आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर उन्नाव के पास इंडियन एयरफोर्स अभ्यास करेगी। एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान जगुआर, सुखोई और मिराज उतरेंगे। यहां हर साल लड़ाकू विमान टच एंड गो की प्रैक्टिस करते हैं। यूपी में ऐसे 3 एक्सप्रेस-वे हैं, जहां लड़ाकू विमानों को उतारने की सुविधा है। अब गंगा एक्सप्रेस-वे पर भी ऐसी तैयारी है। देश में सबसे पहले कहां लड़ाकू विमान सड़क पर उतरे? ये क्यों उतारे जाते हैं? भास्कर एक्सप्लेनर में जानिए सब कुछ… सवाल- 1: एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान उतारने की प्रैक्टिस क्यों?
जवाब: दुश्मन के हमले के समय तुरंत जवाबी कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट के साथ ही रोड को भी रनवे के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए ऐसे टेस्ट किए जाते हैं। युद्ध के समय अक्सर दुश्मन देश सैन्य एयरपोर्ट पर हमला करते हैं। इसलिए इस तरह के रोड रनवे का महत्व बढ़ जाता है। युद्ध या आपातकालीन स्थिति में हाईवे पर फाइटर प्लेन उतारने की क्षमता सेना को तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में मदद कर सकती है। किसी देश के पास अगर हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतारने की क्षमता है, तो इसे उसकी सैन्य ताकत के रूप में देखा जाता है। किन सड़कों पर प्लेन उतारा जा सकता है, यह तय करने के लिए किए जाने वाले टेस्ट को रोड रनवे टेस्ट कहते हैं। सवाल- 2: ऐसे एक्सप्रेस-वे कैसे तैयार होते हैं, इनकी खासियत क्या होती है?
जवाब: एयरफोर्स के मुताबिक, एयरबेस के अलावा अगर कहीं और फाइटर प्लेन उतारना हो तो उसके लिए सड़क का वह हिस्सा बिल्कुल सीधा और समतल होना चाहिए। सड़क के नीचे की जमीन धंसने जैसी न हो। उस पर कोई ढलान भी न हो। उसकी मोटाई सड़क के बाकी हिस्सों से ज्यादा हो। सड़क के दोनों ओर बिजली के खंभे, हाईमास्ट या मोबाइल फोन टॉवर नहीं होने चाहिए। सड़क के दोनों ओर इतनी जगह और व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे वहां फाइटर प्लेन को गाइड करने के लिए पोर्टेबल लाइटिंग सिस्टम लगाए जा सकें। सड़क पर डिवाइडर ऐसे हों, जिन्हें तुरंत निकाला जा सके। एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतरने से पहले, अभ्यास और परीक्षण किए जाते हैं। जिससे यह देखा जा सके कि एक्सप्रेस-वे फाइटर प्लेन के लिए उपयुक्त है या नहीं। सवाल- 3: देश का पहला एक्सप्रेस-वे, जिस पर सबसे पहले फाइटर प्लेन उतरा?
जवाब: देश में 10 साल पहले यूपी में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान उतरा था। 15 मई, 2015 को सुबह 6.40 बजे यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिराज-2000 प्लेन उतारा गया। यह पूरा प्लान सीक्रेट रखा गया था। हालांकि ये पहला मौका नहीं था, जब फाइटर प्लेन सड़क पर उतारा गया था। पाकिस्तान से 1971 की जंग के दौरान भी छोटे फाइटर प्लेन जेनेट को कोलकाता की सड़क पर उतारा गया था। भारत रक्षक वेबसाइट के मुताबिक, दूसरे विश्वयुद्ध में कोलकाता के चौरंगी और मैदान के बीच एक हरिकेन फाइटर को उतारा गया था। लेकिन जेनेट हो या हरिकेन, दोनों ही मिराज के मुकाबले बेहद छोटे और हल्के विमान थे। इसलिए इन प्रयोगों की ज्यादा अहमियत नहीं रही। सवाल- 4: यूपी के कितने एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं?
जवाब: यूपी में तीन एक्सप्रेस-वे हैं, जिन पर लड़ाकू विमान उतर सकते हैं। आगरा एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे। हर साल इन पर लड़ाकू विमान टच एंड गो करते हैं। यानी फाइटर प्लेन एक्सप्रेस-वे पर उतरता है, लेकिन वहां रुकता नहीं। इसके बजाय वह फिर से उड़ान भर लेता है। टच एंड गो का उद्देश्य फाइटर प्लेन को एक्सप्रेस-वे पर उतारने का अभ्यास करने के लिए है, लेकिन वहां रुकने की जरूरत नहीं होती। यह अभ्यास फाइटर प्लेन के पायलटों को रनवे या एक्सप्रेस-वे पर उतरने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। सवाल- 5: देशभर में कितने एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं?
