महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ का 47वां दीक्षांत समारोह बुधवार को संपन्न हुआ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा- बेटियों को एक ही बात कहूंगी। अभी लिव-इन-रिलेशन चला है…मत करिए। अच्छा निर्णय करिए। मैंने 50-50 टुकड़े करके बीम में भरने वालों को देखा है। मुझे पिछले 10 दिन से ऐसी जानकारियां मिलती हैं, सुनकर मुझे कष्ट होता है। एक हाईकोर्ट के जज ने मुझसे चिंता व्यक्त की। मेरे सामने पॉक्सो एक्ट के बारे में बताया, जो गलत काम करते हैं, भाग जाते हैं। उन्होंने मुझे बताया कि मैडम एक-दो लोग हैं, हमें न्याय भी देना है। समय नहीं है तो हम क्या करें? आप मदद कीजिए। मैंने कहा- जरूर मदद करेंगे। बोलिए क्या करना है? जज ने मुझसे कहा कि एक काम आप ऐड कर दीजिए कि पॉक्सो एक्ट में जो बच्चियां जहां भी नेपाल आदि में रहती हैं, उनके लिए क्या करना चाहिए। मैंने सभी यूनिवर्सिटी को पत्र भेजा कि आप पता करिए कि कौन कहां रह रहा। मैं केंद्र सरकार में गई तो 40 बेटियों को मेरे सामने बिठाया। मैंने दरवाजा बंद कर दिया। मैं कहा कि मेरे अलावा इधर कोई नहीं रहेगा। चार बेटियों को सुना, फिर मैंने बंद कर दिया कि अब नहीं सुन सकती। एक बेटी ने कहा कि मेरे पिताजी मुझे प्रताड़ित करते थे। एक ने कहा- मामा। तीसरे ने कहा- काका। चौथी ने कहा- पड़ोसी। इसी वजह से बेटियों ने हिम्मत दिखाई। वो पुलिस स्टेशन पर गईं। एफआईआर दर्ज कराईं। पिता की धरपकड़ हुई, अब जेल में गए हैं।
तस्वीरें देखिए- सावधान रहिए, लिवइन समाज सिर्फ शोषण करता है
राज्यपाल ने कहा- इसके बाद हम एक रूम में और गए। जहां 80 लड़कियां थीं। जिन्हें उनके पतियों ने छोड़ दिया था। किसी के पास एक साल का तो किसी के पास 2 महीने का बच्चा था। लिवइन में रहा और पति छोड़ दिया। इसीलिए कहती हूं, सावधान रहिए। ये लिवइन समाज ऐसा है कि बस शोषण करता है। आम की तरह गूदा चूसकर, गुठली फेक देता है। ऐसा ही औरतों के साथ होता है। राज्यपाल ने कहा- दो हॉस्टलों के बीच में जो खाली जगह होती है, उसमें शराब की बोतलें दिखाई देती हैं, ड्रग्स दिखाई देता है। यह बहुत गंभीर और चिंताजनक है। बता दें कि पहली बार काशी विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह कैंपस से बाहर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हुआ। कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुरुआत की। आज 101 छात्रों को 103 गोल्ड मेडल दिए गए। इस बार स्नातकोत्तर में 3 ट्रांसजेंडर को भी उपाधि दी गई। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर सरोज चूड़ामणि AIIMS नई दिल्ली मौजूद रहीं। दीक्षांत से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए नीचे एक-एक ब्लॉग से गुजर जाइए…
तस्वीरें देखिए- सावधान रहिए, लिवइन समाज सिर्फ शोषण करता है
राज्यपाल ने कहा- इसके बाद हम एक रूम में और गए। जहां 80 लड़कियां थीं। जिन्हें उनके पतियों ने छोड़ दिया था। किसी के पास एक साल का तो किसी के पास 2 महीने का बच्चा था। लिवइन में रहा और पति छोड़ दिया। इसीलिए कहती हूं, सावधान रहिए। ये लिवइन समाज ऐसा है कि बस शोषण करता है। आम की तरह गूदा चूसकर, गुठली फेक देता है। ऐसा ही औरतों के साथ होता है। राज्यपाल ने कहा- दो हॉस्टलों के बीच में जो खाली जगह होती है, उसमें शराब की बोतलें दिखाई देती हैं, ड्रग्स दिखाई देता है। यह बहुत गंभीर और चिंताजनक है। बता दें कि पहली बार काशी विद्यापीठ का दीक्षांत समारोह कैंपस से बाहर रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में हुआ। कुलाधिपति और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शुरुआत की। आज 101 छात्रों को 103 गोल्ड मेडल दिए गए। इस बार स्नातकोत्तर में 3 ट्रांसजेंडर को भी उपाधि दी गई। मुख्य अतिथि पद्मश्री प्रोफेसर सरोज चूड़ामणि AIIMS नई दिल्ली मौजूद रहीं। दीक्षांत से जुड़ी पल-पल की अपडेट के लिए नीचे एक-एक ब्लॉग से गुजर जाइए…