह नशे का आदी है। पहले बजरंग दल में भी रहा था। इस हत्याकांड में तीसरा आरोपी कासगंज जिले के कादरवाड़ी गांव का अरुण मौर्य है। अरुण की उम्र 19 साल है। कादरवाड़ी गांव में अरुण का दो कमरों का घर है। उसके पिता दीपक मौर्य गांव में गोलगप्पे बेचने का काम करते हैं। शुरुआत में पानीपत में थे, वहीं अरुण अपने दादा और चाचा के साथ रहता था। 11 अप्रैल, 2023 को दिल्ली में शादी है बोलकर निकला था। फिर 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली चलाता हुआ नजर आया था। दीपक अपने बेटे के किए को लेकर कहते हैं कि उसने जो किया उसका जिम्मेदार वह है। हमसे कोई मतलब नहीं। अरुण पर पहले से दो केस दर्ज हैं। वह बड़ा डॉन बनना चाहता था। पार्ट- 4 में पढ़िए किस हाल में है अतीक का गैंग। ————— ये खबर भी पढ़ें… अतीक ने 3 हजार करोड़ का साम्राज्य बनाया…सब तबाह, प्रयागराज में पुश्तैनी घर तक नहीं बचा, माफिया बनने से खौफनाक अंत तक की कहानी अतीक अहमद गरीब परिवार में पैदा हुआ। पिता तांगा चलाते थे। 3 कमरों का घर था। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि सभी बच्चों की जरूरत पूरी कर पाएं। 27 साल की उम्र में अतीक निर्दलीय विधायक बन गया। इसके बाद तो मानों उसके हाथ अलादीन का चिराग लग गया हो। खूब संपत्तियां बनाई। आसपास प्राइम लोकेशन पर खाली जमीनों को अपने नाम करवा लिया। किसी को पैसा दिया तो किसी को धौंस दिखाकर शांत करवा दिया। पढ़ें पूरी खबर
तीनों आरोपी पिछले 2 साल से जेल में हैं। पहले नैनी जेल में थे, इसके बाद इन्हें प्रतापगढ़ की जेल में रखा गया। पिछले कुछ महीने से 2 आरोपी लवलेश तिवारी और अरुण मौर्या चित्रकूट जेल में हैं, जबकि सनी सिंह आगरा की जेल में बंद है। तीनों परिवारों ने केस लड़ने के लिए कोई वकील नहीं किया है। इन लड़कों ने भी जमानत पर बाहर निकलने की कोई इच्छा नहीं जताई। परिवार के लोग इनसे मिलने जेल में जाते हैं, लेकिन वह इसके बारे में बात नहीं करते। सरकार ने इनका पक्ष रखने के लिए सरकारी वकील दिया है। आरोपी के वकील बोले- सनी सिंह ने गोली नहीं मारी
अतीक हत्याकांड का मामला प्रयागराज की जिला कचहरी में चल रहा है। कोर्ट में आरोपी सनी सिंह का पक्ष रखने के लिए सरकार ने रत्नेश कुमार शुक्ला को वकील नियुक्त किया है। हमने उनसे केस की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा। रत्नेश कहते हैं- इस मामले में कुल 70 गवाह हैं। वादी इंस्पेक्टर राजेश मौर्या का बयान हो चुका है। मेरी जिरह चल रही है। मैं मुल्जिम पक्ष का वकील हूं, इसलिए उनका पक्ष रखूंगा। आरोप है कि मेरे मुवक्किल ने 8 सेकेंड में 9 राउंड फायरिंग कीं। जबकि मेरे मुवक्किल ने गोली चलाने से इनकार किया है। उसने बताया कि उसके पास से कोई सामान भी बरामद नहीं हुआ। प्रशासन ने जानबूझकर अतीक-अशरफ का मर्डर करवाया। मेरा मुवक्किल बेकसूर है, वह बाइज्जत बरी होगा। हमने पूछा कि तीनों ने हत्या करने के बाद हाथ ऊपर किया और सरेंडर कर दिया? रत्नेश कहते हैं- हमारे आरोपियों ने सरेंडर नहीं किया, बल्कि प्रशासन ने उन्हें पकड़ा है। उस भीड़ में सैकड़ों पत्रकार और पुलिसवाले थे। सिर्फ उन 3 निर्दोष लड़कों को पकड़ा