यूपी BJP अध्यक्ष का नाम तय, पंकज चौधरी सबसे आगे:शाह के करीबी, मोदी अचानक घर पहुंचे थे; योगी के गढ़ गोरखपुर से आते हैं

यूपी में भाजपा के नए अध्यक्ष का नाम फाइनल हो गया है। योगी के गढ़ गोरखपुर से आने वाले पंकज चौधरी रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। केंद्र सरकार में मंत्री पंकज चौधरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है। सूत्रों की मानें तो पंकज चौधरी का नाम लगभग तय हो गया है। हालांकि, छह बार के सांसद पंकज चौधरी के नाम का आधिकारिक ऐलान होना अभी बाकी है। बता दें कि गीता प्रेस की स्थापना के 100वर्ष पूरे होने पर 7 जुलाई 2023 को पीएम मोदी गोरखपुर आए थे। कार्यक्रम में शामिल होने के बाद पीएम मोदी पैदल चलकर पंकज चौधरी के घर भी गए थे। इससे पहले सूत्रों के हवाले से बताया गया था कि यूपी का प्रदेश अध्यक्ष OBC वर्ग से ही होगा। पंकज चौधरी के अलावा केंद्रीय मंत्री बीएल वर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति का नाम भी चर्चा में है। पार्टी ने सभी प्रांतीय परिषद सदस्यों को आज लखनऊ पहुंचने का फरमान जारी कर दिया है। इससे पहले भूपेंद्र चौधरी तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए हैं। उन्होंने बीजेपी के कई नेताओं से मुलाकात की है। गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी से उनकी करीब 35 मिनट मुलाकात चली थी। पंकज चौधरी, बीएल वर्मा और साध्वी निरंजन ज्योति सबसे आगे क्यों? 1. पंकज चौधरी, केंद्रीय मंत्री 2. बीएल वर्मा, केंद्रीय मंत्री 3. साध्वी निरंजन ज्योति, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदेश अध्यक्ष की रेस में और कौन-कौन?
उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, यूपी सरकार में मंत्री धर्मपाल सिंह और राज्यसभा सदस्य बाबूराम निषाद के नाम की भी चर्चा है। जबकि, ब्राह्मण वर्ग में राज्यसभा सदस्य डॉक्टर दिनेश शर्मा, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी के नाम पर अटकलें लगाई जा रही हैं। हालांकि, इसकी उम्मीद बहुत कम ही है। मतदान हुआ तो 380 से अधिक प्रांतीय परिषद सदस्य हिस्सा लेंगे
यूपी के चुनाव अधिकारी डॉ. महेंद्र नाथ पांडे ने बताया, प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए चुनाव अधिकारी और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल शनिवार को लखनऊ आएंगे। उसी दिन दोपहर एक बजे से दो बजे तक पार्टी मुख्यालय पर नामांकन पत्र दाखिल कराए जाएंगे। नामांकन प्रक्रिया केंद्रीय चुनाव पर्यवेक्षक और राष्ट्रीय महामंत्री विनोद तावड़े की मौजूदगी में होगी। अगले दिन रविवार को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल चुनाव की प्रक्रिया पूरी कराएंगे। उन्होंने बताया, चुनाव में यदि मतदान की आवश्यकता हुई तो 84 संगठनात्मक जिलों से 380 से अधिक प्रांतीय परिषद के सदस्य मतदान करेंगे। भाजपा के 98 संगठनात्मक जिले हैं, लेकिन अभी 14 जिलों में जिला अध्यक्ष का चयन नहीं हुआ है। इसलिए वह जिले प्रदेश अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया में शामिल नहीं होंगे। मतदान की नौबत नहीं आएगी, निर्विरोध होगा चुनाव
