माफिया मुख्तार के बेटे अब्बास की विधायकी बहाल:बोले- कोर्ट के डर से बहाल किया; हम अपना मुकदमा अपनी कलम से खत्म नहीं करते

माफिया मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी की विधायकी बहाल हो गई है। सोमवार की शाम विधानसभा सचिवालय ने सदस्यता बहाली का आदेश जारी कर दिया। अब मऊ में उपचुनाव नहीं होगा। हाईकोर्ट ने 20 अगस्त को अब्बास अंसारी की अपील पर सुनवाई करते हुए हेट स्पीच मामले में उनकी सजा के आदेश को निलंबित कर दिया था। अब्बास अंसारी ने बीते दिनों विधानसभा में सदस्यता बहाली के लिए आवेदन किया। प्रदेश सरकार हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट नहीं गई। लिहाजा विधानसभा सचिवालय के प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप कुमार दुबे ने अब्बास की सदस्यता बहाली का आदेश जारी कर दिया। फिलहाल अब्बास अंसारी की मुश्किलें कम नहीं हुई हैं। उन पर 9 केस चल रहे हैं। गाजीपुर में व्यापारी की जमीन जबरन हड़पने के मामले में सोमवार को अब्बास अंसारी की CJM कोर्ट में पेशी हुई। व्यापारी ने 2023 में केस दर्ज कराया था। इस दौरान अब्बास अंसारी मीडिया के सवालों से बचते नजर आए। अब्बास अंसारी बोले- हम वो नहीं जो अपनी कलम से मुकदमे खत्म कर दें
विधायकी बहाल होने पर अब्बास अंसारी ने दैनिक भास्कर से कहा- हाईकोर्ट से यह फैसला आए हुए तो महीनों हो गया। एक महीने बाद बहाल कर रहे हैं। यह तो मामला न्यायालय का है। इसमें हम क्या कर सकते हैं। हम तो न्याय पर भरोसा करने वाले आदमी हैं। हम अपनी मांग को लेकर हाईकोर्ट गए थे। हाईकोर्ट ने हमारी मांग को सुनकर फैसला कर दिया था। उसके बाद भी जब इन्होंने बहाल नहीं किया, तो हम हाईकोर्ट दोबारा गए। कंटेम्प्ट आफ कोर्ट किया। जब नोटिस गई है तो आनन फानन में यह लोग आए हैं। तुरंत बहाली की है। आज ही कोर्ट ऑफ कंटेम्प्ट की नोटिस आई है। इनको और इलेक्शन कमीशन को। आज हम एक मुकदमे की तारीख में गाजीपुर भी आए थे। अब्बास अंसारी ने तंज कसते हुए कहा- हम देश के संविधान पर भरोसा करने वाले, लोकतंत्र को मानने वाले लोग हैं। हम वह नहीं है, जो अपना मुकदमा खुद अपनी कलम से खत्म कर दें। किसके साथ सदन में बैठेंगे अब्बास?
