‘विकसित UP’ का 181 विधायकों के पास रोडमैप नहीं:मानसून सत्र में एक-दूसरे की कमियां गिनाते रहे; संजय निषाद-स्वतंत्र देव छाए

यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र खत्म हो चुका है। 4 दिन चले सत्र के पहले दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। पहले दिन के प्रश्नकाल में विपक्ष ने नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय के अपमान को मुद्दा बनाया, वहीं दूसरा दिन फतेहपुर मजार विवाद पर तुरंत चर्चा की मांग न माने जाने पर हंगामेदार रहा। सत्र के आखिरी दो दिन विजन–2047 पर केंद्रित थे। 2047 का उत्तर प्रदेश कैसा हो, इस पर लगातार 26 घंटे दोनों सदनों पर चर्चा हुई। चर्चा में पक्ष-विपक्ष के 189 विधायक-मंत्रियों ने हिस्सा लिया। लेकिन 181 ‘माननीय’ यानी 95% विधायक इस पर कोई सुझाव ही नहीं दे पाए। वे एक–दूसरे के कार्यकाल की खामियां ही गिनाते रह गए। चार दिन के सत्र में सबसे खास चर्चा सिंचाई मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की नींद और उनका बयान–”खाओ बीवी की कसम” ने सुर्खियां बटोरी। इस पर सीएम भी चुटकी लेने से खुद को नहीं रोक पाए। संजय निषाद के विजन–2047 की चर्चा के दौरान सपा पर सीधे फूलन देवी की हत्या का आरोप लगाने पर जहां सत्ता पक्ष ने, वहीं भाजपा के दो विधायकों के आपस में झगड़ने पर विपक्ष ने मजे लिए। सवाल है कि आखिर इस चार दिन के मानसून सत्र में सरकार और पक्ष को क्या हासिल हुआ? पढ़ें ये रिपोर्ट… आक्रामक नजर आए सपा विधायक
विधानसभा में जहां सपा और कांग्रेस विधायकों में जुगलबंदी दिखी। वहीं, सपा विधायक चारों दिन मुखर नजर आए। सपा विधायकों ने पीडब्ल्यूडी, शिक्षा, सिंचाई, हेल्थ और ऊर्जा विभाग से जुड़े जनहित के मुद्दे उठाकर सरकार को घेरा। वहीं नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे और भाजपा जिलाध्यक्ष की अगुआई में फतेहपुर मजार में की गई तोड़फोड़ पर दो दिन का प्रश्नकाल और सत्र चलने नहीं दिया। विजन डॉक्यूमेंट–2047 पर 95% विधायक–मंत्री नहीं दे पाए सुझाव
मानसून सत्र में दो दिन की चर्चा 2047 तक विकसित यूपी पर होनी थी। इस पर विधायकों, मंत्रियों को सुझाव देने थे। परिचर्चा में सीएम, दोनों डिप्टी सीएम, विधानसभा अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष सहित 189 माननीय शामिल हुए। चर्चा में अपनी बात रखने वालों में 143 भाजपा के विधायक–मंत्री, नेता प्रतिपक्ष सहित 38 सपा के और 8 जनसत्ता लोकतांत्रिक दल, निषाद पार्टी, अपना दल, कांग्रेस और सपा के निष्कासित विधायक शामिल थे। लेकिन, 95% कोई सुझाव ही नहीं दे पाए। सरकार के मंत्री भी अपने विभाग का विजन–2047 नहीं पेश कर पाए। विकसित यूपी के इस विजन को कैसे पूरा करेंगे, इसका कोई रोडमैप नहीं बता पाए। इस विजन को पूरा करने के लिए जरूरी वित्तीय संसाधन कैसे जुटाएंगे, ये भी नहीं समझा पाए। उम्मीद थी कि विपक्ष में बैठी सपा, जो 2027 के चुनाव में बाजी पलटने का अभी से दावा कर रही है, उसकी ओर से कुछ सार्थक सुझाव आएंगे। लेकिन उधर से सुझाव की जगह योगी सरकार को उनके विजय संकल्प पत्र 2017 और 2022 के अधूरे कामों पर ही घेरते नजर आए। हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने मंत्रियों के लिए व्यवस्था दी कि वह अपने विभाग का विजन डॉक्यूमेंट पेश कर दें, उसे कार्यवाही में शामिल कर लिया जाएगा। इसी तरह विधायकों को भी अपने सुझाव लिखकर देने की सुविधा दी है। जब राजा भैया ने पक्ष–विपक्ष को दी नसीहत