गया। हमने केस की मौजूदा स्थिति को लेकर पूछा तो वह कहते हैं, चार्जशीट बन चुकी है। गवाही चल रही है। इसमें 70 गवाह हैं। पहले गवाह एफआईआर दर्ज करवाने वाले इंस्पेक्टर राजेश मौर्या हैं। उन्हीं की कस्टडी में यह हत्याएं हुईं। बाकी मामला बहुत हाईलाइट है, इसलिए सूझबूझ के साथ काम हो रहा है। हमने रत्नेश से पूछा कि क्या आप आरोपियों से मिले हैं? वह कहते हैं- न हम आरोपियों से और न ही उनके परिवार से मिले हैं। न ही हमें इस केस की पत्रावली उपलब्ध करवाई गई है। कहते हैं कि सीक्रेट फाइल है। इसलिए मेरा विवेक जो कुछ कहता है, हम कोर्ट में वह करते हैं। मैंने केस की पत्रावली के लिए एप्लिकेशन दी, तो उनका जवाब आया कि पार्टी को दिया गया है। मैंने पार्टी से मिलने के लिए प्रार्थना पत्र दिया, तो उसे निरस्त कर दिया गया। मुझे नहीं लगता कि इसमें सही कार्रवाई हो रही है। ‘हत्या के पीछे पुलिस का कोई रोल नहीं’
हम इस मामले में सरकार और प्रशासन का पक्ष रख रहे सरकारी वकील मृत्युंजय त्रिपाठी से मिले। केस का स्टेटस पूछा। वह कहते हैं- पूरा मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रहा है। मृत्युंजय त्रिपाठी का कहना है कि इंस्पेक्टर राजेश मौर्या की जिरह होना बाकी है। बचाव पक्ष के लिए जिरह जारी है। हम राजेश की तरफ से पक्ष रख रहे हैं। उन्हीं की कस्टडी में दोनों लोगों की हत्या हुई है। वह घटना के साक्षी हैं। उन्होंने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज करवाई है। अब पढ़िए पूरा घटनाक्रम 18 सेकेंड में 9 राउंड फायरिंग और दो मौत
15 अप्रैल, 2023 को रात 10 बजकर 36 मिनट पर पुलिस की गाड़ी अतीक अहमद और अशरफ को लेकर कॉल्विन हॉस्पिटल पहुंची। यहां दोनों का मेडिकल होना था। मीडिया के लोग अतीक-अशरफ से बात करने के लिए मौके पर मौजूद थे। मीडियाकर्मी ने सवाल पूछा कि आप बेटे असद अहमद के जनाजे में क्यों नहीं गए? अतीक अहमद कहता है, नहीं ले गए तो नहीं ले गए। इसके बाद मीडिया ने गुड्डू मुस्लिम को लेकर सवाल किया। अशरफ ने कहा- मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम…इतना बोलते ही मीडियाकर्मी के रूप में मौजूद तीनों शूटर ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की चार्जशीट के मुताबिक, 18 राउंड फायरिंग हुई। अतीक और अशरफ मौके पर ही गिर पड़े। अशरफ की तुरंत ही मौत हो गई, अतीक कुछ मिनट तक तड़पता रहा। फिर उसकी भी सांस थम गई। 8 गोलियां अतीक को लगी थीं। तीनों शूटरों में सबसे कम उम्र के शूटर अरुण मौर्य की पिस्टल से दो फायर ही हुए थे, इसके बाद पिस्टल फंस गई थी। तीनों शूटरों ने पिस्टल की पूरी गोलियां खत्म करने के बाद उसे नीचे फेंका और हाथ ऊपर करके धार्मिक नारे लगाने लगे। पुलिस ने दौड़कर तीनों को पकड़ लिया। प्रयागराज में दो हाई प्रोफाइल मर्डर से प्रशासन हैरान रह गया। शुरुआत में खबर आई कि जो भी सुरक्षा में तैनात हैं, उन्हें सस्पेंड कर दिया गया है। लेकिन, अगले दिन खबर मिली कि किसी को भी सस्पेंड नहीं किया गया। पुलिस ने जांच शुरू की। 90 दिन में 2056 पेज की चार्जशीट दाखिल की। इसमें 2 हजार पेज ऐसे थे जिसमें पुलिस केस डायरी, पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट, सीसीटीवी फुटेज और गवाहों के बयान की जानकारी थी। पुलिस ने इस हत्याकांड में किसी बड़ी साजिश या सुपारी किलिंग से इनकार किया। बताया, कोई ऐसा मास्टरमाइंड भी नहीं है, जिसके इशारे पर यह मर्डर हुआ हो। हत्या करने वाले मामूली परिवार से
