बाराबंकी में रामस्वरूप यूनिवर्सिटी पर चला बुलडोजर:5 दिन पहले यहां पुलिस ने ABVP छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा था

बाराबंकी में श्री रामस्वरूप यूनिवर्सिटी पर शनिवार को बुलडोजर चला। दोपहर तक गेट के बाहर खड़े रहे 2 बुलडोजरों को दोपहर साढ़े 3 बजे परिसर के अंदर ले जाया गया। इसके बाद नवनिर्मित एनिमल हाउस को खाली कराकर ध्वस्त कर दिया गया। इसके बाद एनिमल हाउस से थोड़ी दूरी पर बने एक कमरे और बाउंड्रीवॉल को भी तोड़ दिया गया। इससे पहले प्रशासनिक टीमों ने यूनिवर्सिटी के अवैध कब्जों का सर्वे किया। टीम के साथ 2 बुलडोजर भी थे। टीम में नवाबगंज तहसील प्रशासन, राजस्व विभाग और पुलिस फोर्स शामिल रहा। इस दौरान पूरे यूनिवर्सिटी परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया। ADM न्यायिक राजकुमार शर्मा ने बताया कि यूनिवर्सिटी में ग्रामसभा की जमीन पर कब्जा पाया गया था। इसमें बेदखली की कार्रवाई हुई। इसके बाद बुलडोजर की कार्रवाई की गई। एनिमल हाउस 400 वर्गमीटर पर बना था। राजकुमार शर्मा ने बताया- यूनिवर्सिटी की 1 हेक्टेयर जमीन ग्रामसभा में दर्ज है, जिसमें कुल 32 गाटा संख्या हैं। जिन गाटा संख्या पर यूनिवर्सिटी का अवैध कब्जा है, उस पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। बंजर जमीन पर 400 वर्गमीटर एरिया में बना एनिमल हाउस तोड़ा गया है। इसके अलावा जहां-जहां ग्रामसभा की जमीन पर कब्जा है, उसको तोड़ा गया। एनिमल हाउस से थोड़ी दूरी पर एक कमरा बना था वो भी ग्राम समाज की जमीन पर बना पाया गया। उसे भी तोड़ दिया गया। हम लोगों ने दोपहर 12 बजे यहां जमीन की पैमाइश शुरू की थी। जो जमीन खाली पड़ी है, उसे भी कब्जे में लिया जाएगा। खबर में पोल है, आगे बढ़ने से पहले हिस्सा लें दरअसल, यूनिवर्सिटी परिसर में तालाब और सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायतें मिल रही थीं। ये शिकायतें खूजर गांव के प्रधान रामनाथ यादव ने की थीं। इसके बाद राजस्व विभाग ने इसकी जांच की। जिसमें अवैध कब्जे की पुष्टि हुई। इसके बाद तहसील प्रशासन ने कार्रवाई की तैयारी की थी। यूनिवर्सिटी में 1 सितंबर को ABVP छात्रों और प्रशासनिक अफसरों के बीच विवाद हुआ था। इस दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया था। तभी से छात्रों और स्थानीय लोगों में यूनिवर्सिटी को लेकर नाराजगी है। साथ ही ABVP छात्र यूपी सरकार से भी नाराज हैं। अब 3 तस्वीरें देखिए… अब जानिए पूरा मामला… 17 साल से जमीन पर कब्जा, प्रधान ने की थी शिकायत
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी ने पिछले 17 साल से ग्राम समाज की जमीन पर कब्जा कर रखा है। विकास खंड देवा के खूजर गांव के प्रधान रामनाथ यादव लगातार अफसरों के चक्कर काटते रहे। लेखपाल से लेकर उपजिलाधिकारी तक से कई बार शिकायत की, लेकिन किसी ने सुनवाई नहीं की। धीरे-धीरे यूनिवर्सिटी ने ग्राम समाज की करीब 2 हेक्टेयर जमीन कब्जे में ले ली। ग्राम प्रधान ने 5 बार अधिकारियों को पत्र लिखा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब छात्रों से विवाद के बाद प्रशासन ने उसी शिकायत पर संज्ञान लिया। शनिवार से जमीन की नाप-जोख शुरू कराई गई। प्रधान ने 23 अप्रैल, 2025 को उपजिलाधिकारी, नवाबगंज को पत्र लिखा था। इसके बाद एसडीएम से भी मुलाकात की थी। उनका आरोप था कि विश्वविद्यालय ग्राम समाज की जमीन, 2 तालाब, चकमार्ग और नाली की जमीन पर कब्जा करना चाहता है। कुछ जमीन पर पहले ही कब्जा कर लिया गया था। लेकिन, एसडीएम ने उनकी शिकायतों पर ध्यान नहीं दिया। 