लोकतांत्रिक जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने पक्ष–विपक्ष को नसीहत दी। विजन डॉक्यूमेंट–2047 पर कहा, इस पर पक्ष–विपक्ष के सदस्यों को सुझाव देने थे। पर अफसोस कि दोनों ओर से आरोप–प्रत्यारोप ही लगाए जाते रहे। उन्होंने सपा पर कटाक्ष करते हुए ये भी कहा कि क्या सीएम योगी ने ऐसा कहा कि 2047 तक वे ही कुर्सी पर रहेंगे। सरकारें आती–जाती रहती हैं, पर विकसित यूपी बने, इसके लिए क्या हम सार्थक सुझाव नहीं दे सकते हैं। इसके बाद उन्होंने विकसित यूपी के लिए अपने सुझाव दिए। ऊर्जा मंत्री एके शर्मा और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक ने भी अपने विभाग के लक्ष्य बताए। वहीं नेता प्रतिपक्ष ने विभागवार सुझाव दिए, जिससे 2047 तक यूपी विकसित बन सके। बारी सीएम योगी आदित्यनाथ की आई तो उन्होंने अपने 2 घंटे 36 मिनट के संबोधन में 2017 से पहले की, 8 साल के अपने कार्यकाल की और अगले 22 वर्षों में यूपी कैसे विकसित बनने की यात्रा तय करेगी, उसका रोडमैप रखा। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव, ओमप्रकाश राजभर व संजय निषाद छाए रहे
मानसून सत्र में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और मत्स्य मंत्री संजय निषाद छाए रहे। स्वतंत्र देव सिंह ने 12 अगस्त को प्रश्नकाल में सपा विधायक मोहम्मद फहीम इरफान को बीबी कसम खाने के लिए बोलकर सदन को ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। इस पर सत्र के आखिरी दिन सीएम योगी ने भी फहीम सहित अपने वित्त मंत्री सुरेश खन्ना की चुटकी ले डाली। विधान परिषद में 24 घंटे के विजन डाक्यूमेंट–2047 की चर्चा में 13 अगस्त की रात स्वतंत्र देव का झपकी लेते वीडियो छाए रहे। सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद की चर्चा के दौरान सपा विधायकों से नोकझोंक होती रही। बीच–बीच में सपा विधायकों के कमेंट ने दोनों मंत्रियों को आक्रोशित कर दिया। संजय निषाद ने अपने संबोधन में सपा पर सीधे फूलन देवी और जमुना निषाद की हत्या का आरोप लगाकर विवाद खड़ा कर दिया। चार दिन के मानसून सत्र में भाजपा–सपा ने क्या हासिल किया?
इसका जवाब वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय ने दिया। बोले- विकास के किसी भी योजना के लिए चिंतन की जरूरत होती है। सरकार ने एक एजेंडा अगले 22 साल को सोच समझकर रखा है। इसे आगे रखकर सदन में मंथन किया। विपक्ष में जो होता है तो ज्यादातर सरकार के मुद्दों पर विरोध करता ही है। सपा ने पहले दिन से ही सरकार की नीतियों और मसौदे के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिए थे। पहले दिन ही सपा के सदस्य जिस तरीके से तख्तियां लेकर पहुंचे थे, वो उनके तेवर बताने के लिए काफी थे। इसके बाद वे हर मुद्दे पर तल्ख अंदाज में सरकार का विरोध करते नजर आए। आखिरी समय पर वे श्री बांके बिहारी मंदिर न्यास अध्यादेश पर सदन का बहिष्कार कर गए। विजन डॉक्यूमेंट 2047 की चर्चा में नेता विरोधी दल माता प्रसाद पांडे ने जहां कई अच्छे सुझाव दिए। वहीं सीएम ने विभागवार विकास का रोडमैप और उसका लक्ष्य बताकर दर्शाया कि उनकी क्या तैयारी है। दोनों ओर की चर्चा में कई और सदस्यों की ओर से भी अच्छे सुझाव रखे गए। 31 घंटे 45 मिनट चला सत्र, 2366 में से 41 प्रश्न ही शामिल हुए
विधानमंडल के मानसून सत्र में विधानसभा की कार्यवाही 31.45 घंटे तक चली। चार दिवसीय सदन 11 अगस्त को 45 मिनट के लिए स्थगित भी रहा। इस तरह सदन की कुल समयावधि 32 घंटा 28 मिनट तक रही। विधानसभा सत्र से पहले पटल पर सभी विधायकों ने कुल 2,366 सवाल लगाए थे। इसमें 543 सवाल तारांकित और 1498 अतारांकित थे। दो दिन के प्रश्नकाल में कुल 41 तारांकित और 363 अतारांकित ही कार्यसूची में शामिल हो सके। नियम-51 के तहत कुल 193 सूचनाएं मिली थीं। इसमें सरकार के ध्यानाकर्षण के लिए 158 स्वीकार हुई तथा 35 सूचनाएं अस्वीकार कर दी गईं। ये 10 विधेयक हुए पास ———– यह खबर भी पढ़िए:- योगी बोले- मुलायम के आखिरी उत्तराधिकारी शिवपाल थे:लेकिन चाचा भी गच्चा खा गए; अखिलेश का पलटवार- उनकी चिंता मत करिए यूपी 2047 में कैसा होना चाहिए? इसके लिए योगी सरकार ने विधानमंडल में 2047 का विजन डॉक्यूमेंट पेश किया। इस पर विधानसभा और विधान परिषद में लगातार 26 घंटे चर्चा हुई। स्पीकर सतीश महाना ने विकसित यूपी को लेकर मत लिया। बहुमत हां में रही। जिन्होंने न में मत दिया, उनको स्पीकर ने कहा- ये क्या बात है, विकसित नहीं कराना चाहते हैं आप, फिर दोबारा पूछा तो ‘ना’ में कोई नहीं बोला तो कहा सर्वसम्मति से पास हो गया। पढ़ें पूरी खबर…