ओखला और हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने की वजह से यमुना नदी उफान पर है। इसका असर यूपी के 3 शहरों पर नजर आ रहा है। पहला- मथुरा में नदी की धारा से सटे 5 गांव में पानी पहुंच गया। दूसरा- नोएडा के सेक्टर-168 में करीब 100 से ज्यादा झुग्गियां डूब गईं हैं। तीसरा- आगरा में ताजमहल के करीब पानी पहुंच गया है, यहां घाट डूबे हुए हैं। दरअसल, मंगलवार को हथिनीकुंड बैराज से 39045 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। वहीं, ओखला बैराज से 89223 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। इसकी वजह से यमुना का वाटर लेवल अचानक बढ़ गया। मथुरा में यमुना नदी कटान के बाद अपना मूल रास्ता छोड़कर 2Km दूर बह रही हैं। यमुना एक्सप्रेस-वे तक जाने वाली शेरगढ़ रोड 3 स्पॉट पर डूब चुकी है। यहां लोग ट्रैक्टर और बुग्गी पर अपनी बाइक और कार लादकर ले जाते हुए दिखे। जयसिंहपुरा और यमुना खादर में रहने वाले 200 से ज्यादा परिवार सुरक्षित जगह शिफ्ट हो गए हैं। स्कूलों में भी छुट्टियां कर दी गई हैं।राधा रानी मंदिर बाढ़ के पानी से घिर गया है। वहीं, नोएडा के 5 गांव में बाढ़ का पानी पहुंच गया है। नदी के खादर इलाके में 100 झुग्गियां डूब गई हैं। सुरक्षित जगह शिफ्ट हुए लोगों ने कहा- घरों में रखी खाने-पीने की चीजें बह गईं हैं। हमें प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं मिल रही है। आगरा का हाल भी बुरा है, यहां तो यमुना का पानी ताजमहल तक पहुंच गया है। 40 गांवों में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बाढ़ से हालात कितने बिगड़े हैं, ये जानने के लिए दैनिक भास्कर टीम ग्राउंड जीरो पर उतरी। पढ़िए रिपोर्ट… डूब चुकी शेरगढ़ रोड के हालात बाइक, कार को ट्रैक्टर पर रखकर ले जा रहे लोग
पिछले 2 दिन में वृंदावन, नोहझील, मांट, शेरगढ़ और मथुरा के कई इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। मथुरा के 5 गांव यमुना के पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 10 और गांव तक बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका बनी हुई है। जयसिंहपुरा और यमुना खादर में रहने वाले 200 से ज्यादा परिवार इन गांवों को छोड़कर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट हो चुके हैं। शेरगढ़ रोड पर पानी दो से ढाई फीट भरा हुआ है। बहाव तेज होने की वजह से बाइक और कार को लोग ट्रैक्टर और बुग्गी पर रखकर लेकर जाते दिखे। ट्रैक्टर और बुग्गी चला रहे लोगों ने बताया कि इसके बदले वह सिर्फ 50 रुपए लेते हैं। मगर बुधवार शाम तक इस रूट को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया। क्योंकि यहां हादसा होने का खतरा बना हुआ था। मथुरा के गांव के हाल जानिए…. नाव की मदद नहीं, घर छोड़ गए लोग
एक्सप्रेस-वे की तरफ जाने वाली रोड के हालात समझने के बाद हमारी टीम नौहझील की तरफ छिनपारई गांव पर पहुंची। मगर ज्यादा आगे हमारी बाइक नहीं जा सकी, क्योंकि लिंक रोड पर पानी भरा हुआ था। जो घर दिख रहे थे, वो पूरी तरह से खाली थे, शायद लोग इन मकानों को छोड़कर जा चुके थे। वहीं, सड़क किनारे बने परिषदीय प्राथमिक स्कूल में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ था। 4 फीट तक भरे पानी की वजह से स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की छुट्टियां कर दी गई। गांव के व्यक्ति रामेश्वर से हमने पूछा कि क्या यहां नाव चलाई जा रही है? उन्होंने कहा- नहीं, अभी नाव नहीं चलाई जा रही है। कुछ गांव के लोगों के पास अपनी खुद की नाव थीं, उनसे लोगों की मदद की जा रही है। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की तो छुट्टियां कर दी गई। लेकिन यहां पढ़ाने वाले टीचर और स्टाफ को स्कूल आना पड़ रहा है। स्कूल के प्रधानाचार्य विनायक यादव ने बताया कि पानी बढ़ रहा है, यहां रखे डॉक्यूमेंट खराब न हो, इसके लिए मुझे आना पड़ रहा है। राधा रानी मंदिर बाढ़ के पानी से घिरा
नौहझील इलाके में स्थिति देखने के बाद हम मांट-वृंदावन रोड पर स्थित मानसरोवर राधारानी मंदिर पहुंचे। इस मंदिर तक पहुंचने वाला पूरा रास्ता बाढ़ के पानी से डूबा हुआ था। इससे आगे बढ़े तो राधारानी मंदिर भी चारों तरफ से पानी से घिरा नजर आया। श्रद्धालुओं को इसी पानी के बीच से मंदिर तक जाना पड़ रहा था। देवरहा बाबा घाट पर जाने वाले रास्ते भी डूबे
यमुना में आई बाढ़ का असर कुंभ मेला क्षेत्र में भी देखने को मिला। यहां 90% कुंभ मेला क्षेत्र पानी में डूब चुका है। देवरहा बाबा घाट तक जाने वाला रास्ता भी अब पानी में गायब हो चुका है। लोगों को बैरियर लगाकर उस तरफ जाने से रोका जा रहा है। वहां मौजूद एक भक्त ने बताया कि यहां 2 साल पहले भी पानी पहुंचा था। अगर बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा गया, तो फिर दिक्कत बढ़ जाएगी। क्योंकि फसलें पहले ही डूबी हुई हैं। लोगों का बहुत नुकसान हो गया है। अब नोएडा के हाल… 100 से अधिक झुग्गियां डूबीं, लोगों ने पलायन किया
नोएडा के डूब क्षेत्र में दो दिनों से बाढ़ का पानी बढ़ गया है। यहां रहने वाले लोग अब पलायन करने को मजबूर हैं। सेक्टर-168 की तरफ करीब 100 से ज्यादा झुग्गियों के लोग अब शिफ्ट होकर दूसरी जगह चले गए हैं। नोएडा में मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर के अलावा झट्टा गांव में पानी भरा है। पीड़ितों ने कहा- अभी तक यहां पर राहत सामग्री नहीं पहुंची है। जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की जा रही है। 2 दिन पहले अचानक से रात में करीब 1 से 2 बजे के बीच पानी आया। इतना समय नहीं मिला कि घर के अंदर से सामान बाहर निकाल सके। वहीं, ग्रेटर नोएडा के लतीफपुर गांव के खादर क्षेत्र में करीब 1000 बीघा में फसलें डूब गई हैं। किसान सुरेश कुमार ने बताया कि धान, ज्वार और बाजरे की फसलें लगाई गई थीं। कुछ किसान पानी आने से पहले ज्वार और बाजरे की फसल काट कर पशुओं के लिए चारा बना पाए। धान की फसल पूरी तरह से डूब गई है। 2 तस्वीरें देखिए… आगरा में बाढ़ के हाल ताजमहल तक पहुंचा यमुना का पानी, श्मशान घाट डूबा
यमुना नदी का पानी ताजमहल की बाउंड्री तक पहुंच गया। ताजमहल के पीछे दशहरा घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। ताजमहल के ठीक पीछे टीले तक पानी पहुंच गया है। इसकी वजह से CISF को अपनी चौकी शिफ्ट करनी पड़ी है। दशहरा घाट पर लोगों को नदी की तरफ जाने से रोकने के लिए रस्सी बांधी गई है। बल्केश्वर का पार्वती घाट भी डूब गया है। यहां स्थित काली भैरो मंदिर का प्लेटफार्म अब दिखना बंद हो गया है। मंदिर की रेलिंग भी आधी से ज्यादा डूब चुकी है। यहां पूजा रोक दी गई है। हाथी घाट की सीढ़ियां भी डूब चुकी हैं। कैलाश मंदिर घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। यहां लोगों को घाट पर जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गई हैं। गांवों के खेतों में पानी भरा, फसलें डूबी
