जज बनकर ठगी करने वाले की पहली पत्नी का दर्द:बोलीं- बहुत लोगों की इज्जत से खेला, मेरे मां-बाप हार्ट के पेशेंट हो गए

कानपुर में जज बनकर केजी एमयू की महिला अधिकारी से मेट्रिमोनियल साइट पर मुलाकात और फिर शादी का झांसा देकर 59 लाख की ठगी करने वाले की पहली पत्नी सामने आई है। पहली पत्नी ने जो कुछ पुलिस को बताया तो वह हैरान करने वाला है। शातिर ठग ने एक-दो नहीं कइयों की जिंदगी तबाह की है। एक युवती ने इज्जत और रुपया जाने के बाद तो सुसाइड तक कर लिया था। पहली पत्नी ने पुलिस को पूछताछ में क्या-क्या बताया, आखिर वो किस तरह से इस शातिर ठग के चंगुल में फंसी और इतने साल बात क्यों सामने आई है। पढ़ें दैनिक भास्कर की कानपुर से रिपोर्ट… अब पढ़िए पीड़िता ने जो बताया
श्याम नगर की रहने वाली नमिता गुप्ता ने बताया- मेरे पिता ने भी शादी के लिए एक न्यूजपेपर में इश्तिहार दिया था। बस यहीं से मेरी हंसती-खेलती जिंदगी में ग्रहण लग गया। मेरा विज्ञापन देखकर ही शातिर ठग विष्णु शंकर ने 2011 में नमिता अग्रहरि के परिजनों से संपर्क किया। विष्णु शंकर ने बताया कि वह प्रैक्टिशनर वकील है। अब जज बनने के लिए पीसीएस जे की तैयारी कर रहे हैं। इनका प्री क्वालीफाई भी हो गया है। पिता को लगा कि लड़का बहुत अच्छा है। करीब 15 लाख रुपए खर्च करके 6 मार्च 2011 को नमिता की विष्णु शंकर गुप्ता के साथ शादी कर दी। पांच लाख कैश, ज्वैलरी और लाखों रुपए खर्च किया। नमिता ने बताया कि जब मैं विदा होकर ससुराल पहुंची तो दंग रह गई। ससुराल पहुंचकर पता चला कि न ही ये कोई प्रैक्टिशनर वकील है और न ही पीसीएस जे का प्री एक्जाम क्वालीफाई किया है। इतना सब होने के बाद भी शातिर विष्णु शंकर ने दहेज के लिए प्रताड़ना शुरू कर दी। मुझे इस कदर पीटा कि मेरा गर्भपात हो गया। तब तक मैं बुरी तरह से ट्रैप में फंस चुकी थी। रिटायरमेंट में मिला हुआ पैसा लेने के लिए दबाव लगा
मेरे पिता इस दौरान रिटायर हुए तो रिटायरमेंट में मिला हुआ पैसा लेने के लिए दबाव बनाने लगा। बेरहमी से पिटाई के बाद मायके छोड़ दिया। लाइसेंसी पिस्टल पिता की कनपटी पर लगाकर मारपीट शुरू कर दी। कहा कि दहेज में आपने कुछ भी नहीं दिया है। मोहल्ले के लोगों ने बीच-बचाव करके किसी तरह मामले को शांत कराया। सिर्फ एक जोड़ी कपड़े में भी मुझे मायके छोड़ गया था। पापा ने भी बेटी का घर उजड़ता देख कुछ नहीं बोले थे। इसके बाद मैं ससुराल जाने की तो हिम्मत नहीं जुटा सकी। धीरे-धीरे करके सब चीजें शांत हो रही थीं, लेकिन एक दिन भारी पुलिस फोर्स ने मेरे घर पर दबिश डाल दी। तब पता चला कि शातिर ने कोर्ट से कई मुकदमे कर रखे थे। इस मामले में मेरे पिता हरिकृष्ण के साथ पूरे परिवार का एनबीडब्ल्यू हो गया था। मेरे पिता को करीब पांच दिनों तक जेल में भी रहना पड़ा था। पांच दिन बाद बेल हुई थी। पति के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा कराया
