‘देखिए, डॉक्टर 10 हजार रुपए महीना लेता है। 1 लाख 20 हजार रुपए हुए साल के… ये पहले हो जाता था 60 हजार रुपए में। अब 60 हजार में मिल जाए (MD pathologist) तो एक लाख रुपए मुझसे ले जाना। कम से कम 80 हजार रुपए साल के लगेंगे।’ यह कहना है, अलीगढ़ के एमडी पैथोलॉजिस्ट डॉ. मनीष कुमार वार्ष्णेय का। पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन के लिए ये अपनी डिग्री किराए पर देने के लिए मोलभाव कर रहे हैं। 2 साल पहले स्वास्थ्य विभाग ने आगरा में जब पैथोलॉजी लैब पर छापेमारी की, तो इनकी डिग्री से चलती 5 लैब मिली थीं, जिन्हें सील कर दिया। कुछ महीने शांत बैठने के बाद अब ये फिर अपनी डिग्री किराए पर देने लगे। इन्हीं जैसे डॉक्टरों की वजह से यूपी में ऐसी लैब खुल गई है, जिन्हें अनाड़ी चला रहे हैं। गलत रिपोर्ट के कारण मरीजों की जान से खिलवाड़ हो रहा है। इन लैब वालों का कारनामा जानिए… मरीजों के साथ धोखाधड़ी के इस खेल में रिटायर्ड CMO भी शामिल हैं। उन्होंने 8 लैब खुलवाईं। वे पहले साल 60 हजार रुपए लेते हैं। फिर हर साल 10 हजार रुपए बढ़ाते हैं। दैनिक भास्कर ने अलीगढ़ व इटावा में 15 दिन इन्वेस्टिगेशन किया। जब इन डॉक्टरों से पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन के लिए हिडन कैमरे पर डील की, तो इन्होंने न केवल रेट बताए, बल्कि कितनी लैब के लिए अपनी डिग्री किराए पर दे रखी है, यह भी बताया। पढ़िए, सिलसिलेवार पूरा खुलासा… हम अलीगढ़ के रामघाट रोड पर गांधी आई हॉस्पिटल के सामने रेक्स डायग्नोस्टिक सेंटर पहुंचे। यहां से हमें डॉ. मनीष का मोबाइल नंबर मिला। उन्हें कॉल कर लैब खोलने के लिए डॉक्टर के डॉक्यूमेंट की जरूरत बताई। रविवार होने के कारण डॉ. मनीष ने मिलने से इनकार कर दिया। लेकिन, जब हमने 200 किमी दूर से आने का हवाला दिया तो एक घंटे बाद मिलने आए। लैब में उनसे बातचीत हुई… डॉ. मनीष: कहां से आए हो? रिपोर्टर: कायमगंज, फर्रुखाबाद जनपद में रहते हैं। दरअसल, हम अपनी लैब शुरू कर रहे हैं। डॉ. मनीष: फाइल कहां जाएगी? रिपोर्टर: कानपुर मंडल में जाएगी, मतलब फर्रुखाबाद में होगा। पॉल्यूशन और बायोवेस्ट कानपुर से बनते हैं। डॉक्टर (MD Pathologist) की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी। डॉ. मनीष: कितना पैसा दे सकते हैं? रिपोर्टर: पहले, साल के हिसाब से लगता था। डॉ. मनीष: कितना लगता था? रिपोर्टर: मेरे एक दोस्त ने खोल थी, उसने एक साल के 60 हजार दिए थे। डॉ. मनीष: 60 हजार रुपए बहुत कम हैं। रिपोर्टर: सर, हम भी नई-नई शुरू कर रहे हैं। अगर, चलता रहेगा तो बढ़िया ही रहेगा। पहली बार ही शुरू कर रहे हैं। डॉ. मनीष: 60 हजार तो कम हैं, देखिए। रिपोर्टर: कितने में हो पाएगा? एक साल के लिए कराएंगे, फिर हर साल कराएंगे। डॉ. मनीष: अब 5 साल के लिए हो रहा है। रिपोर्टर: हां, 5 का ही बताया था। कितना लग जाएगा? डॉ. मनीष: नहीं, वो तो हर साल लिया जाएगा। रिपोर्टर: वहीं तो कह रहे हैं। डॉ. मनीष: देखिए, 10 हजार रुपए महीने लेता है डॉक्टर। 