जवाब: भारतीय वायुसेना ने देश के 12 एक्सप्रेस-वे चुने हैं, जिन पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं। इसमें यूपी के 3 एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। इनके अलावा गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है, जहां से वायुसेना के विमान उतर और उड़ान भर सकेंगे। सवाल- 6: चीन-पाकिस्तान समेत दूसरे देशों में भी ऐसे एक्सप्रेस-वे हैं?
जवाब: भारत से पहले चीन, पाकिस्तान, स्वीडन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ताईवान, पोलैंड, फिनलैंड, चेकोस्लोवाकिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर में एयरफोर्स के लिए रोड रनवे बने हैं। पाकिस्तान ने 2010 में ही इस्लामाबाद-लाहौर मोटर-वे के एक हिस्से को अपनी एयरफोर्स के लिए रोड रनवे के रूप में डेवलप कर लिया था। ————————– ये खबर भी पढ़ें… पति को ड्रम में भरा, मुंह-दिखाई के पैसे से हत्या, लव ट्राएंगल में हो रही हत्याएं; ऐसे क्राइम में यूपी टॉप पर पति, पत्नी और वो…ये वही तीन शब्द हैं, जो हाल ही में यूपी में हुए 4 बड़े हत्याकांड की पटकथा में हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में मेरठ का सौरभ हत्याकांड है। पत्नी मुस्कान ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति के सीने में चाकू घोंपा। फिर टुकड़े करके ड्रम में सीमेंट से चुनवा दिया। दूसरा सहारनपुर का हत्याकांड, तीसरा अयोध्या हत्याकांड और चौथा औरैया मर्डर केस है। इन चारों हत्याकांड में किरदार अलग-अलग हैं। उनके नाम अलग हैं। जगहें अलग हैं। जेंडर अलग-अलग हैं। लेकिन पुलिस की शुरुआती छानबीन में जो कहानियां सामने आई हैं, वो पति-पत्नी और अवैध संबंध के इर्द-गिर्द हैं। पढ़ें पूरी खबर
जवाब: दुश्मन के हमले के समय तुरंत जवाबी कार्रवाई के लिए एयरपोर्ट के साथ ही रोड को भी रनवे के तौर पर इस्तेमाल करने के लिए ऐसे टेस्ट किए जाते हैं। युद्ध के समय अक्सर दुश्मन देश सैन्य एयरपोर्ट पर हमला करते हैं। इसलिए इस तरह के रोड रनवे का महत्व बढ़ जाता है। युद्ध या आपातकालीन स्थिति में हाईवे पर फाइटर प्लेन उतारने की क्षमता सेना को तेजी से और प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करने में मदद कर सकती है। किसी देश के पास अगर हाईवे या एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतारने की क्षमता है, तो इसे उसकी सैन्य ताकत के रूप में देखा जाता है। किन सड़कों पर प्लेन उतारा जा सकता है, यह तय करने के लिए किए जाने वाले टेस्ट को रोड रनवे टेस्ट कहते हैं। सवाल- 2: ऐसे एक्सप्रेस-वे कैसे तैयार होते हैं, इनकी खासियत क्या होती है?
जवाब: एयरफोर्स के मुताबिक, एयरबेस के अलावा अगर कहीं और फाइटर प्लेन उतारना हो तो उसके लिए सड़क का वह हिस्सा बिल्कुल सीधा और समतल होना चाहिए। सड़क के नीचे की जमीन धंसने जैसी न हो। उस पर कोई ढलान भी न हो। उसकी मोटाई सड़क के बाकी हिस्सों से ज्यादा हो। सड़क के दोनों ओर बिजली के खंभे, हाईमास्ट या मोबाइल फोन टॉवर नहीं होने चाहिए। सड़क के दोनों ओर इतनी जगह और व्यवस्था होनी चाहिए, जिससे वहां फाइटर प्लेन को गाइड करने के लिए पोर्टेबल लाइटिंग सिस्टम लगाए जा सकें। सड़क पर डिवाइडर ऐसे हों, जिन्हें तुरंत निकाला जा सके। एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतरने से पहले, अभ्यास और परीक्षण किए जाते हैं। जिससे यह देखा जा सके कि एक्सप्रेस-वे फाइटर प्लेन के लिए उपयुक्त है या नहीं। सवाल- 3: देश का पहला एक्सप्रेस-वे, जिस पर सबसे पहले फाइटर प्लेन उतरा?