24 अप्रैल को प्रधान ने अपर जिलाधिकारी को पत्र लिखा। 29 अप्रैल को राजस्व परिषद के अध्यक्ष को शिकायत भेजी। इसी दौरान यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट ने सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया। करीब 2 हेक्टेयर जमीन पर टीनशेड डालकर मजदूरों के ठहरने की व्यवस्था कर दी। इसके बाद प्रधान ने 20 मई को एसडीएम को एक और पत्र लिखा, लेकिन फिर भी तहसील प्रशासन ने कार्रवाई नहीं की। इससे पहले गांव की पूर्व प्रधान रानी ने भी साल- 2013 में इस कब्जे की शिकायत की थी। लेकिन, तब भी अधिकारियों ने कोई कदम नहीं उठाया था। अब विवाद के बाद प्रशासन ने जमीन की पैमाइश शुरू कराई। इसके बाद एनिमल हाउस और एक कमरे पर बुलडोजर चलाया गया। वन नेशन वन इलेक्शन छात्र नेता सम्मेलन भी स्थगित
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और रामस्वरूप यूनिवर्सिटी के बीच चल रहे विवाद के चलते भाजपा की ओर से रविवार को होने वाला वन नेशन वन इलेक्शन छात्र नेता सम्मेलन स्थगित कर दिया गया। भाजपा सूत्रों के मुताबिक, सम्मेलन की जिम्मेदारी ABVP को दी गई थी। लेकिन, विवाद के चलते ABVP के पदाधिकारी सरकार और भाजपा से नाराज हैं। सीएम योगी के खिलाफ खुलकर नारेबाजी कर रहे हैं। ABVP ने फिलहाल भाजपा के साथ कोई भी कार्यक्रम करने से हाथ पीछे खींच लिए हैं। इसके चलते कार्यक्रम को स्थगित किया गया है। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय के सभागार में रविवार को कार्यक्रम होना था। कार्यक्रम में सीएम योगी ही मुख्य वक्ता थे। छात्रों का आरोप- 4 साल से यूनिवर्सिटी ने नहीं कराए एग्जाम
यूनिवर्सिटी के छात्रों ने आरोप लगाया था कि BCI से यूनिवर्सिटी की मान्यता समाप्त हो चुकी है। 3 साल से कॉलेज बिना मान्यता के LLB कोर्स चला रहा है। 4 साल से यूनिवर्सिटी की ओर से एग्जाम भी नहीं कराया जा रहा। इसके बावजूद यूनिवर्सिटी प्रशासन ने साल 2023-24 और 2024-25 में छात्रों का एडमिशन कराया। यही नहीं, वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए भी यूनिवर्सिटी ने रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया था। जानिए 1 सितंबर को यूनिवर्सिटी में क्या हुआ था 1 सितंबर को पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे LLB छात्रों को दौड़ा-दौड़ाकर लाठियों से पीटा था। घटना में 12 छात्र बुरी तरह से घायल हो गए थे। छात्रों का आरोप था कि रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी 4 साल से एग्जाम नहीं करवा रही। 2021 में मान्यता खत्म हो गई थी। इसके बाद भी एडमिशन लिए जा रहे हैं। 1 सितंबर की दोपहर करीब 300 छात्र यूनिवर्सिटी के बाहर पहुंचे थे। छात्रों के समर्थन में ABVP कार्यकर्ता भी थे। छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन करना शुरू किया, तो पुलिस बुला ली गई। पुलिस के साथ कुछ लोग परिसर में घुस गए थे। उन्होंने छात्रों से हाथापाई शुरू कर दी। इस पर पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज कर दिया था। पुलिस ने ABVP कार्यकर्ताओं को भी लाठियों से जमकर पीट दिया था। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चला था। 2 सितंबर को लखनऊ में भी ABVP ने किया था बवाल