1 लाख 20 हजार रुपए हुए साल के। अब ये पहले हो जाता था 60 हजार रुपए में। अब 60 हजार में मिल जाए (MD pathologist) तो एक लाख रुपए मुझसे ले जाना। MD pathologist कोई 60 हजार रुपए में दे दे विद रजिस्ट्रेशन… तो 1 लाख रुपए मुझसे ले लेना। कम से कम 80 हजार रुपए साल के लगेंगे। 80 या 75… बस…इससे कम नहीं हो पाएगा रिपोर्टर: क्या 80 हजार रुपए साल के लगेंगे? डॉ. मनीष: दे पाओ तो आप हां करना… नहीं तो कोई MBBS लगा लो, कर लो काम, क्या दिक्कत है? रिपोर्टर: MBBS लगाकर हो जाएगा? डॉ. मनीष: हो जाना चाहिए, जाकर CMO ऑफिस में बात करिए आप। आपको सस्ता चाहिए, वहीं के कोई डॉक्टर के कागज लगाकर कर लो काम। रिपोर्टर: और MD pathologist लगाएंगे… उसके 80 हजार लगेंगे? डॉ. मनीष: इससे कम नहीं हो पाएगा। 80 या 75… बस। सोचकर बताने की बात कहकर हम यहां से निकल लिए। बाद में हमने पता किया कि क्या MBBS के नाम से पैथोलॉजी लैब का रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है? तो इसका जवाब ना में मिला। क्योंकि UP Clinical Establishments (Registration Regulation) Act, 2010 और National Medical Commission (NMC) guidelines के अनुसार पैथोलॉजी लैब की जांच रिपोर्ट पर वही डॉक्टर साइन करेगा, जिसके पास MD Pathology या DNB Pathology की डिग्री हो। अलीगढ़ का हाल जानने के बाद हम इटावा पहुंचे। डॉ. बृजेंद्र स्वरूप बिसारिया को फोन लगाया। ये पौड़ी गढ़वाल (संयुक्त यूपी) में CMO रहे हैं। साल 1998 में रिटायर हुए। अब पैथोलॉजी लैब के रजिस्ट्रेशन के लिए अपने डॉक्यूमेंट भाड़े पर देते हैं। डॉ. बिसारिया ने हमें उनके निवास काड़ीलाल की धर्मशाला में बुलाया। यहां दीवार पर इनका नाम लिखा है। पतली सीढ़ियों से हम इनके कमरे में दाखिल हुए… रिपोर्टर: पैसे कितने देने होंगे, हम भी अभी नया शुरू कर रहे हैं? डॉ. बिसारिया: देखो ऐसा है, नए वाले के हम 50 हजार और 60 हजार लेते हैं। फिर पुराना हो जाता है तो एक साल बाद हम 10 हजार बढ़ा देते हैं। रिपोर्टर: अभी आपकी लैब कहां-कहां चल रही हैं? डॉ. बिसारिया: उधर (अलीगंज, कायमगंज) नहीं है एक भी। इटावा और कानपुर की तरफ है। रिपोर्टर: कितनी लैब चल रही हैं, इस समय… 4 या 5? डॉ. बिसारिया: नहीं, 7-8 हैं, उससे तो कोई मतलब है नहीं। पर रजिस्टर्ड जो CMO करते हैं, वो 4-5 ही करते हैं। रिपोर्टर: मुझे पता लगा आप भी CMO रहे हैं। कहां पर रहे हैं? डॉ. बिसारिया: मैं पौड़ी गढ़वाल में। उस समय उत्तराखंड भी यूपी में मिला हुआ था। रिपोर्टर: आप रिटायर कब हुए? डॉ. बिसारिया: 1998 में रिटायर हुए। डॉक्टर बिसारिया से पैसों की डील फाइनल करने के बाद हमने सैंपल के तौर पर एग्रीमेंट के कागज लिए और एक साल का एग्रीमेंट बनवाने के नाम से वहां से निकल लिए। दलाल बोला- अलीगंज, अलीगढ़ से दिलवा दूंगा