जवाब: देश में 10 साल पहले यूपी में मथुरा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर लड़ाकू विमान उतरा था। 15 मई, 2015 को सुबह 6.40 बजे यमुना एक्सप्रेस-वे पर मिराज-2000 प्लेन उतारा गया। यह पूरा प्लान सीक्रेट रखा गया था। हालांकि ये पहला मौका नहीं था, जब फाइटर प्लेन सड़क पर उतारा गया था। पाकिस्तान से 1971 की जंग के दौरान भी छोटे फाइटर प्लेन जेनेट को कोलकाता की सड़क पर उतारा गया था। भारत रक्षक वेबसाइट के मुताबिक, दूसरे विश्वयुद्ध में कोलकाता के चौरंगी और मैदान के बीच एक हरिकेन फाइटर को उतारा गया था। लेकिन जेनेट हो या हरिकेन, दोनों ही मिराज के मुकाबले बेहद छोटे और हल्के विमान थे। इसलिए इन प्रयोगों की ज्यादा अहमियत नहीं रही। सवाल- 4: यूपी के कितने एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं?
जवाब: यूपी में तीन एक्सप्रेस-वे हैं, जिन पर लड़ाकू विमान उतर सकते हैं। आगरा एक्सप्रेस-वे, यमुना एक्सप्रेस-वे और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे। हर साल इन पर लड़ाकू विमान टच एंड गो करते हैं। यानी फाइटर प्लेन एक्सप्रेस-वे पर उतरता है, लेकिन वहां रुकता नहीं। इसके बजाय वह फिर से उड़ान भर लेता है। टच एंड गो का उद्देश्य फाइटर प्लेन को एक्सप्रेस-वे पर उतारने का अभ्यास करने के लिए है, लेकिन वहां रुकने की जरूरत नहीं होती। यह अभ्यास फाइटर प्लेन के पायलटों को रनवे या एक्सप्रेस-वे पर उतरने की क्षमता को बढ़ाने में मदद करता है। सवाल- 5: देशभर में कितने एक्सप्रेस-वे पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं?
जवाब: भारतीय वायुसेना ने देश के 12 एक्सप्रेस-वे चुने हैं, जिन पर फाइटर प्लेन उतर सकते हैं। इसमें यूपी के 3 एक्सप्रेस-वे शामिल हैं। इनके अलावा गंगा एक्सप्रेस-वे पर शाहजहांपुर में 3.5 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है, जहां से वायुसेना के विमान उतर और उड़ान भर सकेंगे। सवाल- 6: चीन-पाकिस्तान समेत दूसरे देशों में भी ऐसे एक्सप्रेस-वे हैं?
जवाब: भारत से पहले चीन, पाकिस्तान, स्वीडन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ताईवान, पोलैंड, फिनलैंड, चेकोस्लोवाकिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर में एयरफोर्स के लिए रोड रनवे बने हैं। पाकिस्तान ने 2010 में ही इस्लामाबाद-लाहौर मोटर-वे के एक हिस्से को अपनी एयरफोर्स के लिए रोड रनवे के रूप में डेवलप कर लिया था। ————————– ये खबर भी पढ़ें… पति को ड्रम में भरा, मुंह-दिखाई के पैसे से हत्या, लव ट्राएंगल में हो रही हत्याएं; ऐसे क्राइम में यूपी टॉप पर पति, पत्नी और वो…ये वही तीन शब्द हैं, जो हाल ही में यूपी में हुए 4 बड़े हत्याकांड की पटकथा में हैं। सबसे ज्यादा चर्चा में मेरठ का सौरभ हत्याकांड है। पत्नी मुस्कान ने अपने बॉयफ्रेंड के साथ मिलकर पति के सीने में चाकू घोंपा। फिर टुकड़े करके ड्रम में सीमेंट से चुनवा दिया। दूसरा सहारनपुर का हत्याकांड, तीसरा अयोध्या हत्याकांड और चौथा औरैया मर्डर केस है। इन चारों हत्याकांड में किरदार अलग-अलग हैं। उनके नाम अलग हैं। जगहें अलग हैं। जेंडर अलग-अलग हैं। लेकिन पुलिस की शुरुआती छानबीन में जो कहानियां सामने आई हैं, वो पति-पत्नी और अवैध संबंध के इर्द-गिर्द हैं। पढ़ें पूरी खबर