नदी में उफान से बटेश्वर, कल्यानपुर, भरतार, भौंर, स्याइच के कछार के खेत डूब गए हैं। विक्रमपुर कछार, बिठौली, गगनकी, सुंसार, चरीथा, बाग गुड़ियाना के तराई के खेतों में बाजरा, तिल की फसलें डूब गई हैं। दरअसल, यमुना का चेतावनी पॉइंट 495 फीट पर हैं, इस वक्त यमुना 495.3 फीट पर है। ………………….. यह पढ़ें : प्रयागराज में बाढ़ से 15 लाख लोग प्रभावित:नाव से कर रहे सफर, 200 गांवों की बिजली गुल; छलांग लगाते दरोगा का नया VIDEO प्रयागराज में गंगा–यमुना उफान पर हैं। बाढ़ का कहर जारी है। गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर गईं हैं। ऐसे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, क्यूआरटी और बाढ़ चौकियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा है। राहत शिविरों में परिवारों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मौजूदा वक्त में करीब शहर और ग्रामीण इलाकों में 15 लाख की आबादी बाढ़ से घिरी है। पढ़िए पूरी खबर…
पिछले 2 दिन में वृंदावन, नोहझील, मांट, शेरगढ़ और मथुरा के कई इलाकों में बाढ़ का पानी पहुंच चुका है। मथुरा के 5 गांव यमुना के पानी में डूबे हुए हैं, जबकि 10 और गांव तक बाढ़ का पानी पहुंचने की आशंका बनी हुई है। जयसिंहपुरा और यमुना खादर में रहने वाले 200 से ज्यादा परिवार इन गांवों को छोड़कर सुरक्षित जगह पर शिफ्ट हो चुके हैं। शेरगढ़ रोड पर पानी दो से ढाई फीट भरा हुआ है। बहाव तेज होने की वजह से बाइक और कार को लोग ट्रैक्टर और बुग्गी पर रखकर लेकर जाते दिखे। ट्रैक्टर और बुग्गी चला रहे लोगों ने बताया कि इसके बदले वह सिर्फ 50 रुपए लेते हैं। मगर बुधवार शाम तक इस रूट को पूरी तरह से ब्लॉक किया गया। क्योंकि यहां हादसा होने का खतरा बना हुआ था। मथुरा के गांव के हाल जानिए…. नाव की मदद नहीं, घर छोड़ गए लोग
एक्सप्रेस-वे की तरफ जाने वाली रोड के हालात समझने के बाद हमारी टीम नौहझील की तरफ छिनपारई गांव पर पहुंची। मगर ज्यादा आगे हमारी बाइक नहीं जा सकी, क्योंकि लिंक रोड पर पानी भरा हुआ था। जो घर दिख रहे थे, वो पूरी तरह से खाली थे, शायद लोग इन मकानों को छोड़कर जा चुके थे। वहीं, सड़क किनारे बने परिषदीय प्राथमिक स्कूल में भी बाढ़ का पानी भरा हुआ था। 4 फीट तक भरे पानी की वजह से स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की छुट्टियां कर दी गई। गांव के व्यक्ति रामेश्वर से हमने पूछा कि क्या यहां नाव चलाई जा रही है? उन्होंने कहा- नहीं, अभी नाव नहीं चलाई जा रही है। कुछ गांव के लोगों के पास अपनी खुद की नाव थीं, उनसे लोगों की मदद की जा रही है। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की तो छुट्टियां कर दी गई। लेकिन यहां पढ़ाने वाले टीचर और स्टाफ को स्कूल आना पड़ रहा है। स्कूल के प्रधानाचार्य विनायक यादव ने बताया कि पानी बढ़ रहा है, यहां रखे डॉक्यूमेंट खराब न हो, इसके लिए मुझे आना पड़ रहा है। राधा रानी मंदिर बाढ़ के पानी से घिरा
नौहझील इलाके में स्थिति देखने के बाद हम मांट-वृंदावन रोड पर स्थित मानसरोवर राधारानी मंदिर पहुंचे। इस मंदिर तक पहुंचने वाला पूरा रास्ता बाढ़ के पानी से डूबा हुआ था। इससे आगे बढ़े तो राधारानी मंदिर भी चारों तरफ से पानी से घिरा नजर आया। श्रद्धालुओं को इसी पानी के बीच से मंदिर तक जाना पड़ रहा था। देवरहा बाबा घाट पर जाने वाले रास्ते भी डूबे