डॉक्टर कुछ दलाल भी पैथोलॉजी लैब रजिस्ट्रेशन के लिए डॉक्टर दिलवाने का काम कर रहे हैं। हमने कासिम से मुलाकात की। उसने हमें 50 हजार रुपए सालाना कीमत पर डॉक्टर की डिग्री दिलाने की बात की। कासिम: अलीगढ़ से दिलवा दूंगा… डॉक्टर आपको। रिपोर्टर: कितने में हो जाएगा? कासिम: 60-70 हजार में हो जाएगा। हां, 60-70 मांगते हैं… 50 तक हो जाए, तो हो जाएगा आपका। हमें कुछ नहीं चाहिए। रिपोर्टर: हां, ठीक है। कासिम: अलीगंज में भी है, जो डॉक्टर दिलवाते हैं। रिपोर्टर: अच्छा। कासिम: अभी एक डॉक्टर लगाए थे उन्होंने… पटयाली में। अभी रजिस्ट्रेशन हुआ है उनका। हमसे कह भी रहे थे किसी को जरूरत हो डॉक्टर की तो बताना। उनका नंबर लिखिए। रिपोर्टर: ठीक है, अब इनसे सुबह बात कर लेंगे। इनपुट : शिवम कश्यप ————————————— ये इन्वेस्टिगेशन खबरें भी पढ़ें- यूपी में बिना पढ़े 80 हजार में बन रहे डॉक्टर:डिग्री-डिप्लोमा बेच रहे दलाल बोले– कश्मीर तक के लोग भी ले गए यूपी में पैसे लेकर एक से छह महीने में फर्जी डॉक्टर बनाए जा रहे हैं। दलाल बैक डेट में डिग्री दिलाने का दावा कर रहे हैं। कहते हैं- कश्मीर तक के लोग यहां से डिग्री लेकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। दलालों का ये पूरा कबूलनामा भास्कर के हिडन कैमरे में कैद हुआ। 17 मई, 2025 को यूपी के हापुड़ में मोनाड यूनिवर्सिटी के जरिए बड़े पैमाने पर डिग्रियां बेचने का खुलासा हुआ था। पढ़िए पूरी खबर यूपी के कॉलेजों में बिना परीक्षा पास होने की गारंटी:विधायक-पूर्व मंत्री के कॉलेज भी; घर बैठे 3 लाख में LLB कीजिए यूपी के प्राइवेट कॉलेजों में पैसे देकर कोई भी डिग्री खरीदी जा सकती है। इनमें ज्यादातर कॉलेज पॉवरफुल लोगों के हैं। जिनमें पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक और बिजनेसमैन शामिल हैं। यहां BSc, BA की परीक्षाएं और प्रैक्टिकल न देने के हर पेपर पर रेट फिक्स हैं। सामूहिक नकल कराकर 90% नंबरों से पास करने का दावा किया जा रहा। घर बैठे 3 लाख रुपए में LLB और 4.40 लाख में PhD करा रहे हैं। पढ़ें पूरी खबर यूपी में मंत्री-विधायक के रिश्तेदारों को बांटी नौकरियां:इनमें 55% ठाकुर, जांच करने आए अफसर के भतीजे की भी नौकरी लगी पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी और पूर्व सहकारिता मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा… आप सोच रहे होंगे कि आखिर यूपी की सत्ता से जुड़े ये दो नाम क्यों लिए हैं? तो हम आपको बता दें कि यह सिर्फ दो नाम नहीं हैं, बल्कि इन जैसे सत्ता से जुड़े 10 ताकतवर लोगों के नाम निकलकर सामने आए हैं, जिनके बेटे-बेटियों को लखीमपुर अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक में नियुक्तियां दीं। इतना ही नहीं बैंक में 27 नियुक्तियां की। इनमें 55% यानी 15 ठाकुर बिरादरी के हैं। केवल 2 एससी-एसटी को नौकरी दी, जबकि 6 को देना था। पढ़ें पूरी खबर