बालवीर को रियल जिंदगी में पायलट बनने की चाह:राजनीति में करेंगे पीएचडी, वाइफ के साथ घूम रहे; लखनऊ के बच्चों को खास मैसेज

बालवीर पर्दे पर बुरी शक्तियों से लड़ते हैं, लेकिन उनकी रियल जिंदगी लगभग हर बच्चे जैसी है। बालवीर का रियल नाम देव जोशी है। वह रियल जिंदगी में पायलट बनना चाहते हैं। राजनीति में पीएचडी करने की भी इच्छा है। हाल ही में उनकी शादी हुई है। वह पत्नी के साथ खूब घूम रहे हैं। बीते दिनों लखनऊ पहुंचे बालवीर ने दैनिक भास्कर से बातचीत में यहां के बच्चों को खास मैसेज भी दिया… लखनऊ में चल रहे 14वें इंटरनेशनल चिल्ड्रन फिल्म फेस्टिवल में शिरकत करने बालवीर फेम ‘देव जोशी’ राजधानी पहुंचे। उन्होंने कहा, CMS द्वारा आयोजित यह इवेंट दुनिया का सबसे बड़ा बाल फिल्म महोत्सव है। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में उन्होंने बलवीर के सीजन-5 के लॉन्चिंग से लेकर खुद की करियर प्लानिंग और निजी लाइफ के बारे में बताया। आप भी पढ़िए… लखनऊ आए हैं। कैसा लग रहा? ‘सभी लखनऊ निवासियों को मेरा नमस्कार है। CMS के बाल फिल्म फेस्टिवल में शिरकत करने के लिए लखनऊ पहुंचा हूं। लखनऊ में आज नहीं, हमेशा अच्छा लगता है। बालवीर का पांचवां सीजन आ चुका है। लखनऊ के बच्चे और यूथ उसे देखें। बालवीर रियल लाइफ के चैलेंजेस से कैसे निपटते हैं? ’12 साल की उम्र से मैंने इस किरदार को निभाना शुरू किया था। मेरी पूरी टीनएज इसी में गुजरी है। मेरा किरदार बेहद पॉजिटिव है, जो हमेशा समाज को सकारात्मक सोच देता है। लोगों को अच्छे मैसेज देता है। पर्सनली ये अंदर से चेंज लगता है। भले ही आपके पास रियल लाइफ में वे शक्तियां न हों पर आपकी सोच पॉजिटिव रहती है। इसी सोच के साथ मैं रियल लाइफ के चैलेंजेस से भी निपटने की कोशिश करता हूं।’ बालवीर के अलावा देव जोशी और क्या हैं? फिल्म भी करेंगे? ‘बालवीर सीजन-5 के साथ आ ही रहा है। 7 अप्रैल से सोनी लिव पर बालवीर के 5वें सीजन का आगाज हो गया है। सोमवार से शुक्रवार शाम 5 बजे बच्चे इसके एपिसोड देख पाएंगे। यह बेहद इंटरेस्टिंग होने वाला है। एक्टिंग को हॉबी की तरह देखता हूं, करियर ऑप्शन के रूप में नहीं। इसके साथ मैंने अपनी एकेडमिक लाइफ पर भी फोकस किया है। अभी मैंने इंटरनेशनल अफेयर्स एंड डिप्लोमेसी में मास्टर्स खत्म किया है। स्पेन से पायलट ट्रेनिंग भी कर रहा हूं। अभी जस्ट शादी भी हुई है। वाइफ और परिवार के साथ घूम रहा हूं।’ आप करियर ऑप्शन को लेकर क्या सोचते हैं? ‘मुझे लगता है कि आज के दौर में एक करियर ऑप्शन को पकड़कर बैठ जाना ठीक नहीं है। नई-नई चीजों को सीखते रहना चाहिए। जैसे कोई बिजनेस का अच्छा आइडिया आया तो उसे भी ट्राई कर लेना चाहिए। जैसे मैं पायलट की ट्रेनिंग ले रहा हूं। पॉलिटिकल साइंस से पीएचडी भी करूंगा। करंट अफेयर्स में बहुत इंट्रेस्टेड रहता हूं। न्यूज भी खूब देखता हूं। IPL देखता हूं। मैं चाहता हूं कि और हर पॉसिबल चीज एक्सप्लोर करता रहूं। मानव के तौर पर ग्रो करता रहूं। फैमिली के साथ एक अच्छी लाइफ जीता रहूं।’ मुंबई/दिल्ली और लखनऊ के बच्चों में क्या फर्क देखते हैं? ‘लखनऊ के बच्चे बहुत आगे हैं। उन्हें फिल्म फेस्टिवल में काफी अच्छी फिल्में देखने को मिल रही हैं। 2009 में शुरू हुए इस फिल्म फेस्टिवल से कई बच्चे आगे बढ़े। लखनऊ के बच्चों को ऐसे मौकों में जरूर पार्टिसिपेट करना चाहिए। आज के दौर में जो बच्चे इस फिल्म फेस्टिवल को देख रहे हैं, वे 10-15 साल बाद जब करियर में आगे बढ़ चुके होंगे या गवर्नमेंट सेक्टर में होंगे तो इस फिल्म फेस्टिवल का उन पर क्या प्रभाव हुआ इस बात काे सोच सकते हैं।’ बालवीर के सीजन-1 से लेकर 5 तक क्या बदलाव हुए? ‘काफी कुछ बदलाव हुआ है। करैक्टर से लेकर स्टोरी तक बदल गई। सीजन-1 की जो स्टोरी थी वह बच्चों की थी। स्कूल लाइफ से जुड़ी थी, जिसमें एक बुली बॉय है। बालवीर उससे बचाता है। वह एक बुरी शक्ति है उसके खिलाफ लड़ाई लड़कर जीतता है। यह एक सिंपल स्टोरी थी। जैसे-जैसे बड़े होते हैं, आप टीनएज में आते हैं और फिर यंग होते हैं, तो धीरे-धीरे लाइफ कॉम्पलिकेशन हो जाती हैं। आपके ऊपर जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। ऐसे ही बालवीर की जिंदगी में भी जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं। उसके पास शक्तियां हैं पर वह परिवार के साथ धरती लोक पर रहता है।’ बालवीर के पांचवें सीजन की स्टोरी लाइन क्या है? ‘पैसे कमाने हों या फिर फ्रेंड सर्किल को संभालना हो, बालवीर को सब करना होता है। कहीं-न-कहीं बुरी शक्तियों से लड़ना है तो उसकी कम्पलेक्सिटी एक अलग श्रेणी में पहुंच चुकी है। सीजन-1 की स्टोरी अलग थी। पांचवें सीजन की स्टोरी आज के हिसाब से है। कहीं-न-कहीं बालवीर खुद भी फंस जाता है, तो फिर कैसे उससे निकल कर आता है या फिर उसमें फंस कर ही रह जाता है। यही सीरीज-5 की स्टोरी में हैं।’