कानपुर में ‘सर तन से जुदा’ के नारे लगे, बवाल:आपत्तिजनक पोस्ट पर भड़के मुस्लिम, युवक के घर का दरवाजा तोड़ा, पथराव किया

कानपुर के अति संवेदनशील पटकापुर में रविवार शाम बवाल हो गया। शिया समुदाय के एक युवक ने सुन्नी समुदाय पर भड़काऊ पोस्ट कर दी। इससे आक्रोशित भीड़ ने उसका घर घेर लिया। ‘गुस्ताख-ए-नबी की एक ही सजा, सर तन से जुदा’ के नारे लगाए। आरोपी का दरवाजा तोड़ दिया। घर पर पथराव किया। बवाल होता देख वहां पर लोगों की भीड़ जुट गई। मोहल्ले वालों की सूचना पर कोतवाली थाने की सर्किल फोर्स और DCP मौके पर पहुंचे। लोगों को समझाकर हालात को नियंत्रित किया। आरोपी को हिरासत में लिया गया है। तनाव को देखते हुए मौके पर PAC और पुलिस तैनात कर दी गई है। मामला फीलखाना थाना क्षेत्र का है। 3 फोटो देखिए… आरोपी के घर का मेन गेट तोड़ा
DCP ईस्ट सत्यजीत गुप्ता ने बताया, पटकापुर निवासी सोजफ नाम के युवक ने सोशल मीडिया पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाली टिप्पणी की थी। जानकारी मिलते ही उसके घर के बाहर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। लोगों में इतना गुस्सा था कि उसके घर पर पत्थर फेंके। जमकर नारेबाजी की। इसके साथ ही आरोपी के घर का मेन दरवाजा भी तोड़ दिया। पुलिस ने लाठी पटक कर भीड़ को नियंत्रित किया। पुलिस ने लोगों से अपील की कि कानून हाथ में न लें। किसी भी प्रकार की हिंसा से बचें। क्यों हुआ विवाद?
पुलिस की जांच में सामने आया कि शिया और सुन्नी समुदाय के बीच में पूरा विवाद हुआ है। शिया वर्ग के युवक ने सोशल मीडिया पर सुन्नी समुदाय को लेकर अभद्र धार्मिक टिप्पणी की थी। यह मामला पब्लिक के बीच फैल गया। आरोपी के घर के बाहर सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। ‘सिर तन से जुदा’ के नारे लगाने के साथ ही पथराव शुरू कर दिया। पुलिस फोर्स और पाक पहुंची तब जाकर माहौल शांत हो सका। आरोपी को हिरासत में लिया
भड़काऊ पोस्ट करने वाले आरोपी सोजफ को हिरासत में लिया है। उसके खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है। वहीं, दूसरी तरफ माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों को भी चिह्नित किया जा रहा है। कुछ उपद्रवी युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। ————————– ये खबर भी पढ़ें… यूपी में 2 लाख शिक्षकों की नौकरी खतरे में, जब भर्ती हुए तब TET नहीं, अब पास करना अनिवार्य 1992 में प्राइमरी स्कूल के शिक्षक अब्दुल मजीद की मौत हो गई। उनके बेटे अब्दुल राशिद को मृतक आश्रित पर नौकरी मिली। 20 साल के अब्दुल 12वीं पास थे। उस वक्त शिक्षक बनने के लिए 12वीं पास ही न्यूनतम अर्हता थी। अब सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है कि सभी सरकारी शिक्षकों को 2 साल में टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना होगा। पढ़ें पूरी खबर…