पार्टी सूत्रों का कहना है कि मतदान की नौबत नहीं आएगी। प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल परिषद की बैठक में नेता के नाम का प्रस्ताव रखेंगे। जिस पर CM योगी आदित्यनाथ या कोई अन्य नेता समर्थन करेगा। इसके बाद नाम की घोषणा कर दी जाएगी। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए कम से कम 10 प्रांतीय परिषद सदस्यों के प्रस्तावक और समर्थक होना आवश्यक है। ऐसे में पार्टी की ओर से तय नाम के खिलाफ जाकर किसी भी नेता की नामांकन दाखिल करने की हिम्मत नहीं होगी ना ही कोई प्रांतीय परिषद का सदस्य प्रस्ताव का समर्थन बनने की हिम्मत करेगा। यूपी भाजपा की राजनीतिक दिशा क्या होगी, जानकार कहते हैं- 11 महीने से नए अध्यक्ष का इंतजार
यूपी भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति 15 जनवरी, 2025 को होनी थी। कभी महाराष्ट्र चुनाव, तो कभी यूपी में उपचुनाव। इसके बाद बिहार चुनाव के चलते मामला अटकता चला गया। यूपी भाजपा का अध्यक्ष केवल यूपी ही नहीं, पार्टी की केंद्रीय राजनीतिक के लिए भी महत्वपूर्ण है। 16 दिसंबर, 2025 से खरमास शुरू हो रहा है, लिहाजा दो दिन पहले 14 दिसंबर को प्रदेश अध्यक्ष का चयन हो जाएगा। तो होगा मंत्रिमंडल विस्तार
योगी सरकार 2.0 का दूसरा मंत्रिमंडल विस्तार भी होना है। पूर्व पंचायतीराज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी के प्रदेश अध्यक्ष बनने और पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद के केंद्र सरकार में मंत्री बनने के बाद कैबिनेट मंत्री के पद खाली हैं। आगामी पंचायतीराज चुनाव और विधानसभा चुनाव के चलते सामाजिक समीकरण सेट करने के लिए भी कुछ जातियों का सरकार में प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। दलितों का प्रतिनिधित्व भी बढ़ाया जाना है। भाजपा के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी को भी फिर से मंत्रीमंडल में शामिल किया जाना है। प्रदेश सरकार के मौजूदा मंत्रियों में, जिनके कामकाज को लेकर सरकार, भाजपा और आरएसएस के साथ कार्यकर्ताओं में नाराजगी है, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर भी किया जा सकता है। हालाकि, पार्टी का एक वर्ग चुनाव से पहले किसी को मंत्रिमंडल से बाहर करने के पक्ष में नहीं है। योगी सरकार 2.0 का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 5 मार्च, 2024 को किया गया था। इसमें सुनील शर्मा, दारा सिंह चौहान, रालोद के अनिल कुमार और सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर को मंत्री कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। योगी सरकार में 54 मंत्री, 6 पद खाली
योगी कैबिनेट में वर्तमान में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक सहित कुल 21 कैबिनेट मंत्री हैं। असीम अरुण, गुलाब देवी, जेपीएस राठौर और दयाशंकर सिंह समेत 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार हैं। प्रतिभा शुक्ला, रजनी तिवारी, बलदेव सिंह औलख और जसवंत सिंह सैनी सहित 19 राज्यमंत्री हैं। इस तरह वर्तमान में कुल 54 मंत्री हैं, जबकि कुल 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं। लिहाजा, मंत्रिमंडल के लिए 6 पद खाली हैं। ————————- ये खबर भी पढ़िए लखनऊ में बर्खास्त STF सिपाही की कोठी पर ED रेड:सहारनपुर में राणा बंधु के घर भी छापा; सिरप कांड में 25 ठिकानों पर छापेमारी कफ सिरप तस्करी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने शुक्रवार सुबह बड़ा एक्शन लिया। लखनऊ, रांची और अहमदाबाद समेत देशभर में सिंडिकेट से जुड़े आरोपियों के 25 ठिकानों पर छापा मारा। यूपी की बात करें तो लखनऊ में सुबह 6 बजे टीम STF के बर्खास्त सिपाही आलोक प्रताप सिंह की आलीशान कोठी पर पहुंची और तलाशी कर रही है। पूरी खबर पढ़िए