बाराबंकी में रामस्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी में LLB छात्रों को दौड़ाकर पीटने का मामला सीएम योगी तक पहुंच चुका है। इसके बाद 4 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था। वहीं, 2 सितंबर को ABVP छात्रों ने विधानसभा का घेराव कर जमकर नारेबाजी की थी। पुलिस ने छात्रों को हटाने की कोशिश की, तो वे सड़क पर बैठ गए थे। इसके बाद पुलिस ने टांगकर उन्हें वैन में भरा और ईको गार्डन ले गई थी। इसके अलावा छात्रों ने लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाहर भी प्रदर्शन किया था। इस दौरान छात्र पुलिस की गाड़ी पर चढ़ गए थे। अपर सचिव ने यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ कराई थी FIR
3 सितंबर को यूनिवर्सिटी प्रबंधन के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी। देर रात नगर कोतवाली में उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा परिषद के अपर सचिव डॉ. दिनेश कुमार की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, जालसाजी, दस्तावेजों में हेरफेर समेत कई आरोपों में मुकदमा दर्ज किया है। अपर सचिव डॉ. दिनेश कुमार ने अपनी शिकायत में लिखा था- विश्वविद्यालय ने बिना मान्यता के प्रवेश लेकर छात्रों का भविष्य खतरे में डाला। यह कानून का साफ उल्लंघन है। ऐसे में विश्वविद्यालय के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। हालांकि बवाल के अगले दिन 3 सितंबर को बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) ने यूनिवर्सिटी के LLB कोर्स को मान्यता दे दी थी। ABVP के घायल कार्यकर्ताओं से मिले थे सरकार के मंत्री
रामस्वरूप यूनिवर्सिटी में ABVP छात्रों पर लाठीचार्ज के मामले ने काफी तूल पकड़ा है। यहां तक कि दोनों डिप्टी सीएम के अलावा यूपी सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय भी 2 सितंबर को लखनऊ के KGMU में घायल छात्रों को देखने पहुंचे थे।
घायल कार्यकर्ताओं ने मंत्री को पुलिस के लाठीचार्ज और बर्बरता से जुड़े फोटो और वीडियो मोबाइल पर दिखाए थे। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था- पुलिस ने छात्रों के साथ बहुत गलत किया। ABVP बेहद सांस्कारिक संगठन है। वह अपनी जिम्मेदारी समझता है। पुलिस को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए थी। संगठन के छात्र यूनिवर्सिटी में अपनी वैध मांगों की बात रख रहे थे। उन पर इस तरह की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं है। ब्रजेश पाठक ने कहा था- कार्यकर्ताओं का बेहतरीन इलाज होगा
डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने 2 सितंबर की रात में सभी से मिलकर उनका हालचाल जाना था। डिप्टी सीएम ने बताया कि छात्रों की हालत खतरे से बाहर है। डॉक्टरों को निर्देश दे दिया गया है, सभी कार्यकर्ताओं का बेहतरीन इलाज होगा। ————————- ये खबर भी पढ़ेंः- राजभर चिल्लाकर बोले- अखिलेश मुसलमान को CM बनाएंगे?, कोई है मर्द मुसलमान पूछने वाला मुसलमानों के पैगंबर मोहम्मद साहब ने कहा है कि बेबस, लाचार और मजलूम की मदद करें। लेकिन, मुसलमानों की नजर में तो सोनिया गांधी, अखिलेश यादव और मायावती ही मजबूर हैं। ऐसे में मुस्लिम नेता क्या लड़ाई लड़ेंगे? पढ़ें पूरी खबर…