योगी बोले- विकसित भारत के पंच प्रण लें:यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ; गुलामी की मानसिकता को खत्म करें

गोरखनाथ विश्वविद्यालय में ‘विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश-2047’ कार्यशाला का रविवार को योगी ने शुभारंभ किया। उन्होंने कहा- यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ। हमें फिर से विभाजित नहीं होना है। विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए पंच प्रण लेना होगा। ये पंच प्रण हैं- गुलामी की मानसिकता को खत्म करना होगा। अपने अंदर की हीन भावना को खत्म करना होगा। विरासत का सम्मान करना होगा। अपनी सेना के जवानों के प्रति सम्मान का भाव रखना होगा। हर नागरिक को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को भलीभांति निभाना होगा। योगी ने कहा- हमारे पूर्वजों ने देश की आजादी के लिए अपना सब कुछ समर्पित किया। उनका सपना था कि भारत पूरी दुनिया की ताकत बनें। पितृ पक्ष के अवसर पर हम सब विकसित भारत-विकसित उत्तर प्रदेश की संगोष्ठी का हिस्सा बन रहे। प्रधानमंत्री ने 2022 में कहा था कि देश की आजादी का अमृत महोत्सव हम सब मना रहे हैं। लेकिन, 2047 में जब देश अपनी आजादी के शताब्दी वर्ष मना रहा होगा, उस समय बहुत लोग तो नहीं होंगे। लेकिन, आने वाली पीढ़ी अपने पूर्वजों को याद करेगा। भारत ऐसे थोड़ी सोने की चिड़िया था
योगी ने कहा- भारत को ऐसे ही थोड़ी सोने की चिड़िया कहते थे। ऐसे ही विदेशी आक्रांता यहां नहीं आए थे। हमारे पास सबुछ थे। आज से 300 वर्ष पहले के भारत की तुलना करते हैं तो 17वीं सदी में कृषि और उद्योग के क्षेत्र में भारत दुनिया में नंबर एक पर था। आधी आबादी भारत की कृषि पर आधारित थी। जीवन के अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी स्किल का उपयोग करती थी। कृषि उत्पादन हमारा बेहतर था। इसके साथ ही भारत ने औद्योगिक क्षेत्र में भी एक अलग स्थान बनाया था। दुनिया की अर्थव्यवस्था के 25 प्रतिशत पर भारत का कब्जा था। यह दुनिया की नंबर एक अर्थव्यवस्था थी। 1800 ईस्वी आते-आते भारत की क्षमता कम होती गई। ब्रिटिश कालखंड में उद्योग बंद होते गए। इनके स्थान पर लोगों ने खेती का रुख किया। 50 प्रतिशत से चलते-चलते 80 प्रतिशत तक खेती पर निर्भर हो गए। क्योंकि उन्हें हतोत्साहित किया गया। उन्होंने कहा- जब हमारा सबकुछ केवल खेती बाड़ी पर निर्भर हो जाएगा तो कितना उत्पादन करेंगे। डिमांड कम है, सप्लाई ज्यादा करेंगे तो दाम भी नहीं मिलेगा। यही होता गया। इससे देश धीरे-धीरे भुखमरी की कगार पर आ गया। हजारों लोग मरे। कोई पूछने वाला नहीं था। अकाल के कारण बीमारियों ने बड़ी आबादी को निगल लिया था
योगी कहा- अकाल के कारण तमाम बीमारियों ने भारत की बड़ी आबादी को निगल लिया था। जिस भारत की हिस्सेदारी वैश्विक अर्थव्यवस्था में 25 प्रतिशत थी, लेकिन 1947 में आजाद हुआ तो यह 3 प्रतिशत रह गई थी। हमारी कोई हैसियत नहीं थी। एक्सपोर्ट हमारा न के बराबर था। टेक्सटाइल में भारत दुनिया में अग्रणी माना जाता था। आज देश आजाद हुए 78 साल हो गए, कोई ऐसे कपड़े का ब्रांड नहीं दे रहे जो दुनिया में भारत की अलग पहचान दिला सके। छोटे-छोटे देशों ने इसमें महारत हासिल कर ली। भारत अब उस पर काम कर रहा है। हम नागरिक कर्तव्यों की चर्चा कब करेंगे
