उत्तर प्रदेश में 100 से भी ज्यादा छोटे-बड़े डैम हैं। उनमें से कुछ प्रमुख डैम रिहंद, माताटीला, शारदा सागर हैं। इस वक्त यूपी के 59 डैम में औसतन 50% से ऊपर पानी भरा है। लेकिन, 12 डैम ऐसे हैं, जिनका जलस्तर 50% से भी कम है। सबसे ज्यादा खाली मीडियम और छोटे साइज के डैम हैं। जिनसे आने वाले समय में सिंचाई और पेयजल व्यवस्था पर असर पड़ सकता है। इस बीच हैरानी की बात ये है कि राज्य के 5 बड़े डैम में से 2 में पानी कम है। हालांकि इस बार पिछले साल की तुलना में बारिश अच्छी हुई है। डैमों की स्थिति भी इस बार संतोषजनक है। लगभग 85% डैम भरे हुए हैं। रिहंद और ओबरा को छोड़कर बाकी सभी डैमों का पानी मुख्य रूप से सिंचाई और पेयजल के लिए इस्तेमाल होता है। एक्सपर्ट का मानना है कि अगर छोटे और मीडियम बांधों में जलस्तर नहीं बढ़ा, तो खरीफ की फसलों और ग्रामीण जलापूर्ति पर असर पड़ सकता है। यूपी में मानसून का आधा से ज्यादा सीजन बीत चुका है। अगस्त महीने में राज्य में कोटे से 2% कम बारिश दर्ज की गई है। स्लाइड में जानिए यूपी के बांधों में पानी की स्थिति पर और क्या असर पड़ेगा… ………………….. ये खबर भी पढ़ें… यूपी में सितंबर में भी होगी अगस्त जैसी बारिश, मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान; जानिए सबसे ज्यादा बारिश कहां हुई यूपी में इस मानसून सीजन कोटे से सिर्फ 2 फीसदी कम बारिश हुई। 1 जून से लेकर 30 अगस्त तक 575 मिमी बारिश हुई, जबकि अनुमान 588.1 मिमी था। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार कोटे से अधिक बारिश होगी। बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी भरी हवाओं के चलते मानसून सक्रिय होने की स्थिति है। अभी पूरे प्रदेश में मानसून की क्या स्थिति है? सितंबर में मानसून का यूपी में क्या हाल रहेगा? किन-किन जिलों में अब तक औसत से कम और अधिक बारिश हुई है? पढ़िए पूरी खबर…