अब्बास अब विधानसभा के शीतकालीन सत्र में ही सदन में उपस्थित हो सकेंगे। तब देखने लायक माहौल तब रहेगा, जब अब्बास अंसारी सुभासपा के विधायक होते हुए किसके साथ बैठेंगे? सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर पहले ही कह चुके हैं कि उन्होंने अखिलेश यादव के कहने पर उन्हें टिकट दिया था। यूपी के पहले विधायक अब्बास, जिनकी सदस्यता बहाल हुई
अब्बास अंसारी यूपी के पहले विधायक और देश के तीसरे जनप्रतिनिधि हैं, जिनकी सदस्यता रद्द होने के बाद बहाल हुई है। इससे पहले सांसद राहुल गांधी और अफजाल अंसारी की सांसदी बहाल हुई थी। हाईकोर्ट ने कहा था- क्रिमिनल केस नहीं बनता
मामला 2022 के विधानसभा चुनाव से जुड़ा है। अब्बास सुभासपा के टिकट पर मऊ की सदर सीट से चुनाव लड़ रहे थे। एक जनसभा में अब्बास ने कहा था- सपा मुखिया अखिलेश यादव से कहकर आया हूं, सरकार बनने के बाद 6 महीने तक किसी की ट्रांसफर-पोस्टिंग नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। पहले हिसाब-किताब होगा, फिर ट्रांसफर होगा। उस वक्त सुभासपा और सपा का गठबंधन था। इसके बाद शहर कोतवाली में हेट स्पीच की FIR दर्ज हुई थी। 31 मई को मऊ की MP/MLA कोर्ट ने अब्बास को इस मामले में 2 साल की सजा सुनाई। कोर्ट का आदेश जारी होने के 24 घंटे के भीतर फाइल मऊ से लखनऊ पहुंची। फिर रविवार, (एक जून) को छुट्‌टी के दिन विधानसभा सचिवालय खोलकर उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई और सीट को रिक्त घोषित कर दिया गया। हालांकि, उपचुनाव का ऐलान नहीं हुआ था। 20 अगस्त को हाईकोर्ट के जस्टिस समीर जैन ने मऊ की MP/MLA कोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें अब्बास को 2 साल की सजा सुनाई गई थी। अब्बास के वकील उपेंद्र उपाध्याय ने बताया- 17 जुलाई को सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। हमारी मांगों को कोर्ट ने स्वीकार कर लिया और सजा पर रोक लगा दी। मामले में कुल 5 सुनवाई हुईं। 13 अगस्त को बहस पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। उन्होंने कहा, हमने दलील दी थी कि भाषण के कंटेंट पर किसी भी तरह का आपराधिक केस नहीं बनता। जिन धाराओं में सजा हुई, वे उचित नहीं थीं। यह अधिकतम आचार संहिता के उल्लंघन का मामला हो सकता था, जिसे अनावश्यक रूप से क्रिमिनल केस में बदल दिया गया। अब हेट स्पीच का पूरा मामला समझिए… बात 3 मार्च, 2022 की है। अब्बास ने मऊ के पहाड़पुर मैदान में चुनावी रैली की। इसमें कहा- यहां पर जो आज डंडा चला रहे हैं। अगले मुख्यमंत्री होने वाले अखिलेश भैया से कहकर आया हूं। सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला और तैनाती नहीं होगी। जो जहां है, वहीं रहेगा। जिस-जिस के साथ जो-जो किया है, उसका हिसाब-किताब यहां देना पड़ेगा। इस बयान के बाद चुनाव आयोग ने तब अब्बास अंसारी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए 24 घंटे तक प्रचार पर रोक लगा दी थी। 4 अप्रैल, 2022 को तत्कालीन एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर शहर कोतवाली में FIR दर्ज की गई थी। इसमें अब्बास, उनके छोटे भाई उमर अंसारी और चुनाव एजेंट मंसूर के अलावा 150 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया था। इन पर IPC की धाराएं- 506 (धमकी), 171F (चुनाव प्रक्रिया में बाधा), 186 (लोक सेवक को बाधित करना), 189 (लोक सेवक को धमकाना), 153A (साम्प्रदायिक वैमनस्य) और 120B (षड्यंत्र) जैसी गंभीर धाराएं लगाई गई थीं। अब्बास का वह वीडियो देखिए, जिस पर उन्हें दोषी ठहराया गया था… मऊ कोर्ट ने कहा था- लोकसेवा में भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं
31 मई को मऊ कोर्ट ने अब्बास के साथ उनके चुनाव एजेंट मंसूर अंसारी को भी इस मामले में 6 महीने की सजा सुनाई थी। दोनों पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि, अब्बास के छोटे भाई उमर अंसारी को बरी कर दिया था। जस्टिस डॉ. केपी सिंह ने कहा था- राजनीतिक क्षेत्र जैसी लोकसेवा में भड़काऊ भाषण की कोई जगह नहीं है। यह तब और गंभीर हो जाता है, जब आशय धर्म के आधार पर अव्यवस्था कर चुनाव को डायरेक्ट और इन-डायरेक्ट रूप से प्रभावित करने का हो। सजा होने के बाद कुछ देर बाद ही अब्बास और मंसूर ने 20-20 हजार के बेल बॉन्ड भरकर जमानत ले ली थी। इसके बाद अब्बास घर जाने लगे तो पुलिस कर्मी ने उनकी कार रुकवा ली थी। कहा था- आधे घंटे रुक जाइए। इस पर अब्बास ने कहा था- सुबह से भूखे हैं, खाना खाने के बाद आ जाऊंगा। पुलिसकर्मी ने जवाब दिया- जिले का बॉर्डर क्रॉस मत करिएगा। अब्बास ने पलटकर जवाब दिया था- हम खुद ही फंसे हैं, अब क्या और फंसने का काम करेंगे? तीन साल में महज 2 बार सदन पहुंचे थे अब्बास अंसारी बीते तीन साल में अब्बास अंसारी विधायक रहते सिर्फ दो बार विधानसभा पहुंचे थे। पहली बार शपथ ग्रहण के लिए, दूसरी बार विधानसभा सत्र में। उस वक्त सुभासपा और सपा के बीच गठबंधन था। 29 मार्च, 2022: अब्बास अंसारी ने विधायक पद की शपथ ली थी। उन्होंने X पर लिखा था- आज विधानसभा में शपथ ग्रहण…। आप सबके प्यार, सहयोग और समर्थन ने प्रदेश के सबसे बड़े सदन में मुझे पहुंचाया। मैं अब्बास अंसारी आज शपथ लेते हुए आपसे वादा करता हूं कि आपने जिन उम्मीदों से मुझे ये जिम्मेदारी सौंपी है, उसमें हर कदम पर खरा उतरने की कोशिश करूंगा। 28 मई, 2022: मौका था विधानसभा के सत्र का। अब्बास अंसारी ने सदन में मऊ सदर के बुनकरों का मुद्दा उठाया था। कहा, बिजली की कटौती पर लगाम लगाई जाए। वहीं, पासबुक पर फ्लैट रेट बिजली का मामला, मऊ में ट्रॉमा सेंटर, जर्जर सड़कों की समस्याओं एवं छात्रों के लिए यूनिवर्सिटी बनवाने की मांग रखी थी। तो अब NDA में शामिल होंगे अब्बास अंसारी?
सुभासपा विधानसभा चुनाव में सपा के साथ थी, लेकिन अब वह भाजपा की अगुआई वाले NDA गठबंधन का हिस्सा है। ऐसे में विधायकी बहाल होने के बाद अब्बास अंसारी NDA का हिस्सा हो जाएंगे। सदन में सुभासपा सत्ता पक्ष के साथ बैठती है। तो क्या अब्बास भी वहीं नजर आएंगे? यह एक बड़ा सवाल है। ताऊ अफजाल की भी सांसदी गई थी, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी रोक गाजीपुर की MP/MLA कोर्ट ने 1 मई, 2023 को मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी को गैंगस्टर मामले में 4 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता चली गई थी। हालांकि, 13 दिसंबर, 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा पर रोक लगा दी थी। ———————– ये खबर भी पढ़िए- धीरेंद्र शास्त्री हजरत-ए-आदम की औलाद- बोले मौलाना शहाबुद्दीन:कन्वर्टेड मुसलमान वाले बयान पर सांसद बर्क ने कहा- गुमराह मत करिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के कन्वर्टेड मुसलमान वाले बयान पर मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने सोमवार को कहा- दुनिया में सबसे पहले हजरत आदम आए और तमाम इंसानियत उनकी ही औलाद हैं। धीरेंद्र शास्त्री भी आदम की ही औलाद हैं। असली-नकली का फर्क करने वाला खुद नकली होता है। पढ़ें पूरी खबर…