मास दिवस कर दिवस भा मरम न जानइ कोइ। रथ समेत रबि थाकेउ निसा कवन बिधि होइ।। रामचरितमानस की इस चौपाई में गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है कि जब रामलला का जन्म हुआ, तब सूर्य देव अपने रथ से अयोध्या पहुंचे। यहां ऐसा मोहित हुए कि 1 महीने अयोध्या में रहे। इस दौरान अयोध्या में रात नहीं हुई। इसलिए भगवान राम के जन्म पर सूर्य तिलक का विशेष महत्व है। राम सूर्यवंशी थे, यानी सूर्य उनके कुल देवता थे। 22 जनवरी, 2024 को जब राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की गई। तब IIT रुड़की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट ने ऑप्टो मैकेनिकल सिस्टम तैयार किया। प्राण प्रतिष्ठा के बाद पहली राम नवमी 17 अप्रैल, 2024 को मनाई गई थी। उस वक्त पहली बार सूर्य तिलक किया गया, जिसे पूरी दुनिया ने देखा। ऊपर वीडियो पर क्लिक करके समझिए कि राम मंदिर में यह सिस्टम कैसे डेवलप किया गया…