इस दौरान मैं कोर्ट पहुंची तो कई मुकदमों की जानकारी मिलने पर दंग रह गई। हम लोग साधारण परिवार से हैं, मुझे कोर्ट कचहरी के बारे में कुछ भी पता नहीं था। कोर्ट कचहरी की क्या प्रोसीडिंग है कुछ भी नहीं पता था। बेल होने के बाद मैंने हाईकोर्ट से स्टे लिया। जब मैं कचहरी पहुंची तो मुझे कुछ अच्छे लोग मिले और इसके बाद मैंने आरोपी पति विष्णु शंकर के खिलाफ दहेज उत्पीड़न का मुकदमा किया। इसके बाद अपने मुकदमों को देखना शुरू किया शातिर ने कोर्ट को भी गुमराया, पत्नी को बताया शादीशुदा
हमने जो दहेज उत्पीड़न का केस फाइल किया था। इस मामले में शातिर विष्णुकांत ने दो सर्टिफाइड कॉपी लेने के लिए कोर्ट में आवेदन किया था। शातिर ने कहा- रामशंकर नाम के व्यक्ति से नमिता ने पहली शादी की थी। उसके खिलाफ भी दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया था। जब मैंने उसकी सर्टिफाइड कॉपी देखी तब पता चला कि शातिर ने झूठे तरीके से मेरी पहली शादी होने की बात से कोर्ट को गुमराह किया है। इतना ही नहीं यह भी दिखाया कि मैंने पहले पति से भरण-पोषण के लिए भी केस किया हुआ है। शातिर ने यह सब मिथ्या साक्ष्य गढ़कर किया गया था। जब मैंने इससे पहले कोई शादी नहीं की थी तो मुकदमा कैसे करूंगी। मैंने इस फर्जीवाड़े की शिकायत जिला जज से की। तब विष्णु के खिलाफ जिला जज ने जांच बैठा दी। डॉक्युमेंट के सहारे कई झूठे मुकदमे दर्ज कराए
इधर, दूसरी तरफ शातिर विष्णु शंकर ने इसी फर्जी डॉक्युमेंट के सहारे कई झूठे मुकदमे दर्ज करा दिए थे। इसके बाद फिर मेरे साथ वही रिपिट हुआ और पुलिस ने छापेमारी करके मुझे व मेरी मां को अरेस्ट कर लिया। इसके बाद कोर्ट को सारी चीजों से अवगत कराया तो मुझे बेल तो मिल गई, लेकिन इसके बाद मैंने हाईकोर्ट का रुख किया। हाईकोर्ट में याचिका डालते हुए जांच की मांग रखी। इसके बाद हाईकोर्ट की निगरानी में मामले की जांच हुई। जांच में ये सामने आया कि फर्जी दस्तावेज विष्णुशंकर ने बनाया। बाबुओं ने बयान भी दिया। सच्चाई सामने आने के बाद ये कोर्ट से फाइल लेकर भाग गया। इसके बाद कोर्ट के आदेश पर विष्णुशंकर के खिलाफ कोतवाली थाने में फर्जीवाड़ा करने पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज हुई। शातिर ने दोबारा कंप्रोमाइज का फर्जी पत्र बनाया
शातिर ने जब देखा कि उसका फर्जीवाड़ा पकड़ गया और अब उसके खिलाफ कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराई। इसके बाद शातिर ने फिर से दोबारा एक फर्जी समझौता नामा बनाया। इसमें ये दिखाया कि मेरा और विष्णुशंकर का समझौता हो गया है। ये समझौता हुआ है कि 2 लाख रुपए में कंप्रोमाइज हुआ है। मैं अपने सारे मुकदमों को वापस ले रही हूं। कोर्ट की फर्जी ऑर्डशीट बनाई और वो सर्टिफाइड कॉपी सभी मुकदमों में लगा दिया। जब मुझे जानकारी हुई तो मैं दंग रह गई। इसके बाद मैंने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर बताया कि मेरा कोई समझौता नहीं हुआ है। इसके बाद जिला जज ने दोबारा जांच बैठा दी। इसके बाद जिला जज ने मेरी सभी फाइलों को सीज कर दिया। इसके बाद शातिर के खिलाफ कोतवाली में गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई। शातिर के खिलाफ एनबीडब्ल्यू और कुर्की की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है। मेरे मां-बाप हार्ट पेशेंट हो गए, भाई-बहन का कॅरियर तबाह
इस ठग के संपर्क में आने के बाद से मेरा तो पूरा जीवन ही तबाह हो गया। सिर्फ मेरा जीवन ही नहीं मेरे मां-बाप और भाई–बहन का भी जीवन दांव में लग गया। इतने मुकदमे लगाए कि मैं कोर्ट कचहरी की ही रह गई हूं। मेरे पास तो ऐसा लगता है कि इन मुकदमों के अलावा मेरी जिंदगी में कुछ बचा ही नहीं है। मैं सुबह घर से आती हूं और शाम को कचहरी से घर जाती हूं। मेरे मम्मी-पापा हार्ट पेशेंट हो गए। भाई-बहन का कॅरियर तबाह हो गया। मेरा पूरा परिवार हैरसमेंट झेल रहा है। इसके संपर्क में आने के बाद से मेरा पूरा परिवार टूट गया और कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सन 2011 से 2025 आ गया लेकिन, उत्पीड़न खत्म ही नहीं हो रहा है। मैं अब तो बुरी तरह से टूट चुकी हूं। मेट्रीमोनियल साइट पर ठगी का धंध बनाया
शातिर ने मेट्रिमोनियल साइट पर ही लोगों को अपना शिकार बनाता है। लड़कियों की और उनके परिवार का प्रोफाइल चेक करता है। इसके बाद उनसे मीठी-मीठी बातें करके नजदीकी बढ़ाता है। जाल में फंसने के बाद उनसे ठगी करता है। इसी तरह से लखनऊ में एक महिला बिजली विभाग की एक जेई हैं। इनसे भी शादी का झांसा देकर 40 लाख की ठगी की और उनकी इज्जत भी लूटी। इसके बाद उन्हें ब्लैकमेल भी कर रहा है। अभी जिस केस में पकड़ा गया उसमें भी 60 लाख की ठगी की है। एक लड़की ने तो इसके चंगुल में फंसकर सुसाइड तक कर लिया है। मेरा तो लोगों से अपील है कि इस तरह के लोगों से बचकर रहें, नहीं तो आपका भी जीवन तबाह हो जाएगा। नौकरी के नाम पर भी लोगों को ठगा, अपना अपहरण भी कराया
पहली पत्नी नमिता अग्रहरि ने बताया कि शातिर ने नौकरी के नाम पर भी कई लोगों को ठगा है। एक बात तो इसने पुलिस और ठगी के शिकार हुए लोगों को डराने के लिए खुद के अपहरण की साजिश रची। पुलिस ने इसे मामा के घर बांदा से बरामद किया तब सच्चाई सामने आई कि इसने लोगों से बचने के लिए अपनी ही ठगी की योजना बनाई थी। इसके बाद पुलिस ने इसे जेल भी भेजा था। हाईकोर्ट से इसे जमानत मिली थी। मेरा एलएलबी करने का इरादा नहीं था, हालात ने वकील बना दिया
जब मेरे और परिवार के ऊपर एक के बाद एक मुकदमें होते चले जा रहे हैं। माता-पिता और भाई, बहन समेत सभी पर मुकदमें दर्ज कराए थे। सन 2016 में मैंन लॉ की पढ़ाई शुरू की और 2019 में मैं पासआउट हुई। इसके बाद मैंने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। मैं खुद ही वकील बनकर अपने मुकदमों को लड़ने लगी। मेरा एलएलबी करने का कोई इरादा नहीं था। मैं करना भी नहीं चाहती थी। मैं इतना हैरिस हुई कि एक के बाद एक 16 मुकदमें दर्ज हुए तो मुझे प्रताड़ित होकर वकालत का रास्ता चुनना पड़ा। मेरा तलाक हो चुका है, कोर्ट के आदेश पर 10 लाख एलिमनी नहीं दी