यमुना में आई बाढ़ का असर कुंभ मेला क्षेत्र में भी देखने को मिला। यहां 90% कुंभ मेला क्षेत्र पानी में डूब चुका है। देवरहा बाबा घाट तक जाने वाला रास्ता भी अब पानी में गायब हो चुका है। लोगों को बैरियर लगाकर उस तरफ जाने से रोका जा रहा है। वहां मौजूद एक भक्त ने बताया कि यहां 2 साल पहले भी पानी पहुंचा था। अगर बैराज से ज्यादा पानी छोड़ा गया, तो फिर दिक्कत बढ़ जाएगी। क्योंकि फसलें पहले ही डूबी हुई हैं। लोगों का बहुत नुकसान हो गया है। अब नोएडा के हाल… 100 से अधिक झुग्गियां डूबीं, लोगों ने पलायन किया
नोएडा के डूब क्षेत्र में दो दिनों से बाढ़ का पानी बढ़ गया है। यहां रहने वाले लोग अब पलायन करने को मजबूर हैं। सेक्टर-168 की तरफ करीब 100 से ज्यादा झुग्गियों के लोग अब शिफ्ट होकर दूसरी जगह चले गए हैं। नोएडा में मंगरौली, छपरौली, गुलावली, मोहियापुर के अलावा झट्टा गांव में पानी भरा है। पीड़ितों ने कहा- अभी तक यहां पर राहत सामग्री नहीं पहुंची है। जिला प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं की जा रही है। 2 दिन पहले अचानक से रात में करीब 1 से 2 बजे के बीच पानी आया। इतना समय नहीं मिला कि घर के अंदर से सामान बाहर निकाल सके। वहीं, ग्रेटर नोएडा के लतीफपुर गांव के खादर क्षेत्र में करीब 1000 बीघा में फसलें डूब गई हैं। किसान सुरेश कुमार ने बताया कि धान, ज्वार और बाजरे की फसलें लगाई गई थीं। कुछ किसान पानी आने से पहले ज्वार और बाजरे की फसल काट कर पशुओं के लिए चारा बना पाए। धान की फसल पूरी तरह से डूब गई है। 2 तस्वीरें देखिए… आगरा में बाढ़ के हाल ताजमहल तक पहुंचा यमुना का पानी, श्मशान घाट डूबा
यमुना नदी का पानी ताजमहल की बाउंड्री तक पहुंच गया। ताजमहल के पीछे दशहरा घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। ताजमहल के ठीक पीछे टीले तक पानी पहुंच गया है। इसकी वजह से CISF को अपनी चौकी शिफ्ट करनी पड़ी है। दशहरा घाट पर लोगों को नदी की तरफ जाने से रोकने के लिए रस्सी बांधी गई है। बल्केश्वर का पार्वती घाट भी डूब गया है। यहां स्थित काली भैरो मंदिर का प्लेटफार्म अब दिखना बंद हो गया है। मंदिर की रेलिंग भी आधी से ज्यादा डूब चुकी है। यहां पूजा रोक दी गई है। हाथी घाट की सीढ़ियां भी डूब चुकी हैं। कैलाश मंदिर घाट की सीढ़ियां डूब गई हैं। यहां लोगों को घाट पर जाने से रोकने के लिए बैरिकेडिंग कर दी गई हैं। गांवों के खेतों में पानी भरा, फसलें डूबी
नदी में उफान से बटेश्वर, कल्यानपुर, भरतार, भौंर, स्याइच के कछार के खेत डूब गए हैं। विक्रमपुर कछार, बिठौली, गगनकी, सुंसार, चरीथा, बाग गुड़ियाना के तराई के खेतों में बाजरा, तिल की फसलें डूब गई हैं। दरअसल, यमुना का चेतावनी पॉइंट 495 फीट पर हैं, इस वक्त यमुना 495.3 फीट पर है। ………………….. यह पढ़ें : प्रयागराज में बाढ़ से 15 लाख लोग प्रभावित:नाव से कर रहे सफर, 200 गांवों की बिजली गुल; छलांग लगाते दरोगा का नया VIDEO प्रयागराज में गंगा–यमुना उफान पर हैं। बाढ़ का कहर जारी है। गंगा-यमुना खतरे के निशान को पार कर गईं हैं। ऐसे में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, क्यूआरटी और बाढ़ चौकियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रखा है। राहत शिविरों में परिवारों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। मौजूदा वक्त में करीब शहर और ग्रामीण इलाकों में 15 लाख की आबादी बाढ़ से घिरी है। पढ़िए पूरी खबर…