काशी के महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शुक्रवार रात नगर वधुओं ने डांस किया। एक ओर चिताएं जल रही थीं तो दूसरी तरफ डांस चल रहा था। पूरी रात लोग महाश्मशान में बैठकर उत्साह के साथ डांस देखते रहे। वधुओं ने बाबा को रिझाने के लिए भजन गाए। उन्होंने बाबा से वरदान मांगा कि अगले जन्म में हमें नगर वधु न बनना पड़े। इस कलंकित जीवन से मुक्ति देना। मसाननाथ के सामने नगर वधुओं का मंच सजा शुक्रवार रात बाबा मसाननाथ का दरबार भव्य सजा। गुलाब, गेंदा, बेला, रजनीगंधा, चमेली के फूलों से बाबा का श्रृंगार किया गया। बाबा को भोग लगाया गया और भव्य आरती की गई। इसके बाद बाबा मसाननाथ के सामने नगर वधुओं का मंच सजा। पूरी रात नगर वधुओं ने डांस किया। दुर्गा दुर्गति नाशिनी…डिमिग डिमिग डमरू कर बाजे…जैसे भजन भी गाए। चैत्र नवरात्रि पर हर साल होता है कार्यक्रम मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि की सप्तमी तिथि को 400 साल पुरानी यह परंपरा निभाई जाती है। चैत्र नवरात्रि की सप्तमी पर यह कार्यक्रम हर साल होता है। इसमें वाराणसी के आसपास के जिलों के अलावा कई राज्यों से भी नगर वधुएं यहां पहुंचती हैं। खास बात यह है कि किसी भी नगर वधु को आमंत्रित नहीं किया जाता है। 16वीं शताब्दी में श्मशान नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार हुआ
आयोजक गुलशन कपूर ने कहा- 16वीं शताब्दी में काशी आए राजा मान सिंह ने मणिकर्णिका तीर्थ पर श्मशान नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। उस समय मंगल उत्सव के लिए नगर के संगीतकारों को भी आमंत्रित किया। हिचक के चलते कलाकारों ने मंगल उत्सव में भाग लेने से मना कर दिया। राजा मानसिंह दुखी हुए और मंदिर में बगैर उत्सव किए ही लौटने का मन बना लिया। काशी के बुजुर्ग लोग बताते हैं- यह खबर जब नगर वधुओं तक पहुंची तो उन्होंने अपने आराध्य नटराज स्वरूप मसाननाथ की महफिल सजाने का फैसला लिया। बिना किसी संकोच के साथ राजा को संदेश भिजवाया कि वे मंगल उत्सव मनाने को उत्सुक हैं। संदेश पाकर राजा मान सिंह प्रसन्न हुए। उन्होंने सम्मान से रथ भेजा। नगर वधुओं को उत्सव में रथ से बुलवाया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। आखिरी में 4 तस्वीरें देखिए… —————— ये खबर भी पढ़िए- मोदी की रैली के लिए खड़ी फसल पर चलाई JCB: वाराणसी में महिला किसान बोली- लाखों की फसल थी, बिना बताए रौंद दिया PM नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को वाराणसी आएंगे। मेहंदीगंज में उनकी जनसभा होगी। जनसभा स्थल तक पहुंचने के लिए शुक्रवार को रास्ता बनाया गया। इस दौरान एक किसान की 0.55 बीघा खेत में खड़ी टमाटर की फसल पर JCB चलवा दी गई। सूचना मिलते ही खेत के मालिक मूसेपाल पत्नी बिछिया देवी और बेटे अनिल पाल के साथ दौड़ते हुए वहां पहुंचे। खेत के मेढ़ पर बैठकर बिछिया देवी रोने लगीं। वह कहती हैं- हमारी लाखों की फसल कच्ची थी, उसे कैसे हटाते? हम बर्बाद हो गए। बिना सूचना दिए रौंद दिया। पढ़िए पूरी खबर…
आयोजक गुलशन कपूर ने कहा- 16वीं शताब्दी में काशी आए राजा मान सिंह ने मणिकर्णिका तीर्थ पर श्मशान नाथ मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। उस समय मंगल उत्सव के लिए नगर के संगीतकारों को भी आमंत्रित किया। हिचक के चलते कलाकारों ने मंगल उत्सव में भाग लेने से मना कर दिया। राजा मानसिंह दुखी हुए और मंदिर में बगैर उत्सव किए ही लौटने का मन बना लिया। काशी के बुजुर्ग लोग बताते हैं- यह खबर जब नगर वधुओं तक पहुंची तो उन्होंने अपने आराध्य नटराज स्वरूप मसाननाथ की महफिल सजाने का फैसला लिया। बिना किसी संकोच के साथ राजा को संदेश भिजवाया कि वे मंगल उत्सव मनाने को उत्सुक हैं। संदेश पाकर राजा मान सिंह प्रसन्न हुए। उन्होंने सम्मान से रथ भेजा। नगर वधुओं को उत्सव में रथ से बुलवाया। तभी से यह परंपरा चली आ रही है। आखिरी में 4 तस्वीरें देखिए… —————— ये खबर भी पढ़िए- मोदी की रैली के लिए खड़ी फसल पर चलाई JCB: वाराणसी में महिला किसान बोली- लाखों की फसल थी, बिना बताए रौंद दिया PM नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को वाराणसी आएंगे। मेहंदीगंज में उनकी जनसभा होगी। जनसभा स्थल तक पहुंचने के लिए शुक्रवार को रास्ता बनाया गया। इस दौरान एक किसान की 0.55 बीघा खेत में खड़ी टमाटर की फसल पर JCB चलवा दी गई। सूचना मिलते ही खेत के मालिक मूसेपाल पत्नी बिछिया देवी और बेटे अनिल पाल के साथ दौड़ते हुए वहां पहुंचे। खेत के मेढ़ पर बैठकर बिछिया देवी रोने लगीं। वह कहती हैं- हमारी लाखों की फसल कच्ची थी, उसे कैसे हटाते? हम बर्बाद हो गए। बिना सूचना दिए रौंद दिया। पढ़िए पूरी खबर…