इस हत्या को अंजाम देने वाले 3 लड़के अलग-अलग जिले से हैं। पहले से एक-दूसरे को नहीं जानते थे। इन तीनों ने हत्याकांड में तुर्की की जिगाना पिस्टल का इस्तेमाल किया। यह पिस्टल भारत में प्रतिबंधित है। इसकी कीमत 6 से 7 लाख रुपए के बीच है। पुलिस ने अपनी चार्जशीट में सनी सिंह को अतीक हत्याकांड का मास्टरमाइंड बताया। सनी का घर हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे में है। सनी के पिता की मौत हो चुकी है। तीन भाई थे, एक भाई की भी मौत हो चुकी है। मां सब कुछ छोड़कर अपने मायके में रहने लगी है। 16 साल की उम्र में ही सनी अपराध की दुनिया में दाखिल हो गया। उसके खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हैं। वह कुरारा थाने का हिस्ट्रीशीटर नंबर- 281 है। इस हत्याकांड का दूसरा आरोपी लवलेश तिवारी है। लवलेश बांदा जिले के क्योटरा इलाके का रहने वाला है। लवलेश के पिता यज्ञ तिवारी किराए का कमरा लेकर स्कूल चलाते हैं। कुल 4 बेटे हैं। बड़ा लड़का रोहित साधु बनकर चला गया। दूसरा मोहित शादी के बाद परिवार से अलग हो गया। तीसरा लवलेश है। चौथा वेद तिवारी है, जो नोएडा की एक कंपनी में काम करता है। पिता यज्ञ तिवारी बेटे से संबंध तोड़ चुके हैं। लवलेश पर पहले से 4 मुकदमे हैं। 2020 में इसने बीजेपी नेता की बेटी को थप्पड़ मार दिया था। पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई हुई थी। यह नशे का आदी है। पहले बजरंग दल में भी रहा था। इस हत्याकांड में तीसरा आरोपी कासगंज जिले के कादरवाड़ी गांव का अरुण मौर्य है। अरुण की उम्र 19 साल है। कादरवाड़ी गांव में अरुण का दो कमरों का घर है। उसके पिता दीपक मौर्य गांव में गोलगप्पे बेचने का काम करते हैं। शुरुआत में पानीपत में थे, वहीं अरुण अपने दादा और चाचा के साथ रहता था। 11 अप्रैल, 2023 को दिल्ली में शादी है बोलकर निकला था। फिर 15 अप्रैल को प्रयागराज में गोली चलाता हुआ नजर आया था। दीपक अपने बेटे के किए को लेकर कहते हैं कि उसने जो किया उसका जिम्मेदार वह है। हमसे कोई मतलब नहीं। अरुण पर पहले से दो केस दर्ज हैं। वह बड़ा डॉन बनना चाहता था। पार्ट- 4 में पढ़िए किस हाल में है अतीक का गैंग। ————— ये खबर भी पढ़ें… अतीक ने 3 हजार करोड़ का साम्राज्य बनाया…सब तबाह, प्रयागराज में पुश्तैनी घर तक नहीं बचा, माफिया बनने से खौफनाक अंत तक की कहानी अतीक अहमद गरीब परिवार में पैदा हुआ। पिता तांगा चलाते थे। 3 कमरों का घर था। परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि सभी बच्चों की जरूरत पूरी कर पाएं। 27 साल की उम्र में अतीक निर्दलीय विधायक बन गया। इसके बाद तो मानों उसके हाथ अलादीन का चिराग लग गया हो। खूब संपत्तियां बनाई। आसपास प्राइम लोकेशन पर खाली जमीनों को अपने नाम करवा लिया। किसी को पैसा दिया तो किसी को धौंस दिखाकर शांत करवा दिया। पढ़ें पूरी खबर