शातिर ठग के खिलाफ मैंने तलाक का मुकदमा दाखिल किया था। कोर्ट ने मुझे 10 लाख की एलुमनी ग्रांड की है। लेकिन शातिर ठग ने कोर्ट के आदेश के बाद भी इसने एक रुपया नहीं दिया। 2019 में कोर्ट के आदेश पर हम दोनों का तलाक हो चुका है। बार एसोसिएशन ने इसकी प्राथमिक सदस्यता खत्म कर दी है। इसके डिबार भी कर दिया है। इतना ही नहीं 25 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। अब जानिए पूरा मामला
लखनऊ की रहने वाली युवती KGMU में नर्सिंग ऑफिसर है। उसने बताया था कि पिता ने उनकी शादी के लिए मैट्रिमोनियल साइट पर फरवरी महीने में विज्ञापन दिया था। इसको देखकर एक युवक ने मेरे पिता से संपर्क कर खुद को आजमगढ़ में तैनात जज वाराणसी निवासी अंशुमान विक्रम सिंह बताया था। उसने बताया कि वह वर्तमान में वह आजमगढ़ में सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के रूप में कार्यरत है। उसने अपनी बातों से पिता को इंप्रेस कर मेरा नंबर ले लिया। जज होने के कारण मैंने भी उसका बायोडाटा देखा और शादी के लिए हां कर दिया। 5 सितंबर को पुलिस ने आरोपी युवक को पकड़ा
कानपुर सेंट्रल के डीसीपी श्रवण कुमार सिंह ने 15 सितंबर को मामले का खुलासा किया। बताया- जब पुलिस की टीम आरोपी के नवाबगंज स्थित घर पहुंची, तो उसने 2 कुत्ते छोड़ दिए। पुलिस टीम बड़ी मुश्किल से अंदर पहुंच पाई। आरोपी विष्णु शंकर गुप्ता और उसकी पत्नी आयुषी घर में ही मिले। दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की 3 घंटे की पूछताछ में दोनों कुछ नहीं बोले। पुलिस ने जब गधे पर बैठाकर मोहल्ले में घुमाने और मुनादी कराने की बात कही, तब घर में रखे 25 लाख रुपए और दूसरी जगह रखे 17.50 लाख रुपए बरामद कराए। पुलिस ने बताया कि विष्णु शंकर 10 से ज्यादा लड़कियों और महिलाओं को कभी आईएएस तो कभी आईपीएस बनकर ठग चुका है। एक युवती तो सुसाइड भी कर चुकी है। पुलिस ने बताया कि विष्णु शंकर ने अपनी पत्नी आयुषी को भी ठगा था। लेकिन, बाद में उसने आयुषी से शादी कर ली। दोनों के बीच तलाक हो चुका है, लेकिन मिलकर ठगी का धंधा करते थे। —————— ये खबर भी पढ़ें…. KGMU नर्सिंग अफसर बोली- मैं सुसाइड करने वाली थी:पहली बार उसका चेहरा देखकर सन्न रह गई, कानपुर के फर्जी जज ने 60 लाख ठगे ‘विष्णु ने मेरे पापा से मेरा नंबर लेकर कॉल किया। बोला, मैंने मैट्रिमोनियल साइट पर एड देखा था। मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं। मैं सिविल जज हूं। पहले आजमगढ़ में था, अब सीतापुर में हूं। इस पर मैंने कहा कि तुम्हें तो किसी ऑफिसर से शादी करनी चाहिए, मुझसे क्यों करना चाहते हो? पढ़ें पूरी खबर…