यह देश विभाजित था, इसलिए गुलाम हुआ। हमें फिर से विभाजित नहीं होना है। जाति में विभाजन, विभिन्न वादों मे विभाजन नहीं होने देना है। नागरिक अधिकारों की चर्चा सब करते हैं। हम नागरिक कर्तव्यों की चर्चा कब करेंगे। प्रधानमंत्री ने इसका आह्वान सभी से किया था। उन्होंने 2022 में यह बात कही थी। तीन साल बीत चुके हैं। हमने सोचा था कि आवाज कहीं से तो आएगी, लेकिन हमने कहा कि नहीं; यदि कहीं से आवाज नहीं आएगी तो उत्तर प्रदेश से शुरू करते हैं। विकसित उत्तर प्रदेश के मुद्दे पर 24 घंटे सदन चला
योगी ने कहा- जब मैंने सदन की चर्चा के लिए दलों की बैठक की तो उन्होंने कहा कि हम दूसरी तरह से बोलेंगे। उनसे कहा गया कि सदन को चलने दीजिए जो भी बोलना है बोलिए। सदन चर्चा का एक केंद्र बिंदु बनना चाहिए। पहले सहमति नहीं हो रही थी। चर्चा केवल दिन में ही नहीं होनी चाहिए। एक बार जब चर्चा शुरू हो तो चर्चा 24 घंटे चलनी चाहिए। उसके बाद सभी ने हामी भरी। विकसित उत्तर प्रदेश पर चर्चा भी हुई। सदन जब शुरू होता है तो भीड़ होती रही, लेकिन धीरे-धीरे संख्या कम होती जाती। लेकिन, अंत में बहुत कम संख्या में सदस्य बचे रहते हैं। लेकिन, विकसित उत्तर प्रदेश के मुद्दे पर जब चर्चा शुरू हुई तो रात 11 बजे मैंने वहां जाकर देखा तो विधानसभा में 300 से अधिक सदस्य वहां थे। विधानसभा और विधान परिषद सदस्यों ने अपनी बात रखी
विधान परिषद में 100 में से 70-80 सदस्य मौजूद होकर अपनी बात रख रहे थे। विधानसभा में 190 सदस्यों ने अपनी बात रखी। जिनको मौका नहीं मिला, वे नाराज हो रहे थे कि उन्हें मौका नहीं मिला। यानी चर्चा आगे बढ़ सकती है। उसी चर्चा को आगे बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम को पूरे प्रदेश में चलाया। विकसित उत्तर प्रदेश के लिए 300 विशेषज्ञों की टीम बनाई है। अलग-अलग संस्थाओं में युवा पीढ़ी के साथ उनसे चर्चा के लिए कहा। टीम अलग-अलग 110 अकादमिक संस्थाओं में जाकर भ्रमण की। विकास के मुद्दों पर जनता से संवाद की। अलग-अलग सेक्टर से जुड़े लोगों के विचारों को आमंत्रित भी किया है। विकसित भारत के लिए 9 संकल्प भी लेना होगा
योगी ने कहा- मेरा मानना है कि विचार कभी मरता नहीं है। विचार सामने आया है तो मूर्त रूप भी लेगा। PM ने जब विकसित भारत की बात कही थी तो पंच प्रण के साथ 9 संकल्प की बात भी कही थी। उन्होंने जल के संरक्षण, पर्यावरण की दृष्टि से एक पेड़ मां के नाम, स्वच्छता का मिशन की बात कही। इंसेफ्लाइटिस से 1977 से 2017 तक 50 हजार मौतें हुई थीं। इसके पीछे गंदगी थी। उसे नियंत्रित कर लिया गया। स्वच्छता उसका महत्वपूर्ण कारक था। चौथा आत्मनिर्भरता यानी वोकल फॉर लोकल, पांचवां देश दर्शन, छठा नेचुरल फार्मिंग को बढ़ावा देना। इससे पेस्टीसाइड के साइड इफेक्ट को रोक सकेंगे। एक अनुमान है कि भारत आने वाले दिनों में मधुमेह का बड़ा केंद्र बनने जा रहा है। इसके नियंत्रण के लिए नियमित दिनचर्या पर ध्यान देना होगा। नेचुरल फार्मिंग लागत को कम करता है। सातवां हेल्दी लाइफ स्टाल, 8वां योग और खेल को जीवन में लाना है। हर नगर, हर गांव, हर कस्बे को विकसित बनाने पर काम करना होगा। गरीबों की मदद के लिए आगे आना होगा।